रिज़र्व बैंक वर्किंग पेपर सं. 05/2022: क्षमता उपयोग पर सर्वेक्षण आधारित गुणात्मक प्रतिक्रियाओं का परिमाणीकरण - भारत के लिए विश्लेषण - आरबीआई - Reserve Bank of India
रिज़र्व बैंक वर्किंग पेपर सं. 05/2022: क्षमता उपयोग पर सर्वेक्षण आधारित गुणात्मक प्रतिक्रियाओं का परिमाणीकरण - भारत के लिए विश्लेषण
27 जनवरी 2022 रिज़र्व बैंक वर्किंग पेपर सं. 05/2022: भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर भारतीय रिज़र्व बैंक वर्किंग पेपर श्रृंखला* के तहत “क्षमता उपयोग पर सर्वेक्षण आधारित गुणात्मक प्रतिक्रियाओं का परिमाणीकरण - भारत के लिए विश्लेषण" शीर्षक से एक वर्किंग पेपर रखा। पेपर का लेखन जी.पी. सामंत और सयंतिका भौमिक ने किया है। यह पेपर क्षमता उपयोग के मात्रात्मक अनुमानों को ट्रैक करने या उसका अनुमान लगाने में क्षमता उपयोग (सीयू) पर सर्वेक्षण-आधारित गुणात्मक जानकारी की प्रभावकारिता की जांच करने पर केंद्रित है, जो आर्थिक सुस्ती का आकलन करने में मदद करता है और समग्र मांग की स्थिति, मुद्रास्फीति के दबाव और अर्थव्यवस्था में मौजूदा निवेश स्थितियों के संबंध में उपयोगी अंतर्दृष्टि प्रदान करता है। प्रतिस्पर्धी मॉडलों पर आधारित अनुभवजन्य परिणामों से पता चलता है कि यद्यपि लोकप्रिय प्रसार सूचकांक या बैलेंस सांख्यिकी या निवल प्रतिक्रिया (नेट रिस्पांस) जैसे गुणात्मक प्रतिक्रियाओं के सार उपाय, क्षमता उपयोग के उपयोगी संकेतक हैं; कभी-कभी, वे अनुमानों में सकारात्मक पूर्वाग्रह पैदा करते हैं। तथापि, पूर्वानुमान की सटीकता में "सीयू में वृद्धि/सुधार" और "सीयू में गिरावट/क्षरण" पर अलग-अलग प्रतिशत प्रतिक्रियाओं को नियोजित करके सुधार किया जा सकता है। मौजूदा तिमाही और एक तिमाही आगे के अनुमान में सीयू के दोनों आकलन के परिणाम मजबूत हैं। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2021-2022/1618 * भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने रिज़र्व बैंक वर्किंग पेपर श्रृंखला की शुरुआत मार्च 2011 में की थी। ये पेपर भारतीय रिज़र्व बैंक के स्टाफ सदस्यों और कभी-कभी बाहरी सह-लेखकों, जब अनुसंधान संयुक्त रूप से किया जाता है, के अनुसंधान की प्रगति पर शोध प्रस्तुत करते हैं। उन्हें टिप्पणियों और आगे की चर्चा के लिए प्रसारित किया जाता है। इन पेपरों में व्यक्त विचार लेखकों के हैं और जरूरी नहीं कि वे जिस संस्थान (संस्थाओं) से संबंधित हैं, उनके विचार हों। अभिमत और टिप्पणियां कृपया लेखकों को भेजी जाएं। इन पेपरों के उद्धरण और उपयोग में इनके अनंतिम स्वरूप का ध्यान रखा जाए। |