रिज़र्व बैंक ने सिध्दार्थ सहकारी बैंक लि., पुणे (महाराष्ट्र) का लाइसेंस रद्द किया - आरबीआई - Reserve Bank of India
रिज़र्व बैंक ने सिध्दार्थ सहकारी बैंक लि., पुणे (महाराष्ट्र) का लाइसेंस रद्द किया
23 जून 2011 रिज़र्व बैंक ने सिध्दार्थ सहकारी बैंक लि., पुणे (महाराष्ट्र) का लाइसेंस रद्द किया इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि सिध्दार्थ सहकारी बैंक लि., पुणे महाराष्ट्र के अर्थक्षम नहीं रह जाने और महाराष्ट्र सरकार के परामर्श से बैंक को पुनरुज्ज्जीवित करने के प्रयास असफल हो जाने तथा सतत अनिश्चितता के कारण जमाकर्ताओं को होनेवाली असुविधा के परिप्रेक्ष्य में भारतीय रिज़र्व बैंक ने 14 जून 2011 को कारोबार शुरू होने के पहले बैंक को दिया गया लाइसेंस रद्द करने का आदेश जारी किया। सहकार समितियों के रजिस्ट्रार, महाराष्ट्र राज्य से भी बैंक के समापन और उसके लिए समापक नियूक्त करने का आदेश जारी करने का अनुरोध किया गया है। उल्लेख किया जाता है कि बैंक के समापन पर हर जमाकर्ता निपेक्ष बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम (डीआइसीजीसी) से सामान्य शर्तों और नियमों के अधीन 1,00,000 रुपये (एक लाख रुपये मात्र) की मौद्रिक सीमा तक अपनी जमाराशियों को वापस पाने का हकदार होता है। 29 नवंबर 1996 को भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंकिंग कारोबार करने के लिए बैंक को लाईसेंस प्रदान किया था। 31 मार्च 2010 की वित्तीय स्थिति के लिए बैंक के सांविधिक निरीक्षण से यह पता चला है कि बैंक के आर्थिक पैरामीटर में कमी आई है। सीआरएआर का मूल्यांकन 31 मार्च 2009 में (-) 19.2% की स्थिति की तुलना में (-) 86.8% रहा। मूल्यांकित निवल संपत्ति 31 मार्च 2009 में (-)₹415.12 की स्थिति की तुलना में (-) ₹1375.17 लाख हो गयी। 31 मार्च 2009 को जमाराशि का मूल्यह्रास 10.8% था जो 33.6% हो गया। बैंक ने सीआरआर तथा एसएलआर रखने में भी चूक की। 9 जुलाई 2010 को हुई बैठक में रिज़र्व बैंक ने बैंक को सूचित किया गया था कि अपनी वित्तीय स्थिति में सुधार लाने के लिए उनके पास तीन महिने का समय है ऐसा न होने पर भारतीय रिज़र्व बैक, बैंक को जारी किए गए लाईसेंस को रद्द करने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए बाध्य होगा। उक्त बैठक में बैंक को यह भी सूचित किया गया था कि वे अच्छी वित्तीय स्थिति के शहरी सहकारी बैंक के साथ विलयन की संभावना का भी पता लगाएं। 30 सितंबर, 2010 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में की गई संवीक्षा से यह पता चला कि बैंक के वित्तीय पैरामीटर में और अधिक गिरावट हुई हैं। उक्त दिनांक का सीआरएआर (-) 90.3%, निवल संपत्ती (-) ₹ 1463.41 लाख तथा निवल हानि ₹ 1723.70 लाख मूल्यांकित की गयी थी। बैंक ने यह भी सूचित किया था कि सितंबर, 2010 के दौरान जमा खातों से अधिक मात्रा में आहरण होने के कारण बैंक को अत्यधिक चलनिधि समस्या का सामना करना पड़ा। समाशोधन देयता का भुगतान न करने के कारण 30 अक्तूबर, 2010 से कॉसमॉस को-ओपरेटिव बैंक लिमिटेड,पुणे द्वारा पुणे बैंकर्स समाशोधन हाऊस से बैंक की उप सदस्यता का प्रायोजन वापस लिया गया था। बैंक की अनिश्चित वित्तीय स्थिति एवं चलनिधि का अत्यधिक अधिमान के कारण 15 दिसंबर, 2010 के निर्देश सं शबैंवि.केंका.बीएसडी1.सं डी.25/12.22.382/2010-11 के माध्यम से बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949(सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 35(क) के अंतर्गत बैंक पर 20 दिसंबर, 2010 को कार्य समाप्ति के बाद निर्देश जारी किए गए। उपर्युक्त गंभीर अनियमितताओं से पता चला है कि बैंक का कारोबार जमाकर्ताओं के हित के विपरीत चल रहा है। बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 11(1), 18, 22(3) "क" और "ख" तथा 24 का अनुपालन नहीं किया है। उपर्युक्त गंभीर अनियमितताओं को तथा बैंक की खराब वित्तीय स्थिति को ध्यान में रखते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंक को 06 अप्रैल, 2011 के पत्र के माध्यम से कारण बताओ नोटिस जारी किया था जिसमें यह कहा गया था कि उन्हें बैंकिंग कारोबार करने के लिए 29 नवंबर, 1996 को जारी किया गया लाइसेंस क्यों न रद्द किया जाए। 28 अप्रैल, 2011 के पत्र द्वारा बैंक ने कारण बताओ नोटिस का जवाब दिया। कारण बताओ नोटिस पर बैंक द्वारा दिए गए उत्तर की जांच की गयी लेकिन उसे संतोषजनक नहीं पाया गया। इसके आगे बैंक ने विलयन का भी कोई प्रस्ताव नहीं दिया। अत: भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंक के जमाकर्ताओं के हित में अंतिम उपाय के रूप में बैंक का लाइसेंस रद्द करने का निर्णय लिया। लाइसेन्स रद्द किये जाने और समापन प्रक्रिया आरंभ करने से सिध्दार्थ सहकारी बैंक लि., पुणे, महाराष्ट्र के जमाकर्ताओं को निपेक्ष बीमा योजना की शर्तों के अधीन जमाराशि के भुगतान की प्रक्रिया प्रारंभ हो जाएगी। लाइसेन्स रद्द किये जाने के अनुसरण में सिध्दार्थ को-आपरेटिव बैंक लि., पुणे, महाराष्ट्र पर बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू।) की धारा 5(ख) के अंतर्गत जमाराशियां स्वीकार करने और उन्हें वापस लौटाने सहित बैंकिंग कारोबार करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। किसी भी स्पष्टीकरण के लिए जमाकर्ता श्रीमती के.एस.ज्योत्सना, उप महाप्रबंधक, शहरी बैंक विभाग, मुंबई क्षेत्रीय कार्यालय, भारतीय रिज़र्व बैंक, मुंबई से संपर्क कर सकते हैं। उनका संपर्क ब्यौरा निम्नानुसार है: डाक पता : शहरी बैंक विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक,मुंबई क्षेत्रीय कार्यालय, भारतीय रिज़र्व बैंक, दूसरी मंजि़ल, गारमेंट हाऊस, डॉ. ए.बी.रोड, वरली, मुंबई 400018; टेलीफोन नंबर : (022) 24824203, 24939930; फैक्स नंबर :(022) 24935495; ई-मेल : अजीत प्रसाद प्रेस पकाशनी:2010-2011/1865 |