रिज़र्व बैंक वर्किंग पेपर सं. 03/2022: भारत के बाह्य वाणिज्यिक उधार: निर्धारक तत्व और इष्टतम बचाव अनुपात - आरबीआई - Reserve Bank of India
रिज़र्व बैंक वर्किंग पेपर सं. 03/2022: भारत के बाह्य वाणिज्यिक उधार: निर्धारक तत्व और इष्टतम बचाव अनुपात
21 जनवरी 2022 रिज़र्व बैंक वर्किंग पेपर सं. 03/2022: भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर “भारत के बाह्य वाणिज्यिक उधार: निर्धारक तत्व और इष्टतम बचाव अनुपात" शीर्षक से एक वर्किंग पेपर* रखा। पेपर का लेखन रंजीव ने किया है। यह पेपर भारत में फर्मों द्वारा लिए गए बाह्य वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) के निर्धारक तत्वों की जांच करता है और ईसीबी पोर्टफोलियो के लिए एक इष्टतम बचाव अनुपात की पहचान करता है। इसमें यह पता चलता है कि जारी किए गए ईसीबी पर, भारतीय रुपये के मूल्यह्रास का लघु और लंबे समय में प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। विदेशी मुद्रा बाजार में उच्च अस्थिरता की अवधि के लिए ईसीबी पोर्टफोलियो के लिए इष्टतम बचाव अनुपात 63 प्रतिशत अनुमानित है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2021-2022/1583 * भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने रिज़र्व बैंक वर्किंग पेपर श्रृंखला की शुरुआत मार्च 2011 में की थी। ये पेपर भारतीय रिज़र्व बैंक के स्टाफ सदस्यों और कभी-कभी बाहरी सह-लेखकों, जब अनुसंधान संयुक्त रूप से किया जाता है, के अनुसंधान की प्रगति पर शोध प्रस्तुत करते हैं।. उन्हें टिप्पणियों और आगे की चर्चा के लिए प्रसारित किया जाता है। इन पेपरों में व्यक्त विचार लेखकों के हैं और जरूरी नहीं कि वे जिस संस्थान (संस्थाओं) से संबंधित हैं, उनके विचार हों। अभिमत और टिप्पणियां कृपया लेखकों को भेजी जाएं। इन पेपरों के उद्धरण और उपयोग में इनके अनंतिम स्वरूप का ध्यान रखा जाए। |