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भारतीय रिज़र्व बैंक ने ‘विकेंद्रीकरण को मज़बूती प्रदान करना - तेरहवें वित्त आयुक्त द्वारा राज्यों की समेकित निधि बढ़ाना : एक प्रमाणिक दृष्टिकोण" पर अध्ययन जारी किया

13 अगस्त 2009

भारतीय रिज़र्व बैंक ने ‘विकेंद्रीकरण को मज़बूती प्रदान करना - तेरहवें वित्त आयुक्त द्वारा
राज्यों की समेकित निधि बढ़ाना : एक प्रमाणिक दृष्टिकोण" पर अध्ययन जारी किया

भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा आज जारी ‘विकेंद्रीकरण को मज़बूती प्रदान करना - तेरहवें वित्त आयुक्त द्वारा राज्यों की समेकित निधि बढ़ाना : प्रामाणिक दृष्टिकोण" पर अध्ययन तेरहवें वित्त आयुक्त के संदर्भित शर्तों से संबंधित हैं।

अध्ययन के लेखक श्री अभय पीठे, मुंबई विश्वविद्यालय तथा रिज़र्व बैंक के अनुसंधान स्टाफ सदस्य (श्री बी.एम.मिश्र, परामर्शदाता, आर्थिक विश्लेषण और नीति विभाग और कुमारी राखी पी.बी., अनुसंधान अधिकारी, आर्थिक विश्लेषण और नीति विभाग) का अभिमत है कि केंद्र और राज्य वित्तों में हाल ही की गतिविधियों को ध्यान में रखते हुए स्थानीय निकाय अनुदानों के व्यष्टि अभिकल्प को सुदृढ़ बनाने की आवश्यकता है। इस अध्ययन में इस बात पर भी ज़ोर दिया गया है कि सभी राज्यों के स्थानीय निकाय अनुदानों के अंतरण के लिए मानदण्डों पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता है। यह अध्ययन रिज़र्व बैंक के विकास अनुसंधान समूह के सहयोग से आयोजित किया गया था। समग्रत: यह अध्ययन निम्नलिखित सुझाव प्रस्तुत करता है -

  • स्थानीय निकाय अनुदान के रूप में 94,451 करोड़ रुपए उपलब्ध कराना

  • पूँजी बाजार चलाने के लिए स्थानीय निकायों को सहायता देने हेतु 6,000 करोड़ रुपए की प्रोत्साहन निधि स्थापित करना

  • केंद्र करों में हिस्से के लिए अंतरण फार्मुला में विकेंद्रीकरण के उपाय शामिल करना

  • स्थानीय निकायों को अनुदान बिना शर्त रखना

  • यह सुनिश्चित करना कि स्थानीय निकाय अनुदान राजकोषीय वर्ष के दौरान समान रूप से बाँटा जाता है

  • यह सुनिश्चित करना कि राज्य सरकारें स्थानीय सरकार स्तर पर स्थानीय निकाय अनुदानों को त्वरीत और सक्षमता से अंतरित करती हैं

  • राज्य वित्त आयुक्तों को एक-समान टेम्प्लेट उपलब्ध कराना

  • राज्य सरकारों को स्थानीय निकायों के लिए आँकड़ा भंडार स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित करना

  • राजकोषीय विशेषज्ञों का एक केंद्रीय समूह गठित करना जिनमें से राज्य सरकारें राज्य वित्त आयुक्त कम-से-कम एक सदस्य का चयन कर सकता है

  • राज्य वित्त आयुक्त के क्षेत्र में प्रगति करने के लिए केंद्र करों में हिस्से को जारी करने को जोड़ने में राज्य सरकारों को एक समय सीमा प्रदान करना   

  • प्रमाणिक आधार पर स्थानीय निकायों को अनुदानों का आकलन करना

  • जब तक विकेंद्रीकरण सच्च में तैयार हो जाता है और राज्य वित्त आयुक्त सुव्यवस्थित और प्रतिष्ठित बन जाते हैं तब तक स्थानीय निकायों (जिला स्तर पर) से सीधे बात करें और उनको संसाधन सीधे अंतरित करने पर विचार करें।

डटिप्पणी: विकास अनुसंधान समूह का गठन रिज़र्व बैंक के आर्थिक विश्लेषण और नीति विभाग द्वारा वर्तमान रूचि के विषयों पर मज़बूत विश्लेषणात्मक और व्यावहारिक आधार के विषयों पर प्रभावी नीतियुक्त अनुसंधान करने के लिए किया गया है। इन अध्ययनों में दिए गए अभिमत लेखक के स्वयं के हैं और यह रिज़र्व बैंक के अभिमत को प्रदर्शित नहीं करते हैं।

जी.रघुराज
उप महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी : 2009-2010/245

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