रिज़र्व बैंक ने बालाज़ी को-आपरेटिव बैंक लि., नासिक, महाराष्ट्र का लाइसेंस रद्द किया - आरबीआई - Reserve Bank of India
रिज़र्व बैंक ने बालाज़ी को-आपरेटिव बैंक लि., नासिक, महाराष्ट्र का लाइसेंस रद्द किया
21 अप्रैल 2011 रिज़र्व बैंक ने बालाज़ी को-आपरेटिव बैंक लि., नासिक, महाराष्ट्र का लाइसेंस रद्द किया बालाज़ी को-आपरेटिव बैंक लि., नासिक, महाराष्ट्र के अर्थक्षम नहीं रहज़ाने और महाराष्ट्र सरकार के परामर्श से बैंक को पुनरुज़ीवित करने के प्रयास असफल होज़ाने तथा सतत अनिश्चितता के कारण ज़माकर्ताओं को होनेवाली असुविधा के परिप्रेक्ष्य में भारतीय रिज़र्व बैंक ने 07 अप्रैल 2011 को कारोबार आरंभ होने के पहले बैंक को दिया गया लाइसेंस रद्द करने का आदेश ज़ारी किया। सहकारिता आयुक्त तथा सहकारी समितियों के रज़िस्ट्रार, महाराष्ट्र राज़्य से भी बैंक के समापन और उसके लिए समापक नियुक्त करने का आदेश ज़ारी करने का अनुरोध किया गया है। उल्लेख किया ज़ाता है कि बैंक के समापन पर हर ज़माकर्ता निपेक्ष बिमा और प्रत्यय गारंटी निगम (डीआइसीज़ीसी) से सामान्य शर्तों और नियमों के अधीन 1,00,000 (एक लाख रुपये मात्र) रुपये की मौद्रिक सीमा तक अपनी ज़माराशियों को वापस पाने का हकदार होता है। 14 अक्तूबर 1996 को भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंकिंग कारोबार करने के लिए बैंक को लाईसेंस प्रदान किया। 31 मार्च 2009 की वित्तीय स्थिति के लिए बैंक के सांविधिक निरीक्षण से यह पता ला कि बैंक का सीआरएआर (-) 3.0%, नकारात्मक निवल संपत्ति (-) रु 2.84 लाख तथा ज़माराशि में 1.6% तक मूल्योंस हुआ है। सकल और निवल एनपीए उस तारीख के सकल और निवल अग्रिमों के क्रमश: 91.5% तथा 81.5% रहे । 22 ज़नवरी 2010 को बैंक को सूचित किया गया कि वसूली प्रयासो को बढाए तथा विलयन के लिए 3मार्च 2010 तक ठोस योज़ना प्रस्तुत करे। 31 मार्च 2010 की वित्तीय स्थिति अत्यधिक खराब हुई है ज़िससे स्वाधिकृत निधि समाप्त हुई तथा ज़माराशियों में 31.4% तक मूल्यांस हुआ। बैंक का सीआरएआर निर्धारित 9% की तुलना में (-) 88.5% हो गया। बैंक ने सीआरआर और एसएलआर रखने में भी चूक की। पर्याप्त समय और अवसर देने के बावज़ूद बैंक अपनी वित्तीय स्थित में सुधार नहीं ला सका तथा उन्होने विलयन के लिए कोई ठोस योज़ना प्रस्तुत नहीं की। अनिश्चित वित्तीय स्थित के कारण 18 अक्तूबर 2010 के निर्देश शबैंवि.केंका.बीएसडी1.सं डी 19/12.22.378/2010-11 के माध्यम से बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 35(क) के अंतर्गत बैंक को निर्देश ज़ारी किए गए। उपर्युक्त गंभीर अनियमितताओं से पता चला कि बैंक का कारोबार ज़माकर्ताओं के हित के विपरीत चल रहा है। बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 11(1), 18, 22(3) क और ख तथा 24 का अनुपालन नहीं किया। एनपीए की वसूली के लिए भी बैंक ने कोई प्रयास नहीं किए। उपर्युक्त गंभीर अनियमितताओं को तथा बैंक की खराब वित्तीय स्थिति को ध्यान में रखते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंक को 03 दिसंबर 2010 को कारण बताओ नोटिस ज़ारी किया था ज़िसमें यह कहा गया था कि उन्हें बैंकिंग कारोबार करने के लिए 14 अक्तूबर 1996 को ज़ारी किया गया लाइसेंस क्यों न रद्द किया ज़ाए। कारण बताओ नोटिस पर बैंक ने 30 दिसंबर 2010 को उत्तर दिया। कारण बताओं नोटिस पर बैंक द्वारा दिए गए उत्तर की ज़ांच की गयी परंतु उसे संतोहज़नक नहीं पया गया । साथ ही बैंक से विलयन के लिए कोई ठोस प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ। अत: भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंक के ज़माकर्ताओं के हित में अंतिम उपाय के रूप में बैंक का लाइसेंस रद्द करने का निर्णय लिया। लाइसेन्स रद्द किये ज़ाने और समापन प्रक्रिया आरंभ करने से बालाज़ी को-आपरेटिव बैंक लि., नासिक, महाराष्ट्र के ज़माकर्ताओं को नेक्षेप बीमा योज़ना की शर्तों के अधीन ज़माराशि के भुगतान की प्रक्रिया प्रारंभ हो ज़ाएगी। लाइसेन्स रद्द किये ज़ाने के अनुसरण में श्री बालाजी को-आपरेटिव बैंक लि., ज़िला नासीक, महाराष्ट्र पर बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 5(ख) के अंतर्गत ज़माराशियां स्वीकार करने और उन्हें वापस लौटाने सहित बैंकिंग कारोबार करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। किसी भी स्पष्टीकरण के लिए ज़माकर्ता श्रीमती के.एस.ज्योत्सना, उप महाप्रबंधक, शहरी बैंक विभाग, मुंबई क्षेत्रीय कार्यालय, भारतीय रिज़र्व बैंक, मुंबई से सपर्क कर सकते हैं। उनका संपर्क ब्यौरा निम्नानुसार है: डाक पता : शहरी बैंक विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, मुंबई क्षेत्रीय कार्यालय, गारमेंट हाउस, मुंबई 400018, टेलीफोन नंबर : (022) 24824203-49 सीधी लाईन: (022) 2493 993, फैक्स नंबर: (022) 2493 5495; ई-मेल. अजीत प्रसाद प्रेस पकाशनी:2010-2011/1532 |