रिज़र्व बैंक वर्किंग पेपर सं. 6/2021: मुद्रास्फीति के पूर्वानुमान के लिए मांग और आपूर्ति पर एक वैकल्पिक परिप्रेक्ष्य - आरबीआई - Reserve Bank of India
रिज़र्व बैंक वर्किंग पेपर सं. 6/2021: मुद्रास्फीति के पूर्वानुमान के लिए मांग और आपूर्ति पर एक वैकल्पिक परिप्रेक्ष्य
16 दिसंबर 2021 रिज़र्व बैंक वर्किंग पेपर सं. 6/2021: भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर भारतीय रिज़र्व बैंक वर्किंग पेपर श्रृंखला1 के तहत “मुद्रास्फीति के पूर्वानुमान के लिए मांग और आपूर्ति पर एक वैकल्पिक परिप्रेक्ष्य" शीर्षक से एक वर्किंग पेपर रखा। पेपर का लेखन सौरभ शर्मा, और इप्सिता पाढी ने किया है। यह पेपर बायेसियन डायनेमिक फैक्टर मॉडल का उपयोग करके अर्थव्यवस्था में मांग-आपूर्ति असंतुलन को मापने के लिए एक नई विधि विकसित करता है। मांग-आपूर्ति असंतुलन के अनुमानित सूचकांक का हेडलाइन मुद्रास्फीति के साथ एक अनियत सहबद्धता पाई गई। उत्पादन अंतराल और क्षमता उपयोग के स्तर जैसे सुस्ती के अन्य पारंपरिक उपायों की तुलना में यह हेडलाइन मुद्रास्फीति का एक प्रतिस्पर्धी भविष्यवक्ता भी पाया जाता है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2021-2022/1373 1 रिज़र्व बैंक ने रिज़र्व बैंक वर्किंग पेपर श्रृंखला की शुरुआत मार्च 2011 में की थी। ये पेपर भारतीय रिज़र्व बैंक के स्टाफ सदस्यों और कभी-कभी बाहरी सह-लेखकों, जब अनुसंधान संयुक्त रूप से किया जाता है, के अनुसंधान की प्रगति पर शोध प्रस्तुत करते हैं और उन्हें टिप्पणियों और आगे की चर्चा के लिए प्रसारित किया जाता है। इन पेपरों में व्यक्त विचार लेखकों के हैं और जरूरी नहीं कि वे जिस संस्थान (संस्थाओं) से संबंधित हैं, उनके विचार हों। अभिमत और टिप्पणियां कृपया लेखकों को भेजी जाएं। इन पेपरों के उद्धरण और उपयोग में इनके अनंतिम स्वरूप का ध्यान रखा जाए। |