रिज़र्व बैंक वर्किंग पेपर सं. 10/2020: क्या खाद्य मूल्य वास्तव में लचीले हैं? भारत से साक्ष्य - आरबीआई - Reserve Bank of India
रिज़र्व बैंक वर्किंग पेपर सं. 10/2020: क्या खाद्य मूल्य वास्तव में लचीले हैं? भारत से साक्ष्य
23 सितंबर 2020 रिज़र्व बैंक वर्किंग पेपर सं. 10/2020: क्या खाद्य मूल्य वास्तव में लचीले हैं? भारत से साक्ष्य भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर भारतीय रिज़र्व बैंक वर्किंग पेपर श्रृंखला1 के तहत "क्या खाद्य मूल्य वास्तव में लचीले हैं? भारत से साक्ष्य" शीर्षक से एक वर्किंग पेपर रखा। पेपर का लेखन जीवी नाधानेल द्वारा किया गया है। पेपर भारत में खाद्य क्षेत्र में मूल्य निर्धारण गतिविधि को एक नोवेल सूक्ष्म स्तर डेटासेट का उपयोग करते हुए देखता है। पेपर फिर से पुष्टि करता है कि लचीली कीमतों की पारंपरिक धारणा के विपरीत, भारत में खाद्य कीमतों में मूल्य स्थिरता की डिग्री अलग-अलग होती है, उत्पाद समूह विशेषताओं और मूल्य स्थिरता की स्थानिक भिन्नता द्वारा संचालित मूल्य स्थिरता में विषमता के लिए साक्ष्य का दस्तावेजीकरण होता है। पेपर यह भी दर्शाता है कि खाद्य क्षेत्र में मूल्य निर्धारण की गतिविधि मोटे तौर पर स्थिर मूल्य मॉडल के अनुमानों से मेल खाता है। भारतीय खाद्य कीमतों के लिए एक कैलिब्रेटेड मेनू लागत मॉडल से पता चलता है कि उत्पाद समूहों में मूल्य स्थिरता में अंतर के लिए उत्पादकता प्रक्रियाओं, बाजार की शक्ति और मेनू लागत में अंतर हो सकता है। पेपर स्थिर खाद्य मुद्रास्फीति की गणना करता है - एक स्थिर पुन:भारित खाद्य मूल्य सूचकांक पर आधारित है – यह दिखाने के लिए कि यह कोर मुद्रास्फीति (अर्थात खाद्य और ईंधन से इतर सीपीआई) के पारंपरिक उपाय के साथ पूरी तरह से संरेखित नहीं होता है। यह इस बात पर प्रकाश डालता है कि खाद्य मुद्रास्फीति के स्थिर घटक पर ध्यान देना – कोर मुद्रास्फीति के अलावा - भारत में मौद्रिक नीति के संचालन के लिए क्यूं महत्वपूर्ण है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2020-2021/375 1 रिज़र्व बैंक ने आरबीआई वर्किंग पेपर श्रृंखला की शुरुआत मार्च 2011 में की थी। ये पेपर रिज़र्व बैंक के स्टाफ सदस्यों द्वारा किए जा रहे अनुसंधान प्रस्तुत करते हैं और अभिमत प्राप्त करने और इस पर अधिक चर्चा के लिए इन्हें प्रसारित किया जाता है। इन पेपरों में व्यक्त विचार लेखकों के होते हैं, भारतीय रिज़र्व बैंक के नहीं होते हैं। अभिमत और टिप्पणियां कृपया लेखकों को भेजी जाएं। इन पेपरों के उद्धरण और उपयोग में इनके अनंतिम स्वरूप का ध्यान रखा जाए। |