रिज़र्व बैंक ने परमात्मा एक सेवक नागरिक सहकारी बैंक लि., नागपुर, महाराष्ट्र का लाइसेंस रद्द किया - आरबीआई - Reserve Bank of India
रिज़र्व बैंक ने परमात्मा एक सेवक नागरिक सहकारी बैंक लि., नागपुर, महाराष्ट्र का लाइसेंस रद्द किया
7 मई 2010 रिज़र्व बैंक ने परमात्मा एक सेवक नागरिक सहकारी बैंक लि., नागपुर, महाराष्ट्र का लाइसेंस रद्द किया इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि परमात्मा एक सेवक नागरिक सहकारी बैंक लि., नागपुर, (महाराष्ट्र) के अर्थक्षम नहीं रह जाने और महाराष्ट्र सरकार के परामर्श से बैंक को पुनरुज्जीवित करने के प्रयास असफल हो जाने तथा सतत अनिश्चितता के कारण जमाकर्ताओं को होनेवाली असुविधा के परिप्रेक्ष्य में भारतीय रिज़र्व बैंक ने 27 अप्रैल 2010 को बैंक को दिया गया लाइसेंस रद्द करने का आदेश जारी किया। सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार, महाराष्ट्र राज्य से भी बैंक के समापन और उसके लिए समापक नियुक्त करने का आदेश जारी करने का अनुरोध किया गया है। उल्लेख किया जाता है कि बैंक के समापन पर हर जमाकर्ता निपेक्ष बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम (डीआइसीजीसी) से सामान्य शर्तो के अधीन 1,00,000 (एक लाख रुपये मात्र) रुपये की मौद्रिक सीमा तक अपनी जमाराशियों को वापस पाने का हकदार होता है। 30 अगस्त 1976 को भारतीय रिज़र्व बैंक ने सहकारी बैंक के रूप में कारोबार करने के लिए बैंक को लाईसेंस प्रदान किया था। 31 मार्च 2006 की वित्तीय स्थिति के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा किए गए बैंक के सांविधिक निरीक्षण से यह पता चला कि बैंक की वित्तीय स्थिति खराब है। 31 मार्च 2008 की वित्तीय स्थिति के लिए किए गए सांविधिक निरीक्षण से यह पता चला कि बैंक कि आर्थिक स्थिति और भी खराब हो गयी है। अतः भारतीय रिज़र्व बैंक ने 6 नवंबर 2008 के निदेश यूबीडी.सी.ओ.एनएसबी.सं. डी-21/12.22.632/2008-09 के अनुसरण में बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 35 क के अंतर्गत बैंक को निदेशाधीन रखा गया जिससे बैंक के परिचालनों पर प्रतिबंध लगाए गए। इसके बाद 31 मार्च 2009 की वित्तीय स्थिति के लिए बैंक के निरीक्षण से यह पता चला कि बैंक की स्थिति अत्यधिक खराब हुई है। बैंक को 5 अगस्त 2009 को कारण बताओ नोटिस जारी किया था जिसमें यह कहा गया था कि उन्हें बैंकिंग कारोबार करने के लिए जारी किया गया लाइसेंस क्यों न रद्द किया जाए। 2 सितंबर 2009 के अपने उत्तर में बैंक ने 31 दिसंबर 2009 तक बैंक को पुनरूज्जीवित करने की अवधि बढ़ाने की अनुमति देने का अनुरोध किया था। 31 दिसंबर 2009 की अपनी वित्तीय स्थिति के संदर्भ में बैंक की जाँच की गयी थी। जाँच से यह पता चला कि बैंक की वित्तीय स्थिति और अधिक खराब हो गयी है। सक्षम कार्य योजना के अभाव में बैंक के जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक ने अन्तिम उपाय के रूप में लाइसेंस रद्द करने का निर्णय लिया। लाइसेन्स रद्द किये जाने और समापन प्रक्रिया आरंभ करने से परमात्मा एक सेवक नागरिक सहकारी बैंक लि., नागपुर, (महाराष्ट्र) के जमाकर्ताओं को डीआईसीजीसी योजना की शर्तों के अधीन जमाराशि के भुगतान की प्रक्रिया प्रारंभ हो जाएगी। लाइसेन्स रद्द किये जाने के अनुसरण में परमात्मा एक सेवक नागरिक सहकारी बैंक लि., नागपुर, (महाराष्ट्र) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 5(ख) के अंतर्गत जमाराशियां स्वीकार करने और उन्हें वापस लौटाने सहित बैंकिंग कारोबार करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। किसी भी स्पष्टीकरण के लिए जमाकर्ता श्रीमती एम.यशोदाबाई, उप महाप्रबंधक, शहरी बैंक विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, नागपुर से संपर्क कर सकते हैं। उनका संपर्क ब्यौरा निम्नानुसार है: डाक पता : अतिरिक्त कार्यालय भवन, ईस्ट हाईकोर्ट रोड, पो.बा.सं. 118, नागपुर 440001 टेलीफोन नंबर : (0712) 2538696; फैक्स नंबर : (0712) 2552896; ई-मेल जे.डी.देसाई प्रेस प्रकाशनी : 2009-2010/1502 |