रिज़र्व बैंक वर्किंग पेपर सं. 05/2019: अमेरिका से भारतीय बाजारों के लिए टर्म प्रीमियम स्पिलओवर - आरबीआई - Reserve Bank of India
रिज़र्व बैंक वर्किंग पेपर सं. 05/2019: अमेरिका से भारतीय बाजारों के लिए टर्म प्रीमियम स्पिलओवर
30 दिसंबर 2019 रिज़र्व बैंक वर्किंग पेपर सं. 05/2019: भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर भारतीय रिज़र्व बैंक वर्किंग पेपर श्रृंखला* के अंतर्गत “अमेरिका से भारतीय बाजारों के लिए टर्म प्रीमियम स्पिलओवर” शीर्षक से वर्किंग पेपर उपलब्ध कराया है। यह पेपर अर्चना दिलीप द्वारा लिखा गया है। यह पेपर भारत में टर्म प्रीमियम का अनुमान और विश्लेषण प्रस्तुत करता है और सॉवरेन बॉण्ड प्रतिफल के यूएस टर्म संरचना से भारत को झटके की अंतर्संयोजनात्मकता और संचरण का आकलन करता है। टर्म प्रीमियम का अनुमान प्रतिफल को दो घटकों में विघटित करके लगाया जाता है- जोखिम-तटस्थ दर जो भविष्य की अल्पकालिक दरों की अपेक्षाओं को प्रतिबिम्बित करता है; और टर्म प्रीमियम जो भविष्य की केंद्रीय बैंक नीति, मुद्रास्फीति और वृद्धि झटके के निवेशकों के अनुमानों को कैप्चर करता है। पेपर भारत में प्रीमियम को प्रभावित करने वाले दो महत्वपूर्ण कारकों के रूप में मुद्रास्फीति की अस्थिरता और मौद्रिक नीति अनिश्चितता की पहचान कराता है। इसके अलावा, अनुभवजन्य निष्कर्षों से संकेत मिलता है कि अप्रैल 2009 से अप्रैल 2019 तक नमूना अवधि के दौरान भारत में अमेरिकी खजाना प्रतिफल और सरकारी प्रतिभूति प्रतिफल के बीच स्पिलओवर में वृद्धि हुई है। इस पेपर में समृद्ध वित्तीय एकीकरण और अस्थिर बॉण्ड बाजारों के साथ मजबूत स्पिलओवर का पता चलता है। इस पेपर से यह निष्कर्ष निकालता है कि दीर्घकालिक प्रतिफल के लिए, जोखिम-तटस्थ दरों वाले चैनल की तुलना टर्म प्रीमियम चैनल एक मजबूत संचरण चैनल है। अजीत प्रसाद प्रेस प्रकाशनी: 2019-2020/1542 * रिज़र्व बैंक ने आरबीआई वर्किंग पेपर श्रृंखला की शुरुआत मार्च 2011 में की थी। ये पेपर रिज़र्व बैंक के स्टाफ सदस्यों द्वारा किए जा रहे अनुसंधान प्रस्तुत करते हैं और अभिमत प्राप्त करने और इस पर अधिक चर्चा के लिए इन्हें प्रसारित किया जाता है। इन पेपरों में व्यक्त विचार लेखकों के होते हैं, भारतीय रिज़र्व बैंक के नहीं होते हैं। अभिमत और टिप्पणियां कृपया लेखकों को भेजी जाएं। इन पेपरों के उद्धरण और उपयोग में इनके अनंतिम स्वरूप का ध्यान रखा जाए। |