भारतीय रिज़र्व बैंक वर्किंग पेपर सं. 09 / 2024: भारत के लिए राज्य-स्तरीय मुद्रास्फीति पूर्वानुमान: परिवारों के मुद्रास्फीति प्रत्याशा सर्वेक्षण से प्राप्त आंकड़ों पर आधारित - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक वर्किंग पेपर सं. 09 / 2024: भारत के लिए राज्य-स्तरीय मुद्रास्फीति पूर्वानुमान: परिवारों के मुद्रास्फीति प्रत्याशा सर्वेक्षण से प्राप्त आंकड़ों पर आधारित
आज भारतीय रिज़र्व बैंक ने अपनी वेबसाइट पर भारतीय रिज़र्व बैंक वर्किंग पेपर श्रृंखला के अंतर्गत, “भारत के लिए राज्य-स्तरीय मुद्रास्फीति पूर्वानुमान: परिवारों के मुद्रास्फीति प्रत्याशा सर्वेक्षण से प्राप्त आंकड़ों पर आधारित” शीर्षक से एक वर्किंग पेपर जारी किया है।1 इस पेपर के सह-लेखक पूर्णिमा शॉ और आर. के. सिन्हा हैं। भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) के परिवारों के मुद्रास्फीति प्रत्याशा सर्वेक्षण (आईईएसएच) ने मार्च 2024 में अपना 90वां दौर पूरा कर लिया। इस सर्वेक्षण की ऐतिहासिक श्रृंखला का उपयोग करते हुए, यह पत्र राज्य-स्तरीय मुद्रास्फीति पूर्वानुमान प्रदान करता है। पारंपरिक प्रतिगमन-आधारित पूर्वानुमान से हटकर, यह पत्र मुद्रास्फीति प्रत्याशाओं के मॉडलिंग के लिए एक नया दृष्टिकोण प्रस्तावित करता है, जो न केवल केंद्र-वार सर्वेक्षण डेटा और राज्य-वार मुद्रास्फीति डेटा का उपयोग करता है, बल्कि आगे की सटीकता प्राप्त करने के लिए उत्तरदाताओं की मुद्रास्फीति प्रत्याशाओं को उपयुक्त रूप से पुनर्वितरित भी करता है। अधिकांश राज्यों/संघ शासित प्रदेशों के लिए, सर्वेक्षण पूर्वानुमानों, पूर्वाग्रह-समायोजित सर्वेक्षण पूर्वानुमानों और रैखिक प्रतिगमन-आधारित पूर्वानुमानों की त्रुटियों की तुलना में, प्रस्तावित पद्धति का उपयोग करके प्राप्त राज्य-स्तरीय वर्तमान अनुमानों/पूर्वानुमानों में वर्तमान अनुमानों/पूर्वानुमानों त्रुटियों की मात्रा में स्पष्ट कमी दिखाई देती है। वर्तमान अनुमानों /पूर्वानुमानों के दिशात्मक मिलानों की आवृत्ति का प्रतिशत तथा वास्तविक मुद्रास्फीति के आंकड़ों भी ध्यान देने योग्य है।
(पुनीत पंचोली) प्रेस प्रकाशनी: 2024-2025/1823 [1] भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने रिज़र्व बैंक वर्किंग पेपर शृंखला की शुरुआत मार्च 2011 में की थी। ये पेपर भारतीय रिज़र्व बैंक के स्टाफ सदस्यों और कभी-कभी बाहरी सह-लेखकों, जब अनुसंधान संयुक्त रूप से किया जाता है, के अनुसंधान की प्रगति पर शोध प्रस्तुत करते हैं। इन्हें टिप्पणियों और अतिरिक्त चर्चा के लिए प्रसारित किया जाता है। इन पेपरों में व्यक्त विचार लेखकों के हैं न कि उनसे संबंधित संस्थान (संस्थाओं) के। अभिमत और टिप्पणियां कृपया लेखकों को भेजी जाएं। इन पेपरों के उद्धरण और उपयोग में इनके अनंतिम स्वरूप का ध्यान रखा जाए। |