भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि बघाट अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सोलन, हिमाचल प्रदेश पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि बघाट अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सोलन, हिमाचल प्रदेश पर मौद्रिक दंड लगाया
25 अगस्त 2021 भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि बघाट अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सोलन, हिमाचल प्रदेश पर मौद्रिक दंड लगाया भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने, दिनांक 19 अगस्त 2021 के आदेश द्वारा दि बघाट अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सोलन, हिमाचल प्रदेश (बैंक) पर 'आय निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण, प्रावधानीकरण और अन्य संबंधित मामले-यूसीबी' पर दिनांक 01 जुलाई 2015 के मास्टर परिपत्र DCBR.BPD. (PCB) MC No.12/09.14.000/2015-16 और 'एक्सपोज़र मानदंड और सांविधिक/अन्य प्रतिबंध-यूसीबी' पर दिनांक 01 जुलाई 2015 के मास्टर परिपत्र DCBR.CO.BPD. (PCB) MC No.13/13.05.000/2015-16 में निहित आरबीआई द्वारा जारी कुछ निदेशों का अनुपालन न करने के लिए ₹15.00 लाख (पंद्रह लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड आरबीआई द्वारा जारी उपरोक्त निदेशों का पालन करने में बैंक की विफलता को ध्यान में रखते हुए बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के तहत आरबीआई को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल करना नहीं है। पृष्ठभूमि 31 मार्च 2019 को बैंक की वित्तीय स्थिति के आधार पर इसके निरीक्षण रिपोर्ट से अन्य बातों के साथ-साथ यह पता चला कि जारी उपर्युक्त निदेशों अर्थात एनपीए की पहचान न करना, आस्तियों का गलत वर्गीकरण, आस्तियों के गलत वर्गीकरण के कारण किए गए अपर्याप्त प्रावधान और आवास, अचल संपत्ति और वाणिज्यिक अचल संपत्ति (सीआरई) के लिए जोखिम मानदंडों का पालन न करने का अननुपालन/ उल्लंघन किया गया है। उक्त के आधार पर बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उनसे यह पूछा गया कि वे कारण बताएं कि उक्त निदेशों का अनुपालन नहीं करने के लिए उन पर दंड क्यों न लगाया जाए। बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान बैंक द्वारा किए गए मौखिक प्रस्तुतीकरण पर विचार करने के बाद रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि आरबीआई द्वारा जारी निदेशों के अननुपालन/उल्लंघन के उपर्युक्त आरोप सिद्ध हुए हैं और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2021-2022/742 |