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भारतीय रिज़र्व बैंक ने मोबाईल बैंकिंग लेनदेन पर सीमाएं हटाई

23 दिसंबर 2011

भारतीय रिज़र्व बैंक ने मोबाईल बैंकिंग लेनदेन पर सीमाएं हटाई

भारतीय रिज़र्व बैंक ने कल मोबाई बैंकिंग पर वर्ष 2009 में अधिदेशित दिशानिर्देशों के अंतर्गत प्रति ग्राहक प्रति दिन 50,000 रुपये की सीमा को हटा दिया।  बैंक अब अपने बोर्ड के अनुमोदन से अपनी जोखिम और अवधारणा पर आधारित प्रति लेनदेन सीमाएं लागू करने के लिए स्‍वतंत्र हैं।

वर्ष 2008 में रिज़र्व बैंक द्वारा भारत में मोबाईल बैंकिंग लेनदेन पर जारी पहले दिशानिर्देश ने इस माध्‍यम के द्वारा निधि अंतरण लेनदेन पर कतिपय मौद्रिक प्रतिबंध लागू किए थे क्‍योंकि उस समय मोबाइल प्रौद्योगिकी अपेक्षाकृत नई थी। इन मौद्रिक प्रतिबंधों में बैंकों से प्राप्‍त अनुरोध तथा देश में मोबाईल बैंकिंग के लिए महत्‍व प्रदान करने की ज़रूरत के आधार पर दिसंबर 2009 में रियायत दी गई थी।

बैंक लगातार अपने ग्राहकों को मोबाईल बैंकिंग सुविधाएं (वित्‍तीय) प्रदान कर रहे हैं। आज की तारीख में रिज़र्व बैंक ने यह सेवा प्रदान करने के लिए 52 बैंकों को अनुमोदित किया है। मोबाईल बैंकिंग के माध्‍यम से वर्ष 2009-10 में 2.32 मिलियन (मूल्‍य - 1,915.78 मिलियन) की तुलना में वर्ष 2010-11 में कुल लेनदेन 9.60 मिलियन (मूल्‍य - 7,806.48 मिलियन) किए गए थे- जिसमें मात्रा और मूल्‍य के अनुसार 300 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी हुई। भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआइ) द्वारा विकसित और परिचालित अंतर बैंक मोबाइल भुगतान सेवा (आइएमपीएस) ने भी  वि​भिन्न बैंकों में खातों के बीच मोबाइल फोन माध्यम के द्वारा तत्काल नि​धियों के अंतरण को सहायता दी है।

मोबाइल प्रौद्योगिकी में गतिवि​धियों, मोबाइल एक्सेस उपकरणों की बढ़ती हुई जटिलता, दूरस्थ संयोजन के विकल्पों में वृद्धि और मोबाइल अनुप्रयोग सुरक्षा के अनुसरण में वि​भि​न्न माध्यमों में अंतर करना अस्पष्ट होता जा रहा है। रिज़र्व बैंक ने इंटरनेट बैकिंग जैसे अन्य माध्यमों के द्वारा एक खाते से दूसरे खाते में निधि​​यों के अंतरण पर कोई सीमा निर्धारित ​​नहीं की है।

अजीत प्रसाद
सहायक महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी : 2011-2012/999

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