रिज़र्व बैंक वर्किंग पेपर सं 02/2022: भारत में परिवारों की मुद्रास्फीति की अपेक्षाओं का संज्ञान लेना - आरबीआई - Reserve Bank of India
रिज़र्व बैंक वर्किंग पेपर सं 02/2022: भारत में परिवारों की मुद्रास्फीति की अपेक्षाओं का संज्ञान लेना
11 जनवरी 2022 रिज़र्व बैंक वर्किंग पेपर सं 02/2022: भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर भारतीय रिज़र्व बैंक वर्किंग पेपर श्रृंखला1 के तहत “भारत में परिवारों की मुद्रास्फीति की अपेक्षाओं का संज्ञान लेना" शीर्षक से एक वर्किंग पेपर रखा। पेपर का लेखन देवेंद्र प्रताप सिंह, आदित्य मिश्रा और पूर्णिमा शॉ ने किया है। यह पेपर परिवारों की मुद्रास्फीति अपेक्षाओं को कैप्चर करने के महत्व पर जोर देता है। तर्कसंगत अपेक्षाओं की परिभाषा के आधार पर, यह विकसित और उभरती अर्थव्यवस्थाओं में परिवारों या उपभोक्ताओं की तुलना में भारत में परिवारों की मुद्रास्फीति अपेक्षाओं की विशेषताओं का अध्ययन करता है। अध्ययन से संकेत मिलता है कि अधिकांश अन्य अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में भारत में अपेक्षाकृत उच्च पूर्वाग्रह को छोड़कर, भारत में मुद्रास्फीति की अपेक्षाओं की विशेषताएं अन्य देशों जैसे संयुक्त राज्य अमेरिका, इंग्लैंड, जापान, न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका, चेक गणराज्य, फिलीपींस और रूस के समान हैं। परिवारों की मुद्रास्फीति अपेक्षाओं को कैप्चर करने के उद्देश्यों को स्वीकार करते हुए, यह पेपर मुद्रास्फीति प्रत्याशा डेटा का उपयोग करके मुद्रास्फीति की भविष्यवाणी करने में चुनौतियों का अध्ययन करता है। यह आगे मानता है कि विभिन्न उपभोक्ता वस्तुओं में मूल्य आघात से, उपभोग टोकरी में उनके भार के बावजूद, परिवारों की मुद्रास्फीति के विचारों पर असंगत प्रभाव हो सकता है। इसके अलावा, यह अध्ययन इस बात पर प्रकाश डालता है कि कैसे परिवार कई कारकों के आधार पर अपने बचत व्यवहार और पोर्टफोलियो को बदलते हैं, उनमें से एक भविष्य की मुद्रास्फीति के बारे में उनकी भावनाएं हैं। विश्लेषण इस क्षेत्र में आगे के शोध के लिए मार्ग खोलता है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2021-2022/1529 1 भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने रिज़र्व बैंक वर्किंग पेपर श्रृंखला की शुरुआत मार्च 2011 में की थी। ये पेपर भारतीय रिज़र्व बैंक के स्टाफ सदस्यों और कभी-कभी बाहरी सह-लेखकों, जब अनुसंधान संयुक्त रूप से किया जाता है, के अनुसंधान की प्रगति पर शोध प्रस्तुत करते हैं। उन्हें टिप्पणियों और आगे की चर्चा के लिए प्रसारित किया जाता है। इन पेपरों में व्यक्त विचार लेखकों के हैं और जरूरी नहीं कि वे जिस संस्थान (संस्थाओं) से संबंधित हैं, उनके विचार हों। अभिमत और टिप्पणियां कृपया लेखकों को भेजी जाएं। इन पेपरों के उद्धरण और उपयोग में इनके अनंतिम स्वरूप का ध्यान रखा जाए। |