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रिज़र्व बैंक ने विनियामक सैंडबॉक्स के तहत पहली इकाई (कोहार्ट) शुरू करने की घोषणा की

04 नवंबर 2019

रिज़र्व बैंक ने विनियामक सैंडबॉक्स के तहत पहली इकाई (कोहार्ट) शुरू करने की घोषणा की

रिज़र्व बैंक ने ‘रिटेल भुगतान’ को अपनी थीम के रूप में रखते हुए विनियामक सैंडबॉक्स (आरएस) के तहत पहली इकाई (कोहार्ट) शुरू करने की घोषणा की है। ‘रिटेल भुगतान’ को थीम के रूप में इसलिए अपनाया गया है ताकि डिजिटल भुगतानों के क्षेत्र में नवोन्मेष को प्रोत्साहित किया जा सके और जनता के सेवारहित और अल्प सेवा वाले वर्गों को भुगतान सेवाओं की पेशकश करने में मदद मिल सके। भुगतान के लिए डिजिटल माध्यमों की ओर स्थानांतरण नकद अर्थव्यवस्था से जुड़ी कुछ लागतों को कम कर सकता है और ग्राहकों को एक संघर्ष-मुक्त अनुभव दे सकता है। अन्य बातों के साथ-साथ नवोन्मेषी उत्पादों/सेवाएं, जिन्हें आरएस के तहत शामिल करने पर विचार किया जाएगा, निम्नानुसार हैं:

  • फीचर फोन आधारित भुगतान सेवाओं सहित मोबाइल भुगतान - मोबाइल भुगतान सेवाओं में सामान्य नवोन्मेषों में ऐप-आधारित एक्सेस को समर्थित किया गया है या उस पर ध्यान केन्द्रित किया गया है जो स्मार्टफ़ोन और इस प्रकार के उपकरणों तक सीमित है। फीचर फोन के लिए भुगतान सेवाओं को नवीन रूप से लाने की आवश्यकता है ताकि समाज के विभिन्न वर्गों को डिजिटल भुगतान को अधिक से अधिक अपनाने के लिए आवश्यक प्रेरणा प्रदान की जा सके।

  • ऑफलाइन भुगतान समाधान - उपभोक्ता व्यवहार डिजिटल भुगतान प्रणालियों को बढ़ा रहा है क्योंकि अधिक से अधिक उपभोक्ता मोबाइल प्रौद्योगिकी को अपना रहे हैं। यद्यपि मोबाइल इंटरनेट की गति तेज हो गई है फिर भी कनेक्टिविटी मुद्दे बृहद क्षेत्रों में अनसुलझे रह रहे हैं। इसलिए, डिजिटल भुगतान को अपनाने के लिए मोबाइल उपकरणों के माध्यम से ऑफ-लाइन भुगतान का विकल्प उपलब्ध कराने की आवश्यकता है ।

  • संपर्क रहित (कॉन्टैक्टलेस) भुगतान - संपर्क रहित (कॉन्टैक्टलेस) भुगतान, भुगतान चेकआउट में लगने वाले समय को कम करते हुए छोटे टिकट भुगतान लेनदेनों के भुगतान को भी आसान बनाता है। टोकन तकनीकें अक्सर मोबाइल और अन्य जुड़े उपकरणों द्वारा सहज ई-कॉमर्स अनुभव को सुविधाजनक बनाने का आधार होती हैं। उपकरणों में तेजी से वृद्धि किसी भी रूप कारक के माध्यम से कहीं से भी भुगतान के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करती है।

आरएस के लिए आवेदन का प्रारूप संलग्न है। आरएस के तहत पहली इकाई (कोहार्ट) के लिए रूपरेखा में दिये गए पात्रता मानदंड को पूरा करने वाली संस्थाएं अनुबंध I (निदेशक(कों)/ प्रवर्तक(कों) के लिए सटीक एवं उचित मानदंड) तथा अनुबंध II (प्रवर्तक/निदेशक द्वारा घोषणा और वचनपत्र) में सूचीबद्ध जानकारी के साथ आवेदन कर सकती है। यह नोट किया जा सकता है कि नए उत्पादों या सेवाओं के लाइव परीक्षण की शुरुआत के लिए नियंत्रित वातावरण में बैंक/एनबीएफसी/किसी अन्य सहभागी की आवश्यकता हो सकती है। ऐसे मामलों में, आरएस में प्रवेश के लिए पात्र होने हेतु एक उपयुक्त सहभागी को अग्रिम रूप में स्वीकृत किया जा सकता है।

पहली इकाई (कोहार्ट) के लिए आवेदन जमा करने की समयावधि 15 नवंबर से 15 दिसंबर 2019 तक रहेगी। आवेदन की एक स्कैन प्रति संलग्नकों (अधिकतम आकार 10 एमबी) के साथ ईमेल के माध्यम से और विधिवत प्रमाणित हार्ड कॉपी निम्न पते पर भेजी जा सकती है:

प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक
विनियमन विभाग (फिनटेक यूनिट)
केंद्रीय कार्यालय, 12वीं मंजिल
भारतीय रिज़र्व बैंक
शहीद भगत सिंह मार्ग
फोर्ट, मुंबई – 400 001

पृष्ठभूमि: शेयरधारकों के साथ व्यापक परामर्श प्रक्रिया के बाद अंतिम ‘विनियामक सैंडबॉक्स के लिए सक्षम रूपरेखा’ को रिज़र्व बैंक की वेबसाइट पर 13 अगस्त 2019 को रखा गया था। जैसा कि उसमें कहा गया है, विनियामक सैंडबॉक्स (आरएस) का उद्देश्य वित्तीय सेवाओं में जिम्मेदारी के साथ नवोन्मेष और दक्षता को बढ़ावा देते हुए उपभोक्ताओं को लाभ पहुंचाने का है।

(योगेश दयाल) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2019-2020/1098

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