भारतीय रिज़र्व बैंक ने बिजनौर अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, बिजनौर पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बिजनौर अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, बिजनौर पर मौद्रिक दंड लगाया
15 जून 2021 भारतीय रिज़र्व बैंक ने बिजनौर अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, बिजनौर पर मौद्रिक दंड लगाया भारतीय रिज़र्व बैंक (रिज़र्व बैंक) ने, दिनांक 14 जून 2021 के आदेश द्वारा बिजनौर अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, बिजनौर (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 20 और 35ए तथा 'गारंटी, सह-स्वीकृति और साख पत्र' संबंधी विनियमन के उल्लंघन के लिए ₹6.00 (छः लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड अधिनियम के उपर्युक्त प्रावधानों तथा रिज़र्व बैंक द्वारा उसके तहत जारी निदेशों के अनुपालन में बैंक की विफलता को ध्यान में रखते हुए बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के तहत रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल करना नहीं है। पृष्ठभूमि 31 मार्च 2019 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में इसके निरीक्षण रिपोर्ट से अन्य बातों के साथ-साथ यह पता चला है कि बैंक निदेशक से संबंधित ऋणों पर प्रतिबंध और कार्यनिष्पादन गारंटी जारी करने से संबंधित प्रावधानों का अनुपालन करने में विफल रहा है। उक्त के आधार पर बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उनसे यह पूछा गया कि वे कारण बताएं कि उक्त निदेशों के उल्लंघन के लिए उन पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर और वैयक्तिक सुनवाई के दौरान किए गए मौखिक प्रस्तुतीकरण तथा उसके बाद किए गए अतिरिक्त प्रस्तुतीकरण पर विचार करने के बाद रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि अधिनियम के प्रावधानों और रिज़र्व बैंक द्वारा उसके तहत जारी निदेशों के अननुपालन/उल्लंघन के उक्त आरोप सिद्ध हुए हैं और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2021-2022/367 |