3 अगस्त 2011 भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंक में ग्राहक सेवा पर रिपोर्ट पर आम जनता से अभिमत मॉंगा भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर बैंक में ग्राहक सेवा पर समिति की रिपोर्ट जारी किया तथा आम जनता / सभी स्टेकधारकों से समिति की अनुशंसाओं पर अभिमत/प्रतिसूचना की मॉंग की। अभिमत/प्रतिसूचना अधिक से अधिक 27 अगस्त 2011 तक इ-मेल किए जा सकते हैं अथवा मुख्य महाप्रबंधक, ग्राहक सेवा विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, केंद्रीय कार्यालय, अमर भवन, पहली मंजि़ल, सर पी.एम.रोड, मुबई-400001 को डाक/कुरियर से भेजे जा सकते हैं अथवा 91-22-22630482 /22631744 पर फैक्स किए जा सकते हैं। इस समिति की प्रमुख अनुसंशाएं इस प्रकार हैं :
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शुल्क मुक्त सामान्य बैंक कॉल संख्या का सृजन
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न्यूनतम शेष निर्धारण के बगैर बिल्कुल सादा बचत खाता उपलब्ध कराना
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तृतीय पक्ष अपने ग्राहक को जाने (केवाइसी) डेटा बैंक का गठन
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मूलभूत सेवाओं के लिए सेवा प्रभारों का निर्धारण
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विवेकसम्मत मूल्य पर छोटे प्रेषण उपलब्ध कराना
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गैर-विभेदमूलक आधार पर अस्थिर दर आवास ऋण उपलब्ध कराना
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बैंकों की अभिरक्षा में सत्वाधिकार अभिलेखों की देरी से वापसी/हानि के लिए क्षतिपूर्ति
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एटीएम और ऑन-लाइन लेनदेन में क्षति के बदले शून्य देयता
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निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम कवर को ₹ 5,00,000 तक बढ़ाया जाना
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बार-बार आने वाले यात्रियों के लिए ₹50,000 तक के पूर्वदत्त लिखत
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डेबिट कार्डों के लिए विभेदक व्यापारिक बट्टा/शुल्क
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कार्डों का स्व-वैयक्तीकरण ताकि ग्राहक अंतर्राष्ट्रीय उपयोग के लिए सीमा/परिचालन क्षेत्र/सक्रियता का निर्धारण कर सकें
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खोए हुए/दुरूपयोग किए गए कार्डों के लिए एसएमएस-अवरूद्धता के माध्यम से एटीएम कार्ड को तत्काल अवरूद्ध किया जाना
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फोटोग्राफ के साथ चिप आधारित कार्ड यूरो भुगतान मास्टर विज़ा (इएमवी) में अंतरण
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प्रत्येक बैंक में शिकायत निवारण के लिए मुख्य ग्राहक सेवा अधिकारी (सीसीएसओ)
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किसी कोर बैंकिंग समाधान (सीबीएस) शाखा में पेंशनधारियों के लिए जीवन पमाणपत्र की प्रस्तुति
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सीबीएस में वरिष्ठ नागरिक स्थिति का स्वचालित रूप से अद्यतन किया जाना
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उत्तर-पूर्व में शाखा विस्तार के माध्यम से वित्तीय समावेशन
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कागज़हीन निधि अंतरणों की ओर जाना
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निरीक्षणों के माध्यम से ग्राहक सेवा के नियमों का पालन सुनिश्चित करना
पृष्ठभूमि भारतीय रिज़र्व बैंक ने श्री एम. दामोदरन, पूर्व अध्यक्ष भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड की अध्यक्षता में पेंशनधारियों सहित खुदरा और छोटे ग्राहकों को प्रदान की जाने वाली बैंकिंग सेवाओं की जॉंच के लिए एक समिति का गठन किया था। इस समिति से यह जॉंच करना भी अपेक्षित था -
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बैंकों में प्रचलित शिकायत निवारण व्यवस्था की प्रणाली, इसका ढॉंचा और प्रभावोत्पादकता तथा शिकायतों के त्वरित समाधान के लिए उपाय प्रस्तावित करना,
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बैंकिंग लोकपाल योजना की कार्यपद्धति, इसका ढॉंचा, विधिक ढॉंचा तथा इसे अधिक प्रभावी और उत्तरदायी बनाने के लिए उपाय अनुशंसित करना,
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बैंक उत्पादों और सेवाओं के लिए इंटरनेट और सूचना प्रौद्योगिकी के बढ़ते हुए उपयोग के आलोक में कानूनी पहलुओं सहित समुचित अभिरक्षा के साथ बेहतर ग्राहक सेवा हेतु प्रौद्योगिकी सेवा प्रदान करने की संभावित पद्धति तथा ग्राहक सुरक्षा को बढ़ाने के लिए उपाय अनुशंसित करना, और
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ग्राहक सेवा मामलो में बैंक के निदेशक बोर्ड की भूमिका तथा नियंत्रकों की भूमिका
इस समिति ने ग्राहक सेवा के सभी पहलुओं - निष्पक्ष व्यवहार, पेंशनधारियों के प्रति सेवा में सुधार, छोटे और ग्रामीण ग्राहकों के प्रति बैंक स्टाफ की प्रवृत्ति, सेवा प्रभार और शुल्क, ऋण, परिचालन में पारदर्शिता, शिकायत निवारण, सेवा में तत्परता, नए उत्पादों पर शिक्षा और जानकारी, सेवाओं, ग्राहक के अधिकार, प्रत्याशाओं आदि पर संपूर्ण देश के विभिन्न स्टेकधारकों से चर्चा की। इसने आम जनता से सुझाव मॉंगे थे। समिति की अपील की प्रतिक्रिया में इ-मेल, फैक्स और डाक के माध्यम से आम जनता से 1,000 से अधिक सुझाव प्राप्त हुए। चर्चाओं और प्राप्त सुझावों के आधार पर समिति ने 4 जुलाई 2011 को रिज़र्व बैंक को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की थी। अजीत प्रसाद सहायक महाप्रबंधक प्रेस प्रकाशनी : 2011-2012/177 |