आरबीआई वर्किंग पेपर श्रृंखला संख्या 5/2017: भारत में उपभोक्ता और थोक मूल्य सूचकांकों की तुलना: विचलन के गुणधर्मों और स्रोतों का विश्लेषण - आरबीआई - Reserve Bank of India
आरबीआई वर्किंग पेपर श्रृंखला संख्या 5/2017: भारत में उपभोक्ता और थोक मूल्य सूचकांकों की तुलना: विचलन के गुणधर्मों और स्रोतों का विश्लेषण
24 मार्च 2017 आरबीआई वर्किंग पेपर श्रृंखला संख्या 5/2017 भारतीय रिजर्व बैंक ने अपनी वेबसाइट पर आज भारतीय रिजर्व बैंक वर्किंग पेपर श्रृंखला के तहत * प्रज्ञा दास और असीश थॉमस जॉर्ज द्वारा लिखित "भारत में उपभोक्ता और थोक मूल्य सूचकांकों की तुलना : विचलन के गुणधर्मों और स्रोतों का विश्लेषण" नामक वर्किंग पेपर प्रकाशित किया। 2015-16 के दौरान उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) और थोक मूल्य सूचकांक (डब्लूपीआई) मुद्रास्फीति में एक बड़ा विचलन, मुद्रास्फीति प्रक्रिया की एक प्रमुख विशेषता थी। सीपीआई-डब्लूपीआई विचलन के परिणामस्वरूप नीति निर्माताओं और शिक्षाविदों के बीच इसके कारणों और मौद्रिक नीति के लिए इसके प्रभाव पर काफी बहस हुई। इस संदर्भ में, यह पेपर सीपीआई और डब्लूपीआई की मुख्य विशेषताओं का खास करके संकलन की प्रणालियों, वितरण के गुणधर्मों और अंतर्निहित मुद्रास्फीति के उपायों के संदर्भ में तुलनात्मक मूल्यांकन प्रदान करता है। आगे यह पेपर 2015-16 पर विशेष जोर देते हुए सीपीआई और डब्ल्यूपीआई के बीच मुद्रास्फीति में अंतर का पूर्ण समाधान करने का प्रयास करता है। विश्लेषण से पता चलता है कि समान मदों के लिए भारों में अंतर और साथ ही संरचना में अंतर ने खुदरा और थोक मूल्यों के बीच मुद्रास्फीति के स्तर और अवधि का निर्धारण करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। * रिज़र्व बैंक ने आरबीआई वर्किंग पेपर श्रृंखला की शुरुआत मार्च 2011 में की थी। ये पेपर रिज़र्व बैंक के स्टाफ सदस्यों द्वारा किए जा रहे अनुसंधान प्रस्तुत करते हैं और अभिमत प्राप्त करने और चर्चा के लिए इन्हें प्रसारित किया जाता है। इन पेपरों में व्यक्त विचार लेखकों के होते हैं, भारतीय रिज़र्व बैंक के नहीं होते हैं। अभिमत और टिप्पणियां कृपया लेखकों को भेजी जाएं। इन पेपरों के उद्धरण और उपयोग में इनके अनंतिम स्वरूप का ध्यान रखा जाए। अजीत प्रसाद प्रेस प्रकाशनी: 2016-2017/2556 |