रिज़र्व बैंक ने विनियामक सैंडबॉक्स के तहत पहली इकाई (कोहार्ट) शुरू करने की घोषणा की - आरबीआई - Reserve Bank of India
रिज़र्व बैंक ने विनियामक सैंडबॉक्स के तहत पहली इकाई (कोहार्ट) शुरू करने की घोषणा की
04 नवंबर 2019 रिज़र्व बैंक ने विनियामक सैंडबॉक्स के तहत पहली इकाई (कोहार्ट) शुरू करने की घोषणा की रिज़र्व बैंक ने ‘रिटेल भुगतान’ को अपनी थीम के रूप में रखते हुए विनियामक सैंडबॉक्स (आरएस) के तहत पहली इकाई (कोहार्ट) शुरू करने की घोषणा की है। ‘रिटेल भुगतान’ को थीम के रूप में इसलिए अपनाया गया है ताकि डिजिटल भुगतानों के क्षेत्र में नवोन्मेष को प्रोत्साहित किया जा सके और जनता के सेवारहित और अल्प सेवा वाले वर्गों को भुगतान सेवाओं की पेशकश करने में मदद मिल सके। भुगतान के लिए डिजिटल माध्यमों की ओर स्थानांतरण नकद अर्थव्यवस्था से जुड़ी कुछ लागतों को कम कर सकता है और ग्राहकों को एक संघर्ष-मुक्त अनुभव दे सकता है। अन्य बातों के साथ-साथ नवोन्मेषी उत्पादों/सेवाएं, जिन्हें आरएस के तहत शामिल करने पर विचार किया जाएगा, निम्नानुसार हैं:
आरएस के लिए आवेदन का प्रारूप संलग्न है। आरएस के तहत पहली इकाई (कोहार्ट) के लिए रूपरेखा में दिये गए पात्रता मानदंड को पूरा करने वाली संस्थाएं अनुबंध I (निदेशक(कों)/ प्रवर्तक(कों) के लिए सटीक एवं उचित मानदंड) तथा अनुबंध II (प्रवर्तक/निदेशक द्वारा घोषणा और वचनपत्र) में सूचीबद्ध जानकारी के साथ आवेदन कर सकती है। यह नोट किया जा सकता है कि नए उत्पादों या सेवाओं के लाइव परीक्षण की शुरुआत के लिए नियंत्रित वातावरण में बैंक/एनबीएफसी/किसी अन्य सहभागी की आवश्यकता हो सकती है। ऐसे मामलों में, आरएस में प्रवेश के लिए पात्र होने हेतु एक उपयुक्त सहभागी को अग्रिम रूप में स्वीकृत किया जा सकता है। पहली इकाई (कोहार्ट) के लिए आवेदन जमा करने की समयावधि 15 नवंबर से 15 दिसंबर 2019 तक रहेगी। आवेदन की एक स्कैन प्रति संलग्नकों (अधिकतम आकार 10 एमबी) के साथ ईमेल के माध्यम से और विधिवत प्रमाणित हार्ड कॉपी निम्न पते पर भेजी जा सकती है: प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक पृष्ठभूमि: शेयरधारकों के साथ व्यापक परामर्श प्रक्रिया के बाद अंतिम ‘विनियामक सैंडबॉक्स के लिए सक्षम रूपरेखा’ को रिज़र्व बैंक की वेबसाइट पर 13 अगस्त 2019 को रखा गया था। जैसा कि उसमें कहा गया है, विनियामक सैंडबॉक्स (आरएस) का उद्देश्य वित्तीय सेवाओं में जिम्मेदारी के साथ नवोन्मेष और दक्षता को बढ़ावा देते हुए उपभोक्ताओं को लाभ पहुंचाने का है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2019-2020/1098 |