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आरबीआई वर्किंग पेपर श्रृंखला 11 :  भारत में प्रमुखसमष्टि-आर्थिक चर वस्‍तुओं का पूर्वानुमान : रैखिक, अरैखिक मॉडलों और पूर्वानुमान के मिश्रित रूपों की तुलना

26 दिसंबर 2014

आरबीआईवर्किंग पेपर श्रृंखला 11 : 
भारत में प्रमुखसमष्टि-आर्थिक चर वस्‍तुओं का पूर्वानुमान :
रैखिक, अरैखिक मॉडलों और पूर्वानुमान के मिश्रित रूपों की तुलना

भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर भारतीय रिज़र्व बैंक वर्किंग पेपर श्रृंखला के अंतर्गत ‘‘भारत में प्रमुखसमष्टि-आर्थिक चर वस्‍तुओं का पूर्वानुमान : रैखिक, अरैखिक मॉडलों और पूर्वानुमान मिश्रित रूपों की तुलना’’ नामक वर्किंग पेपर प्रस्‍तुत किया है। यह पत्र भारतीय रिज़र्व बैंक के सांख्यिकी और सूचना प्रबंध विभाग से संबद्ध अनिर्बन सानयाल और इंद्रजीत राय द्वारा लिखा गया है।    

इस पत्र में रैखिक, अरैखिक समय श्रृंखला मॉडलों के साथ-साथ भारतीय परिप्रेक्ष्‍य में प्रमुख समष्टि-आर्थिक चर वस्‍तुओं - जैसे औद्योगिक उत्‍पादन सूचकांक (आईआईपी) की मासिक श्रृंखला और सकल देशी उत्‍पाद (जीडीपी) की तिमाही श्रृंखला - के पूर्वानुमान में इन दोनों के मिश्रित मॉडलों की परिशुद्धता का मूल्‍यांकन किया गया है।

इस पत्र में यह पाया गया है कि जहां तक अल्‍प अ‍वधि (1 से 6 माह) में आईआईपी (और उसके उप घटक सहित) का प्रश्‍न है पूर्वानुमान के मिश्रित मॉडल (मीडियन) का कार्य-निष्‍पादन रैखिक व अरैखिक मॉडलिंग ढांचे के कार्य-निष्‍पादन की तुलना में कुछ हद तक बेहतर है। वहीं, दीर्घ अवधि को लें तो रैखिक व मिश्रित मॉडलों पूर्वानुमान की तुलना में अरैखिक मॉडलों का कार्य-निष्‍पादन अपेक्षाकृत बेहतर है। जीडीपी (और उसके उप घटक) श्रृंखला के मामले में मीडियन पूर्वानुमान प्रकार के मिश्रित मॉडल का कार्य-निष्‍पादन अल्‍प अवधि और दीर्घ अवधि दोनों में अपेक्षाकृत बेहतर है।           

इसके अलावा, इस पत्र में यह भी पाया है कि जिन पूर्वानुमान के मिश्रित मॉडलों में दीर्घावधिक स्‍मृति के स्‍वरूप की श्रृंखला/निम्‍न अस्थिर श्रृंखला का प्रयोग किया जाता है उनकी परिशुद्धता का स्‍तर बेहतर होता है।

* भारतीय रिज़र्व बैंक ने मार्च 2011 में आरबीआई वर्किंग पेपर श्रृंखला की शुरूआत की थी। ये पेपर रिज़र्व बैंक के स्टाफ सदस्यों की प्रगति में अनुसंधान प्रस्तुत करते हैं और इन्हें अभिमत प्राप्त करने और आगे चर्चा करने के लिए प्रसारित किया जाता है। इन पेपरों में व्यक्त विचार लेखकों के होते हैं, रिज़र्व बैंक के नहीं। अभिमत और टिप्पणियां कृपया लेखकों को भेजी जाएं। इन पेपरों के उद्धरण और उपयोग में इनके अनंतिम गुण का ध्यान रखा जाए।

अजीत प्रसाद
सहायक महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी : 2014-2015/1334

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