RbiSearchHeader

Press escape key to go back

पिछली खोज

थीम
थीम
टेक्स्ट का साइज़
टेक्स्ट का साइज़
S1

Press Releases Marquee

आरबीआई की घोषणाएं
आरबीआई की घोषणाएं

RbiAnnouncementWeb

RBI Announcements
RBI Announcements

असेट प्रकाशक

81313793

वर्ष 2021-22 के लिए मुद्रा और वित्त संबंधी रिपोर्ट (आरसीएफ)

29 अप्रैल 2022

वर्ष 2021-22 के लिए मुद्रा और वित्त संबंधी रिपोर्ट (आरसीएफ)

भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज वर्ष 2021-22 के लिए मुद्रा और वित्त संबंधी रिपोर्ट (आरसीएफ) जारी किया। रिपोर्ट का विषय "रिवाइव एंड रिकन्सट्रक्ट" है, जो कि कोविड के पश्चात टिकाऊ बहाली को पोषित करने और मध्यम अवधि में प्रवृत्ति संवृद्धि को बढ़ाने के संदर्भ में है। रिपोर्ट योगदानकर्ताओं के विचारों को परिलक्षित करती है न कि रिज़र्व बैंक के विचारों को।

मुख्य बातें

  • रिपोर्ट में प्रस्तावित सुधारों का ब्लूप्रिंट आर्थिक प्रगति के सात पहियों अर्थात् समग्र मांग; समग्र आपूर्ति; संस्थानों, मध्यस्थों और बाजारों; समष्टि आर्थिक स्थिरता और नीति समन्वय; उत्पादकता और तकनीकी प्रगति; संरचनात्मक परिवर्तन; और धारणीयता के इर्द-गिर्द घूमता है।

  • भारत में मध्यावधि स्थिर राज्य सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि के लिए एक व्यवहार्य सीमा 6.5- 8.5 हो सकती है, जोकि सुधारों के ब्लूप्रिंट के अनुरूप है।

  • मौद्रिक और राजकोषीय नीतियों का समय पर पुनर्संतुलन इस सफर का पहला कदम होगा।

  • मजबूत और सतत विकास के लिए मूल्य स्थिरता एक आवश्यक पूर्वापेक्षा है।

  • भारत की मध्यम अवधि की संवृद्धि संभावनाओं को सुरक्षित करने के लिए अगले पांच वर्षों में सामान्य सरकारी ऋण को सकल घरेलू उत्पाद के 66 प्रतिशत से कम करना महत्वपूर्ण है।

  • सुझाए गए संरचनात्मक सुधारों में मुकदमेबाजी मुक्त कम लागत वाली भूमि तक पहुंच बढ़ाना; शिक्षा और स्वास्थ्य पर सार्वजनिक व्यय और स्किल इंडिया मिशन के माध्यम से श्रम की गुणवत्ता को बढ़ाना; नवाचार और प्रौद्योगिकी पर जोर देकर अनुसंधान और विकास गतिविधियों को बढ़ाना; स्टार्ट-अप और यूनिकॉर्न के लिए एक सक्षम वातावरण बनाना; अक्षमताओं को बढ़ावा देने वाली सब्सिडी को युक्तिसंगत बनाना; और आवास और भौतिक बुनियादी ढांचे में सुधार करके शहरी समुदायों को प्रोत्साहित करना शामिल है।

  • औद्योगिक क्रांति 4.0 और एक निवल-शून्य उत्सर्जन लक्ष्य के लिए प्रतिबद्ध परिवर्तन के लिए एक नीतिगत पारिस्थितिकी तंत्र की आवश्यकता है जो कारोबार करने के लिए जोखिम पूंजी और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी माहौल के लिए पर्याप्त पहुंच के प्रावधान की सुविधा प्रदान करता है।

  • भारत के चल रहे और भविष्य के मुक्त व्यापार करार (एफटीए) वार्ता में निर्यात और घरेलू विनिर्माण की संभावनाओं में सुधार के लिए भागीदार देशों से उच्च गुणवत्ता वाले आयात हेतु प्रौद्योगिकी अंतरण और बेहतर व्यापार शर्तों पर ध्यान केंद्रित किया जा सकता है।

(योगेश दयाल) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2022-2023/130

RbiTtsCommonUtility

प्ले हो रहा है
सुनें

संबंधित एसेट

आरबीआई-इंस्टॉल-आरबीआई-सामग्री-वैश्विक

RbiSocialMediaUtility

आरबीआई मोबाइल एप्लीकेशन इंस्टॉल करें और लेटेस्ट न्यूज़ का तुरंत एक्सेस पाएं!

Scan Your QR code to Install our app

RbiWasItHelpfulUtility

क्या यह पेज उपयोगी था?