रिज़र्व बैंक वर्किंग पेपर सं. 04/2020: अनिश्चितता का व्यापक आर्थिक (मैक्रोइकॉनॉमिक) प्रभाव: भारत के संदर्भ में बिग डेटा विश्लेषण - आरबीआई - Reserve Bank of India
रिज़र्व बैंक वर्किंग पेपर सं. 04/2020: अनिश्चितता का व्यापक आर्थिक (मैक्रोइकॉनॉमिक) प्रभाव: भारत के संदर्भ में बिग डेटा विश्लेषण
17 मार्च 2020 रिज़र्व बैंक वर्किंग पेपर सं. 04/2020: भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर भारतीय रिज़र्व बैंक वर्किंग पेपर श्रृंखला* के अंतर्गत “अनिश्चितता का व्यापक आर्थिक (मैक्रोइकॉनॉमिक) प्रभाव: भारत के संदर्भ में बिग डेटा विश्लेषण” शीर्षक से वर्किंग पेपर प्रकाशित किया। यह पेपर नलिन प्रियरंजन और भानु प्रताप द्वारा लिखा गया है। पेपर अपने आर्थिक प्रभाव और माप सहित व्यापक आर्थिक अनिश्चितता पर उभरते साहित्य की समीक्षा करता है। विशेष रूप से, अध्ययन भारतीय संदर्भ में अनिश्चितता को मापने के लिए तीन वैकल्पिक सूचकांकों का निर्माण करने के लिए एक नए डेटासेट -जिसमें अखबार के लेख और इंटरनेट खोज से सघन डेटा शामिल हैं- का उपयोग करता है । इसके अलावा, एक स्थानीय अनुमान आधारित अर्थमितीय ढांचे का उपयोग करते हुए, अध्ययन बताता है कि अनिश्चितता के झटके वित्तीय बाजारों के साथ-साथ भारत में वास्तविक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करते हैं। परिणामों से संकेत मिलता है कि निवेश गतिविधि और वास्तविक जीडीपी विकास दोनों अर्थव्यवस्था में बढ़ रही अनिश्चितता के कारण प्रभावित होते हैं। पेपर का निष्कर्ष है कि इस तरह के अनिश्चितता सूचकांक नीतिगत सिमुलेशन अभ्यास को मजबूत करने में और अनिश्चितता के लिए उच्च स्तर की संवेदनशीलता प्रदर्शित करनेवाले व्यापक आर्थिक चरों संबंधी निकट-अवधि के अनुमान को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं । अजीत प्रसाद प्रेस प्रकाशनी: 2019-2020/2076 * रिज़र्व बैंक ने आरबीआई वर्किंग पेपर श्रृंखला की शुरुआत मार्च 2011 में की थी। ये पेपर रिज़र्व बैंक के स्टाफ सदस्यों द्वारा किए जा रहे अनुसंधान प्रस्तुत करते हैं और अभिमत प्राप्त करने और इस पर अधिक चर्चा के लिए इन्हें प्रसारित किया जाता है। इन पेपरों में व्यक्त विचार लेखकों के होते हैं, भारतीय रिज़र्व बैंक के नहीं होते हैं। अभिमत और टिप्पणियां कृपया लेखकों को भेजी जाएं। इन पेपरों के उद्धरण और उपयोग में इनके अनंतिम स्वरूप का ध्यान रखा जाए। |