आरबीआई डब्ल्यूपीएस (डीईपीआर): 08/2017: भारत में फिलिप्स कर्व संबंधः राज्य स्तरीय विश्लेषण से साक्ष्य - आरबीआई - Reserve Bank of India
आरबीआई डब्ल्यूपीएस (डीईपीआर): 08/2017: भारत में फिलिप्स कर्व संबंधः राज्य स्तरीय विश्लेषण से साक्ष्य
3 जुलाई 2017 आरबीआई डब्ल्यूपीएस (डीईपीआर): 08/2017: भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर भारतीय रिज़र्व बैंक वर्किंग पेपर श्रृंखला के अंतर्गत वर्किंग पेपर उपलब्ध कराया है जिसका शीर्षक है – “भारत में फिलिप्स कर्व संबंधः राज्य स्तरीय विश्लेषण से साक्ष्य” यह पेपर हरेन्द्र बेहरा, गरिमा वाही और मुनीष कपूर द्वारा लिखा गया है। यह पेपर भारत में फिलिप्स कर्व ढांचे में मुद्रास्फीति के निर्धारक तत्वों के मुद्दे पर पुनःविचार करता है और मौजूदा अध्ययन के संबंध में दो महत्वपूर्ण योगदान देता है। पहला, रिज़र्व बैंक का सीपीआई मुद्रास्फीति पर आधारित लचीले मुद्रास्फीति लक्ष्य ढांचे में अंतरण के संदर्भ में, यह पेपर सीपीआई मुद्रास्फीति की मॉडल गतिकी प्रस्तुत करने का प्रयास करता है। दूसरा, यह पेपर पैनल दृष्टिकोण में उप-राष्ट्रीय आंकड़ों का उपयोग करते हुए फिलिप्स कर्व संबंध की संभावनाएं खोजता है। इस पेपर के अनुमान कोर मुद्रास्फीति और हेडलाइन मुद्रास्फीति दोनों के लिए पारंपरिक फिलिप्स कर्व विशेषताओं की उपस्थिति की पुष्टि करते हैं। आधिक्य मांग स्थिति का कोर मुद्रास्फीति पर अधिक प्रभाव के साथ मुद्रास्फीति पर प्रत्याशित सख्त प्रभाव है। विनिमय दर गतिविधियों का भी मुद्रास्फीति पर काफी प्रभाव है। कुल मिलाकर, पेपर के निष्कर्ष मुद्रास्फीति को स्थिर करने तथा मुद्रास्फीति प्रत्याशाओं के लिए काउंटर-चक्रीय मौद्रिक नीति की भूमिका के लिए सहायता प्रदान करते हैं। * रिज़र्व बैंक ने आरबीआई वर्किंग पेपर श्रृंखला की शुरुआत मार्च 2011 में की थी। ये पेपर रिज़र्व बैंक के स्टाफ सदस्यों द्वारा किए जा रहे अनुसंधान प्रस्तुत करते हैं और अभिमत प्राप्त करने और चर्चा के लिए इन्हें प्रसारित किया जाता है। इन पेपरों में व्यक्त विचार लेखकों के होते हैं, भारतीय रिज़र्व बैंक के नहीं होते हैं। अभिमत और टिप्पणियां कृपया लेखकों को भेजी जाएं। इन पेपरों के उद्धरण और उपयोग में इनके अनंतिम स्वरूप का ध्यान रखा जाए। जोस जे. कट्टूर प्रेस प्रकाशनी: 2017-2018/12 |