रिज़र्व बैंक ने एन.ई. और ई.सी रेलवे कर्मचारी बहु-राज्य प्राथमिक सहकारी बैंक लिमिटेड, गोरखपुर, उत्तर प्रदेश पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
रिज़र्व बैंक ने एन.ई. और ई.सी रेलवे कर्मचारी बहु-राज्य प्राथमिक सहकारी बैंक लिमिटेड, गोरखपुर, उत्तर प्रदेश पर मौद्रिक दंड लगाया
23 अगस्त 2021 रिज़र्व बैंक ने एन.ई. और ई.सी रेलवे कर्मचारी बहु-राज्य प्राथमिक सहकारी बैंक लिमिटेड, गोरखपुर, भारतीय रिज़र्व बैंक (रिज़र्व बैंक) ने, दिनांक 18 अगस्त 2021 के आदेश द्वारा, एन.ई. और ईसी रेलवे कर्मचारी बहु-राज्य प्राथमिक सहकारी बैंक लिमिटेड, गोरखपुर, उत्तर प्रदेश (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 36(1) के उल्लंघन के लिए ₹20.00 लाख (केवल रुपये बीस लाख) का मौद्रिक दंड लगाया है, चूंकि बैंक, पर्यवेक्षी कार्रवाई ढांचे (एसएएफ) के तहत रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक को जारी विशिष्ट निदेशों का पालन करने में विफल रहा है। यह दंड बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) तथा धारा 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के तहत रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल करना नहीं है। पृष्ठभूमि 31 मार्च 2019 को बैंक की वित्तीय स्थिति पर आधारित निरीक्षण रिपोर्ट से, अन्य बातों के साथ-साथ यह पता चला कि पर्यवेक्षी कार्रवाई ढांचे (एसएएफ) के तहत रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक को जारी किए गए विशिष्ट निदेशों का अननुपालन/उल्लंघन किया गया है। रिपोर्ट के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उनसे यह पूछा गया था कि वे कारण बताएं कि उपर्युक्त निदेशों का अनुपालन नहीं करने के लिए उन पर दंड क्यों न लगाया जाए। बैंक के उत्तर, वैयक्तिक सुनवाई के दौरान किए गए मौखिक प्रस्तुतीकरण पर विचार करने के बाद रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि रिज़र्ब बैंक निदेशों अननुपालन/उल्लंघन के आरोप सिद्ध हुए हैं और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी : 2021-2022/728 |