रिजर्व बैंक ने चालीसगांव पीपल्स को ऑपरेटीव बैंक लि., चालीसगांव, जिला जलगांव, महाराष्ट्र का लाइसेंस रद्द किया - आरबीआई - Reserve Bank of India
रिजर्व बैंक ने चालीसगांव पीपल्स को ऑपरेटीव बैंक लि., चालीसगांव, जिला जलगांव, महाराष्ट्र का लाइसेंस रद्द किया
16 दिसंबर 2008 रिजर्व बैंक ने चालीसगांव पीपल्स को ऑपरेटीव बैंक लि., चालीसगांव, जिला जलगांव, महाराष्ट्र का लाइसेंस रद्द किया चालीसगांव पीपल्स को ऑपरेटीव बैंक लि., चालीसगांव, जिला जलगांव, महाराष्ट्र के अर्थक्षम नहीं रह जाने और महाराष्ट्र सरकार के परामर्श से बैंक को पुनरुज्जीवित करने के प्रयास असफल हो जाने तथा सतत अनिश्चितता के कारण जमाकर्ताओं को होनेवाली असुविधा के परिप्रेक्ष्य में भारतीय रिजर्व बैंक ने 03 दिसंबर 2008 को कारोबार की समाप्ति के बाद बैंक को दिया गया लाइसेंस रद्द करने का आदेश जारी किया। सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार, महाराष्ट्र राज्य से भी बैंक के समापन और उसके लिए समापक नियुक्त करने का आदेश जारी करने का अनुरोध किया गया है। उल्लेख किया जाता है कि बैंक के समापन पर हर जमाकर्ता निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम (डीआइसीजीसी) से सामान्य शर्तों के अधीन 1,00,000 (एक लाख रुपये मात्र) रुपये की मौद्रिक सीमा तक अपनी जमाराशियों को वापस पाने का हकदार होता है। 9 नवंबर 1987 को भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकिंग कारोबार करने के लिए बैंक को लाईसेंस प्रदान किया। 31 मार्च 2006 की स्थिति के लिए बैंक के सांविधिक निरीक्षण से यह पता चला कि बैंक कि आर्थिक स्थिति नाजुक है। 31 मार्च 2006 की स्थिति के निरीक्षण निष्कर्षों के आधार पर बैंक के विरुद्ध पर्यवेक्षी कार्रवाई शुरू की गयी तथा उन्हें सूचित किया गया कि वसूली के लिए प्रयास करें तथा वित्तीय स्थिति में सुधार लाने के लिए उपाय करें। 31 मार्च 2007 की स्थिति के लिए बैंक के निरीक्षण के निष्कर्षो से यह पता चला कि बैंक की वित्तीय स्थिति और अधिक खराब हुई है। 8 फरवरी 2008 के निर्देश शबैंवि.केंका.एनएसबी.सं डी 290/12.22.041/2007-08 के माध्यम से बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 35(क) के अंतर्गत बैंक के परिचालन पर तथा रु 1000/- से अधिक जमाराशि के आहरण पर प्रतिबंध लगाते हुए बैंक को निर्देश जारी किए गए। भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंक को 26 फरवरी 2008 को कारण बताओ नोटिस जारी किया था जिसमें यह कहा गया था कि उन्हें बैंकिंग कारोबार करने के लिए जारी किया गया लाइसेंस क्यों न रद्द किया जाए। कारण बताओ नोटिस पर बैंक द्वारा दिए गए उत्तर की जांच की गयी और यह पाया गया कि बैंक के पास इसे पुनरूज्जीवित किए जाने की कोई सक्षम कार्य योजना नहीं थी। अपेक्षित विनियामक निर्धारण प्राप्त करने तथा सक्षम कार्य योजना के अभाव मे बैंक को पुनरूज्जीवित किए जाने की कोई आशा नही थी। अत : भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंक के जमाकर्ताओं के हित में अंतिम उपाय के रूप में बैंक का लाइसेंस रद्द करने का निर्णय लिया। लाइसेन्स रद्द किये जाने और समापन प्रक्रिया आरंभ करने से चालीसगांव पीपल्स को ऑपरेटीव बैंक लि., चालीसगांव, जिला जलगांव, महाराष्ट्रके जमाकर्ताओं को निक्षेप बीमा योजना की शर्तों के अधीन जमाराशि के भुगतान की प्रक्रिया प्रारंभ हो जाएगी। लाइसेन्स रद्द किये जाने के परिणामस्वरूप चालीसगांव पीपल्स को ऑपरेटीव बैंक लि., चालीसगांव, जिला जलगांव, महाराष्ट्रपर बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 5(ख) के अंतर्गत जमाराशियां स्वीकार करने और उन्हें वापस लौटाने सहित बैंकिंग कारोबार करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। किसी भी स्पष्टीकरण के लिए जमाकर्ता श्री पी.के.अरोड़ा, उप महाप्रबंधक, शहरी बैंक विभाग, मुंबई क्षेत्रीय कार्यालय, भारतीय रिजर्व बैंक, मुंबई से सपर्क कर सकते हैं। उनका संपर्क ब्यौरा निम्नानुसार है: डाक पता : शहरी बैंक विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, मुंबई क्षेत्रीय कार्यालय, दूसरी मंज़िल, गारमेंट हाउस, मुंबई 400018 टेलीफोन नंबर : (022) 24939930-49 सीधी लाईन: (022) 2493 5348 फैक्स नंबर : (022) 2493 5495; इ-मेल अजीत प्रसाद प्रेस प्रकाशनी : 2008-2009/901 |