भारतीय रिज़र्व बैंक वर्किंग पेपर सं. 05/2018: भारत का निवेश चक्रः अनुभवजन्य जांच - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक वर्किंग पेपर सं. 05/2018: भारत का निवेश चक्रः अनुभवजन्य जांच
16 अक्टूबर 2018 भारतीय रिज़र्व बैंक वर्किंग पेपर सं. 05/2018: भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर भारतीय रिज़र्व बैंक वर्किंग पेपर श्रृंखला* के अंतर्गत भारत का निवेश चक्रः अनुभवजन्य जांच शीर्षक से वर्किंग पेपर उपलब्ध कराया है। यह पेपर जनक राज, सत्यानन्द साहू और शिव शंकर द्वारा लिखा गया है। यह पेपर निवेश चक्र की अवधि का अनुमान लगाता है और भारत में निवेश गतिविधि के निर्धारक तत्वों की जांच करता है। पेपर के निष्कर्ष के अनुसार, भारत में वास्तविक दर ने 1950-51 से 2017-18 की अवधि के दौरान तीन वर्षीय चक्र का अनुसरण किया। व्यापक रूप से दो वर्ष और उससे ऊपर की अवधि के संकुचन/विस्तार की नौ घटनाएं हुई। 2011-12 से 2015-16 तक निवेश गतिविधि में गिरावट प्रवृत्ति और चक्रीय दोनों प्रकार के घटकों के कारण हुई। निवेश गतिविधि का अपघटन सुझाता है कि प्रवृत्ति घटक 2011-12 से निरंतर रूप से कम हुआ है, चक्रीय घटक 2016-17 से बदला है। निवेश चक्र में चालू सुधार का अनुमान 2022-23 तक चलने का लगाया गया है जब निवेश दर वर्तमान 31.4 प्रतिशत से बढ़कर 33.0 प्रतिशत हो सकती है। अध्ययन में यह भी पाया गया है कि जीडीपी वृद्धि, वास्तविक ब्याज दर और बैंक क्रेडिट भारत में निवेश गतिविधि के प्रमुख निर्धारक तत्व हैं। सकल राजकोषीय घाटे की वजह से निवेश गतिविधि का कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा है। * रिज़र्व बैंक ने आरबीआई वर्किंग पेपर श्रृंखला की शुरुआत मार्च 2011 में की थी। ये पेपर रिज़र्व बैंक के स्टाफ सदस्यों द्वारा किए जा रहे अनुसंधान प्रस्तुत करते हैं और अभिमत प्राप्त करने और इस पर अधिक चर्चा के लिए इन्हें प्रसारित किया जाता है। इन पेपरों में व्यक्त विचार लेखकों के होते हैं, भारतीय रिज़र्व बैंक के नहीं होते हैं। अभिमत और टिप्पणियां कृपया लेखकों को भेजी जाएं। इन पेपरों के उद्धरण और उपयोग में इनके अनंतिम स्वरूप का ध्यान रखा जाए। अजीत प्रसाद प्रेस प्रकाशनी : 2018-2019/892 |