राज्य सरकार गारंटी पर कार्य समूह की रिपोर्ट - आरबीआई - Reserve Bank of India
राज्य सरकार गारंटी पर कार्य समूह की रिपोर्ट
भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर राज्य सरकार गारंटी पर कार्य समूह की रिपोर्ट जारी की।
07 जुलाई 2022 को आयोजित राज्य वित्त सचिवों के 32वें सम्मेलन के दौरान, यह निर्णय लिया गया कि वित्त मंत्रालय, भारत सरकार; भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक; और कतिपय राज्य सरकारों से लिए गए सदस्यों को शामिल करते हुए एक कार्य समूह का गठन किया जाए। कार्य समूह के संदर्भ की शर्तों में अन्य बातों के साथ-साथ राज्यों के लिए एक समान गारंटी सीमा निर्धारित करना; राज्य सरकारों द्वारा दी गई गारंटी के लिए एक समान रिपोर्टिंग ढांचा; गारंटी उन्मोचन निधि आदि में राज्यों के योगदान की पर्याप्तता का आकलन करना शामिल है। कार्य समूह की प्रमुख सिफारिशें इस प्रकार हैं:
ए) 'गारंटी' शब्द में वे सभी लिखत शामिल होने चाहिए, जो राज्य सरकार की ओर से आकस्मिक या अन्यथा दायित्व निर्मित करते हैं। बी) जिस उद्देश्य के लिए सरकारी गारंटी जारी की जाती है उसे स्पष्ट रूप से परिभाषित किया जाना चाहिए। सी) राज्य सरकारें, एक वर्ष के दौरान जारी की जाने वाली वृद्धिशील गारंटियों के लिए राजस्व प्राप्तियों का 5 प्रतिशत या सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 0.5 प्रतिशत, जो भी कम हो, की सीमा निर्धारित करने पर विचार कर सकती हैं। डी) राज्य सरकारें ,विस्तारित गारंटी के लिए न्यूनतम गारंटी शुल्क लेने पर विचार कर सकती हैं और जोखिम श्रेणी तथा अंतर्निहित ऋण की अवधि के आधार पर अतिरिक्त जोखिम प्रीमियम लिया जा सकता है। ई) राज्य सरकारें, भारत सरकार लेखा मानक (आईजीएएस) के अनुसार गारंटी से संबंधित डेटा प्रकाशित/प्रकट कर सकती हैं।
कार्य समूह द्वारा की गई सिफारिशों के कार्यान्वयन से राज्य सरकारों द्वारा बेहतर वित्तीय प्रबंधन की सुविधा प्राप्त होने की आशा है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी : 2023-2024/1685 |