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रिज़र्व बैंक ने नूतन सहकारी बैंक लि. वडोदरा का लाइसेंस रद्द किया

7 नवंबर 2008

7 नवंबर 2008

रिज़र्व बैंक ने नूतन सहकारी बैंक लि. वडोदरा का लाइसेंस रद्द किया

इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए नूतन सहकारी बैंक लि. वडोदरा के अर्थक्षम नहीं रह जाने और गुजरात सरकार के परामर्श से बैंक को पुनरूज्जीवित करने के सभी प्रयास असफल हो जाने तथा सतत अनिश्चितता के कारण जमाकर्ताओं को होनेवाली असुविधा के परिप्रेक्षय में भारतीय रिज़र्व बैंक ने 05 नवंबर 2008 को कारोबार की समाप्ति के बाद बैंक को दिया गया लाइसेंस रद्द करने का आदेश जारी किया। सहकारी समितियों के निबंधक, गुजरात राज्य से भी बैंक के समापन और उसके लिए समापक नियुक्त करने का आदेश जारी करने का अनुरोध किया गया है। यह उल्लेख किया जाता है कि बैंक के समापन पर हर जमाकर्ता निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम (डीआइसीजीसी) से सामान्य शर्तों के अधीन 1,00,000 रुपए (एक लाख रुपए मात्र) की मौद्रिक सीमा तक अपनी जमाराशियों को वापस पाने का हकदार होता है।

रिज़र्व बैंक ने बैंक को 16 दिसंबर 1986 को बैंकिंग कारोबार करने के लिए लाइसेंस प्रदान किया था। 31 दिसंबर 2002 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में किए गए सांविधिक निरीक्षण से यह संकेत मिला कि बैंक की वित्तीय स्थिति नाजुक हो गई है। 31 मार्च 2005 को किए गए निरीक्षण के निष्कर्षों के आधार पर 18 अगस्त 2005 के पत्र द्वारा नई जमाराशियाँ स्वीकार करने, अवधिपूर्व आहरण की अनुमति देने तथा नए ऋण देने पर प्रतिबंध लगाया गया। इसके पश्चात्, बैंक की वित्तीय स्थिति और अधिक खराब होने के कारण बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 35(क) के अंतर्गत 8 अगस्त 2007 के पत्र द्वारा बैंक को निर्देश जारी किए गए जिसके द्वारा प्रति जमाकर्ता 1,000/- रुपए की जमाराशि की आहरण सीमा निर्धारित करते हुए बैंक परिचालनों को प्रतिबंधित कर दिया गया था।

31 मार्च 2007 की वित्तीय स्थिति के लिए सांविधिक निरीक्षण से यह पता चला कि बैंक की स्थिति अत्यंत खराब हुई है। भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंक को 5 सितंबर 2007 को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था जिसमें यह कहा गया था कि उन्हें बैंकिंग कारोबार करने के लिए जारी किया गया लाइसेंस क्यों न रद्द किया जाए। कारण बताओ सूचना के उत्तर की जाँच की गई। बैंक के पास पुनरूज्जीवन किए जाने की कोई अपेक्षित सक्षम कार्य योजना तथा/या किसी दूसरे बैंक के साथ विलयन प्रस्ताव नही था। इसलिए जमाकर्ताओं के हित में भारतीय रिज़र्व बैंक ने अंतिम उपाय के रूप में बैंक का लाइसेंस रद्द करने का निर्णय लिया। लाइसेंस रद्द किए जाने और समापन प्रक्रिया आरंभ करने से नूतन सहकारी बैंक लि., वडोदरा, गुजरात के जमाकर्ताओं को निक्षेप बीमा योजना की शर्तों के अधीन जमाराशि के भुगतान की प्रक्रिया प्रारंभ हो जाएगी।

लाइसेंस रद्द किए जाने के अनुसरण में नूतन सहकारी बैंक लि., वडोदरा पर बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 5(ख) के अंतर्गत जमाराशियाँ स्वीकार करने और उन्हें वापस लौटाने सहित बैंकिंग कारोबार करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

किसी भी स्पष्टीकरण के लिए जमाकर्ता श्री वी.एल.फडके, सहायक महाप्रबंधक, शहरी बैंक विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, अहमदाबाद से संपर्क कर सकते हैं। उनका संपर्क ब्यौरा निम्नानुसार है : डाक पता: शहरी बैंक विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, ला गज्जर चेंबर, आश्रम रोड, पो.बा.सं.1, अहमदाबाद-380009; टेलीफोन नंबर: 26589338; फैक्स नंबर: (079) 26584953; इ-मेल

अजीत प्रसाद
प्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी : 2008-2009/642

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