रिज़र्व बैंक वर्किंग पेपर सं. 5/2021- निवेश गतिकी का पुनर्मूल्यांकन - भारतीय कॉर्पोरेट क्षेत्र के लीवरेज और निवेश में नई अंतर्दृष्टि - आरबीआई - Reserve Bank of India
रिज़र्व बैंक वर्किंग पेपर सं. 5/2021- निवेश गतिकी का पुनर्मूल्यांकन - भारतीय कॉर्पोरेट क्षेत्र के लीवरेज और निवेश में नई अंतर्दृष्टि
16 दिसंबर 2021 रिज़र्व बैंक वर्किंग पेपर सं. 5/2021- निवेश गतिकी का पुनर्मूल्यांकन - भारतीय कॉर्पोरेट क्षेत्र के लीवरेज और भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर भारतीय रिज़र्व बैंक वर्किंग पेपर श्रृंखला के तहत* “निवेश गतिकी का पुनर्मूल्यांकन - भारतीय कॉर्पोरेट क्षेत्र के लीवरेज और निवेश में नई अंतर्दृष्टि" शीर्षक से एक वर्किंग पेपर रखा। इस पेपर का लेखन देबा प्रसाद रथ और सुजीश कुमार ने किया है। विश्व स्तर पर और साथ ही भारत में चल रहे कमजोर निवेश के संदर्भ में टिकाऊ संवृद्धि प्राप्त करने में निवेश की महत्व को देखते हुए, यह पेपर 'संवर्धित त्वरक' परिकल्पना के दृष्टिकोण से भारत में निवेश गतिकी की समीक्षा करता है और जांच करता है कि क्या मैक्रो और वित्तीय कारकों का संयोजन, भारतीय अर्थव्यवस्था में निवेश के रुझान को बेहतर ढंग से बताते हैं। अध्ययन से प्राप्त प्रमुख निष्कर्ष इस प्रकार हैं:
(योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2021-2022/1372 * रिज़र्व बैंक ने रिज़र्व बैंक वर्किंग पेपर श्रृंखला की शुरुआत मार्च 2011 में की थी। ये पेपर भारतीय रिज़र्व बैंक के स्टाफ सदस्यों और कभी-कभी बाहरी सह-लेखकों, जब अनुसंधान संयुक्त रूप से किया जाता है, के अनुसंधान की प्रगति पर शोध प्रस्तुत करते हैं। उन्हें टिप्पणियों और आगे की चर्चा के लिए प्रसारित किया जाता है। । इन पेपरों में व्यक्त विचार लेखकों के हैं और जरूरी नहीं कि वे जिस संस्थान (संस्थाओं) से संबंधित हैं, उनके विचार हों। अभिमत और टिप्पणियां कृपया लेखकों को भेजी जाएं। इन पेपरों के उद्धरण और उपयोग में इनके अनंतिम स्वरूप का ध्यान रखा जाए। |