बैंक रविवार को जनता को सिक्के वितरित करें/गंदे - आरबीआई - Reserve Bank of India
बैंक रविवार को जनता को सिक्के वितरित करें/गंदे
बैंक रविवार को जनता को सिक्के वितरित करें/गंदे
नोट बदलें : रिज़र्व बैंक
3 सितंबर 2002
‘स्वच्छ नोट नीति’ को लागू करने के एक और प्रयास के रूप में भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंकों को सूचित किया है कि वे महीने में किसी एक रविवार को अपनी करेंसी चेस्ट शाखाओं में से कुछ को खुला रखने पर विचार करें ताकि जनता को करेंसी नोट बदलने तथा सिक्के वितरित करने के लिए ही कुछ काउंटर खुले रखे जा सकें। पिछले सप्ताह बैंकों को लिखे गये पत्र में भारतीय रिज़र्व बैंक के उप गवर्नर श्री वेपा कामेसम ने इस बात का उल्लेख किया कि रविवार को विनिमय की सुविधाएं केवल अलग-अलग व्यक्तियों के लिए होनी चाहिए। उप गवर्नर ने बैंकों को सूचित किया है कि वे शुरुआत के तौर पर इस मुहिम को सितंबर से तीन महीने के लिए प्रायोगिक तौर पर चुनिंदा प्रमुख (पाइलट) केंद्रों पर चलायें। रिज़र्व बैंक ने शाखाओं के चयन का काम बैंकों पर छोड़ दिया है ताकि वे किसी क्षेत्र विशेष में सिक्कों की किल्लत और गंदे नोटों के परिचालन में होने के अपने आकलन के आधार पर शाखाओं का चयन कर सकें और रिज़र्व बैंक को मुहिम की सफलता के बारे में मासिक आधार पर फीडबैक दे सकें।
केंद्रीय बैंक की सलाह पर अमल करते हुए एक बैंक ने सिक्कों के वितरण तथा गंदे और कटे-फटे नोट बदलने के लिए सितंबर के पहले रविवार को बेंगलूर, हैदराबाद, कालिकट, चेन्नै में पहले ही शुरुआत कर दी है और ये मुहिम तीन महीने तक जारी रहेगी।
करेंसी नोट मुद्रण का कार्य करनेवाली चार प्रेसों से जनता को बहुत अधिक मात्रा में अच्छी क्वालिटी के करेंसी नोट उपलब्ध कराने के अलावा, रिज़र्व बैंक ने परिचालन से गंदे नोट हटाने की तरफ भी ध्यान दिया है। गंदे नोटों को आसानी से बदल सकने की सुविधा के लिए बैंक ने 1986 में नोट वापसी नियमावली के अंतर्गत गैर-करेंसी चेस्ट शाखाओं सहित सरकारी क्षेत्र के बैंकों की सभी शाखाओं को समस्त अधिकार सौंप दिये थे। पिछले सप्ताह, केंद्रीय बैंक ने सरकारी संगठनों, उदाहरण के लिए सरकारी क्षेत्र के उद्यमों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, सहकारी बैंकों, ख्यातिप्राप्त तथा राष्ट्रीय/क्षेत्रीय स्तर के सामाजिक कल्याण संगठनों से इस आशय के लिए आवेदनपत्र आमंत्रित किये हैं ताकि वे अपने ग्राहकों/सदस्यों तक सिक्के पहुंचाने के प्रयासों में सहायक हो सकें। सरकारी क्षेत्र के बैंकों के देशभर में फैले चुनिंदा रविवार एक्सचेंज काउंटर देश के भीतरी भागों में महसूस की जा रही कठिनाइयों को कम करने में सहायक होने चाहिए।
अल्पना किल्लावाला
महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी : 2002-2003/248