रिज़र्व बैंक ने नेशनल को-ऑपरेटिव बैंक लि., करनूल, करनूल जिला (आँध्र प्रदेश) का लाइसेंस रद्द किया - आरबीआई - Reserve Bank of India
रिज़र्व बैंक ने नेशनल को-ऑपरेटिव बैंक लि., करनूल, करनूल जिला (आँध्र प्रदेश) का लाइसेंस रद्द किया
9 अप्रैल 2010 रिज़र्व बैंक ने नेशनल को-ऑपरेटिव बैंक लि., करनूल, इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि नेशनल को-ऑपरेटिव बैंक लि., करनूल, करनूल जिला, (आँध्र प्रदेश) द्वारा जमाराशि भुगतान करने में असफल हो जाने, 2005 से लगातार सांविधिक रिटर्न प्रस्तुत न करने , 2005 से लेखापरीक्षित तुलनपत्र प्रस्तुत न कर पाने तथा आँध्र प्रदेश सरकार के परामर्श से बैंक के संबंध में विनियामक अनुपालन करने के प्रयास असफल हो जाने तथा सतत अनिश्चितता के कारण जमाकर्ताओं को होनेवाली असुविधा के परिप्रेक्ष्य में 7 अप्रैल 2010 को कारोबार की समाप्ति के बाद भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंक को दिया गया लाइसेंस रद्द करने का आदेश जारी किया। सहकारी समितियों के निबंधक, आंध्र प्रदेश राज्य से भी बैंक के समापन और उसके लिए समापक नियुक्त करने का आदेश जारी करने का अनुरोध किया गया है। उल्लेख किया जाता है कि बैंक के समापन पर हर जमाकर्ता निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम (डीआइसीजीसी) से सामान्य शर्तों के अधीन 1,00,000 रुपये (एक लाख रुपये मात्र) की मौद्रिक सीमा तक अपनी जमाराशियों को वापस पाने का हकदार होता है। भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंक को 16 जून 1999 को बैंकिंग कारोबार करने के लिए लाईसेंस प्रदान किया था। 31 मार्च 2007 की बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में सांविधिक निरीक्षण से यह संकेत मिला कि बैंक वित्तीय वर्ष 2005-06 तथा 2006-07 के परीक्षित लेखा विवरण तथा अन्य संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर पाया था। यह भी ध्यान में आया कि बैंक का निदेशक मंडल प्रभावहीन था तथा विभिन्न संविधिक जरुरतों के अनुपालन में चूक के लिए जिम्मेदार था। इस कारणवश निबंधक सहकारी समिति, आंध्रप्रदेश ने 03 अगस्त 2009 को बैंक निदेशक मंडल का अधिक्रमण कर बैंक के कार्यो को देखने हेतु प्रशासक नियुक्त करने की मांग की थी। बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 35 के अंतर्गत 31 मार्च, 2009 की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में बैंक का सांविधिक निरीक्षण नहीं किया जा सका कयोंकि बैंक ने शेष परीक्षण, लेखापरीक्षित / बिना लेखापरीक्षित तुलनपत्र एवं 31 मार्च, 2009 को समाप्त वर्ष के लिए लाभ और हानि लेखा, एनपीए रजिस्टर, उन्मोचित एफडीआर, ऋण अभिलेख एवं अन्य मूलभूत दस्तावेज / रिकार्ड उपलब्ध नही कराया गया था। भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंक को 3 सितम्बर 2009 को कारण बताओ नोटिस जारी किया था जिसमें यह कहा गया था कि उन्हें बैंकिंग कारोबार करने के लिए जारी किया गया लाइसेंस क्यों न रद्द किया जाए। कारण बताओ सूचना के उत्तर की जांच की गयी तथा उसे संतोषजनक नहीं पाया गया। बैंक के पास उनकी कार्यपद्धति में चिंताजनक विसंगतियों को सुधारने के लिए कोई व्यापक और समय बद्ध कार्य योजना नही थी। सांविधिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए सक्षम कार्य योजना के अभाव में बैंक के जमाकर्ताओं के हित को ध्यान में रखकर भारतीय रिज़र्व बैंक ने लाइसेंस रद्द करने का कठोर निर्णय लिया। लाइसेंस रद्द किये जाने और समापन प्रक्रिया आरंभ करने से नेशनल को-ऑपरेटिव बैंक लि., करनूल, कनरूल जिला (आँध्र प्रदेश) के जमाकर्ताओं को निक्षेप बीमा योजना की शर्तों के अधीन जमाराशि के भुगतान की प्रक्रिया प्रारंभ हो जाएगी। लाइसेंस रद्द किये जाने के परिणामस्वरूप नेशनल को-ऑपरेटिव बैंक लि., करनूल, करनूल जिला (आँध्र प्रदेश) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 5(ख) के अंतर्गत जमाराशियां स्वीकार करने और उन्हें वापस लौटाने सहित बैंकिंग कारोबार करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। किसी भी स्पष्टीकरण के लिए जमाकर्ता श्री पी.सुब्रमणियम, महाप्रबंधक, शहरी बैंक विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, सचिवालय रोड, सैफाबाद, हैदराबाद से संपर्क कर सकते हैं। उनका संपर्क ब्यौरा निम्नानुसार है: डाक पता : शहरी बैंक विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, सचिवालय रोड, सैफाबाद, हैदराबाद-500004 टेलीफोन नंबर : (040)23234920; फैक्स नंबर : (040) 23235891- ई-मेल जे.डी.देसाई |