भारतीय रिज़र्व बैंक ने एसएआरएफएइएसआइ अधिनियम, 2002 के अंतर्गत उधारकर्ता के कारोबार के प्रबंधन में परिवर्तन अथवा अधिग्रहण पर अभिमत आमंत्रित किया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने एसएआरएफएइएसआइ अधिनियम, 2002 के अंतर्गत उधारकर्ता के कारोबार के प्रबंधन में परिवर्तन अथवा अधिग्रहण पर अभिमत आमंत्रित किया
05 दिसंबर 2008 भारतीय रिज़र्व बैंक ने एसएआरएफएइएसआइ अधिनियम, 2002 भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर प्रतिभूतिकरण और पुनर्संरचना कंपनियों के लिए प्रारूप विनियामक दिशानिर्देश जारी किया। यह प्रारूप दिशानिर्देश प्रतिभूतिकरण कंपनियों/पुनर्संरचना कंपनियों द्वारा उधारकर्ता के कारोबार के प्रंबंधन में परिवर्तन अथवा अधिग्रहण से संबंधित है। रिज़र्व बैंक ने बैंकों, वित्तीय संस्थाओं, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों, प्रतिभूतिकरण कंपनियों, पुनर्संरचना कंपनियों, चैंबर्स ऑफ कॉमर्स और आम जनता से इन प्रारूप दिशानिर्देशों पर अभिमत आमंत्रित किया है। प्रतिक्रियाएं 60 दिनों के भीतर इ-मेल से भेजी जा सकती हैं। भारतीय रिज़र्व बैंक ने एसएआरएफएइएसआइ अधिनियम, 2002 (वित्तीय आस्ति का प्रतिभूतिकरण और पुनर्संरचना एवं प्रतिभूति ब्याज का प्रवर्तन अधिनियम, 2002) की धारा 9(ए) के अंतर्गत इन दिशानिर्देशों को तैयार किया है। सबीता बाडकर प्रेस प्रकाशनी : 2008-2009/837 |