भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जमाकर्ता शिक्षा और जागरूकता निधि योजना पर आम जनता से टिप्पणियों की मांग - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जमाकर्ता शिक्षा और जागरूकता निधि योजना पर आम जनता से टिप्पणियों की मांग
21 जनवरी 2014 भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जमाकर्ता शिक्षा और जागरूकता निधि योजना पर भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर आम जनता के परामर्श के लिए जमाकर्ता शिक्षा और जागरूकता निधि योजना का प्रारूप जारी किया है। आम जनता, बैंक, अकादमियां, उद्योग और अन्य स्टेकधारक इस योजना पर अपनी टिप्पणियां 5 फरवरी 2014 तक ई-मेल द्वारा भेज सकते हैं। पृष्ठभूमि बैंककारी कानून (संशोधन) अधिनियम 2012 में किए गए संशोधन के अनुसार बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 में धारा 26ए जोड़ी गई है जो रिज़र्व बैंक को जमाकर्ता शिक्षा और जागरूकता निधि नामक कोष स्थापित करने का अधिकार प्रदान करती है। इस निधि का सृजन उन निष्क्रिय जमाखातों के द्वारा किया जाएगा जिनका 10 वर्ष या इससे अधिक अवधि से दावा नहीं किया गया है या परिचालित नहीं किया गया है अथवा 10 वर्षों की अवधि के समाप्त होने से तीन महीनों की अवधि के अंदर 10 वर्षों से अधिक समय तक दावा न की गई जमाराशि या राशि से किया जाएगा। इस निधि का उपयोग जमाकर्ताओं के हित संवर्धन तथा रिज़र्व बैंक द्वारा जमाकर्ताओं के संवर्धन के लिए समय-समय पर विनिर्दिष्ट आवश्यक अन्य प्रयोजन हेतु किया जाएगा। तथापि, जमाकर्ता को 10 वर्ष समाप्त होने के बाद बैंक से अपनी जमाराशि का दावा करने या अपने खाते को परिचालित करने का अधिकार होगा चाहे दावा न की गई जमाराशि निधियां कोष में अंतरित कर दी गई हों। बैंक जमाकर्ता को जमाराशि का भुगतान करने और कोष से ऐसी राशि को वापस लेने का दावा करने के लिए उत्तरदायी होगा। अजीत प्रसाद प्रेस प्रकाशनी : 2013-2014/1458 |