भारतीय रिज़र्व बैंक ने अण्णासाहेब पाटिल अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लि., औंरगाबाद, महाराष्ट्र का लाइसेंस रद्द किया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने अण्णासाहेब पाटिल अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लि., औंरगाबाद, महाराष्ट्र का लाइसेंस रद्द किया
12 मार्च 2010 भारतीय रिज़र्व बैंक ने अण्णासाहेब पाटिल अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लि., औंरगाबाद, महाराष्ट्र का लाइसेंस रद्द किया इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि अण्णासाहेब पाटिल अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लि., औंरगाबाद, महाराष्ट्र के अर्थक्षम नहीं रह जाने और महाराष्ट्र सरकार के परामर्श से बैंक को पुनरुज्जीवित करने के प्रयास असफल हो जाने तथा सतत अनिश्चितता के कारण जमाकर्ताओं को होनेवाली असुविधा के परिप्रेक्ष्य में भारतीय रिज़र्व बैंक ने 08 मार्च 2010 को कारोबार की समाप्ति के बाद दिनांक 09 मार्च 2010 को बैंक का कार्य आरम्भ होने से पहले सुबह 9.30 बजे बैंक को दिया गया लाइसेंस रद्द करने का आदेश जारी किया । सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार, महाराष्ट्र राज्य से भी बैंक के समापन और उसके लिए समापक नियुक्त करने का आदेश जारी करने का अनुरोध किया गया है। उल्लेख किया जाता है कि बैंक के समापन पर हर जमाकर्ता निपेक्ष बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम (डीआइसीजीसी) से सामान्य शर्तो के अधीन 1,00,000 (एक लाख रुपये मात्र) रुपये की मौद्रिक सीमा तक अपनी जमाराशियों को वापस पाने का हकदार होता है। भारतीय रिज़र्व बैंक ने 23 अप्रैल 1999 को बैंक को बैंकिंग कारोबार करने के लिए लाईसेंस प्रदान किया था। बैंक की 31 मार्च 2006 की वित्तीय स्थिति के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा किए गए सांविधिक निरीक्षण से यह संकेत मिला कि बैंक की वित्तीय स्थिति संतोषजनक नही थी। संचालक मंडल द्वारा अव्यवस्थित प्रंबधन के कारण 08 दिसम्बर 2006 कोबैंक ने सहकारी आयुक्त और निबंधक सहकारी समितियां, पुणे को बैंक के संचालक मंडल की बर्खास्तगी की माँग की। बैंक की वित्तीय स्थिति की समीक्षा निरंतर की जा रही थी परन्तु 31 मार्च 2007, 31 मार्च 2008 एवं 31 मार्च 2009 की बैंक की वित्तीय स्थिति गंभीर चिंता का विषय बनी रही। बैंक की नाजुक वित्तीय स्थिति को ध्यान में रखते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंक को 19 नवम्बर 2009 को कारण बताओ नोटिस जारी किया था जिसमें यह पूछा गया था बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 ( सहकारी समितियों पर यथालागू) के अंतर्गत 23 अप्रैल 1999 को उन्हें बैंकिंग कारोबार करने के लिए जारी किया गया लाइसेंस क्यों न रद्द किया जाए। कारण बताओ नोटिस पर बैंक द्वारा भेजे गए उत्तर की जांच की गयी तथा उसे स्वीकार्य नहीं पाया गया। 31 मार्च 2009 की बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा किए गए सांविधिक निरीक्षण से यह संकेत मिला कि बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) के कई प्रावधानों का बैंक अनुपालन नहीं कर रहा है तथा बैंक ने भारतीय रिज़र्व बैंक के कई दिशानिर्देश / अनुदेशें का उल्लंघन किया है। बैंक की प्रदत्त पूंजी तथा आरक्षित निधि का विनिमय मूल्य ऋणात्मक होने तथा सक्षम कार्ययोजना के अभाव में बैंक को पुर्नजीवित किए जाने की कोई आशा नहीं थी। अत: भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंक के जमाकर्ताओं के हित में अंतिम उपाय के रूप में बैंक का लाइसेंस रद्द करने का निर्णय लिया। लाइसेन्स रद्द किये जाने और समापन प्रक्रिया आरंभ करने से अण्णासाहेब पाटिल अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लि., औंरगाबाद, महाराष्ट्र के जमाकर्ताओं को निक्षेप बीमा योजना की शर्तों के अधीन जमाराशि के भुगतान की प्रक्रिया प्रारंभ हो जाएगी। लाइसेन्स रद्द किये जाने के अनुसरण में अण्णासाहेब पाटिल अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लि., औंरगाबाद, महाराष्ट्र पर बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 5(ख) के अंतर्गत जमाराशियां स्वीकार करने और उन्हें वापस लौटाने सहित बैंकिंग कारोबार करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। किसी भी स्पष्टीकरण के लिए जमाकर्ता श्रीमती एम. यशोदा बाई, उप महाप्रबंधक, शहरी बैंक विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, नागपुर से संपर्क कर सकते हैं। उनका संपर्क ब्यौरा निम्नानुसार है: डाक पता : ऐडिशनल ऑफसि बिल्डींग, ईस्ट हाई कोर्ट रोड, पोस्ट बॉक्स 118, नागपुर 440 001 टेलीफोन नंबर : (0712) 2538696; फैक्स नंबर : (0712) 2806670; ई-मेल जे.डी. देसाई प्रेस प्रकाशनी : 2009-2010/1237 |