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रिज़र्व बैंक ने श्री जनता सहकारी बैंक लि., राधनपूर (गुजरात) का लाइसेंस रद्द किया

5 फरवरी 2008

रिज़र्व बैंक ने श्री जनता सहकारी बैंक लि., राधनपूर (गुजरात) का
लाइसेंस रद्द किया

इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि श्री जनता सहकारी बैंक लि., राधनपूर (गुजरात) के अर्थक्षम नहीं रह जाने और गुजरात सरकार के परामर्श से बैंक को पुनरुज्जीवित करने के प्रयास असफल हो जाने तथा सतत अनिश्चितता के कारण जमाकर्ताओं को होनेवाली असुविधा के परिप्रेक्ष्य में भारतीय रिज़र्व बैंक ने 31 जनवरी 2008 को कारोबार की समाप्ति के बाद बैंक को दिया गया लाइसेंस रद्द करने का आदेश जारी किया। सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार, गुजरात राज्य से भी बैंक के समापन और उसके लिए समापक नियुक्त करने का आदेश जारी करने का अनुरोध किया गया है। उल्लेख किया जाता है कि बैंक के समापन पर हर जमाकर्ता निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम (डीआइसीजीसी) से 1,00,000/- (एक लाख रुपये मात्र) रुपये की मौद्रिक सीमा तक अपनी जमाराशियों को वापस पाने का हकदार होता है।

भारतीय रिज़र्व बैंक ने 13 दिसंबर 1986 को बैंक को बैंकिंग कारोबार शुरू करने के लिए लाईसेंस जारी किया था। बैंक की नकदी की समस्या और अनर्जक आस्तियाँ काफी अधिक हो जाने के कारण 25 जनवरी 2005 के आदेश के अनुसार बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 35(क) के अंतर्गत बैंक को निर्देश जारी किए गए जिसके अनुसार प्रत्येक जमाकर्ता को देय राशि की सीमा 1000/- रुपये तय की गई । 31 मार्च 2006 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में किए गए सांविधिक निरीक्षण से यह पता चला है कि बैंक की वित्तीय स्थिति और खराब हो गयी थी और बैंक की वसूली योग्य पूँजी और प्रारक्षित निधि नकारात्मक हो गई थी।

बैंक को 15 दिसम्बर 2006 को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था जिसमें यह कहा गया था कि बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 22 के अंतर्गत 13 दिसंबर 1986 को बैंक को बैंकिंग कारोबार करने के लिए जारी किया गया लाइसेंस क्यों न रद्द किया जाए। बैंक द्वारा दिया कारण बताओं नोटिस का जवाब की जाँच की गयी और उसे अवांछनीय पाया गया। बैंक को दूसरे किसी सशकत बैंक के साथ विलयन का प्रयास भी असफल रहा।

इस बीच 31 मार्च 2007 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में किए गए अगले निरिक्षण से यह पता चला कि बैंक की वित्तीय स्थिति और खराब हो गयी थी । चूंकि बैंक की चूकता पूँजी का वसूली योग्य मूल्य और प्रारक्षित निधि नकारात्मक हो गई थी तथा उसे पुनरुज्जीवित करने के लिए सक्षम कार्य योजना के अभाव में बैंक को पुनरूज्जीवित करने के सभी विकल्पों की जाँच करने के बाद भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंक के जमाकर्ताओं के हित में अंतिम उपाय के रूप में इसका लाइसेंस रद्द करने का निर्णय लिया। लाइसेन्स रद्द किये जाने और समापन प्रक्रिया आरंभ करने से श्री जनता सहकारी बैंक लि., राधनपूर, (गुजरात) के जमाकर्ताओं को निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम अधिनियम की शर्तों के अधीन बीमाकृत जमाराशि के भुगतान की प्रक्रिया प्रारंभ हो जाएगी।

लाइसेन्स रद्द किये जाने के अनुसरण में श्री जनता सहकारी बैंक लि., राधनपूर, (गुजरात) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 5(ख) के अंतर्गत जमाराशियां स्वीकार करने और उन्हें वापस लौटाने सहित बैंकिंग कारोबार करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

किसी भी स्पष्टीकरण के लिए जमाकर्ता श्रीमती मैथिली रामकृष्णन, सहायक महाप्रबंधक, शहरी बैंक विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, अहमदाबाद से ई-मेल द्वारा संपर्क कर सकते हैं। उनका संपर्क ब्यौरा निम्नानुसार है:

डाक पता : भारतीय रिज़र्व बैंक, शहरी बैंक विभाग, ला गज्जर चेंबर, आश्रम रोड, अहमदाबाद 380009. टेलीफोन नंबरः(079)26580512; फैक्स नंबरः(079)26584853

जी. रघुराज
उप महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी : 2007-2008/1027

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