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रिज़र्व बैंक ने सुवर्ण नागरी सहकारी बैंक लि., परभणी का लाइसेंस रद्द किया

25 फरवरी 2009
रिज़र्व बैंक ने सुवर्ण नागरी सहकारी बैंक लि., परभणी का लाइसेंस रद्द किया

सुवर्ण नागरी सहकारी बैंक लि., परभणी, महाराष्ट्र के अर्थक्षम नहीं रह जाने और महाराष्ट्र सरकार के परामर्श से बैंक को पुनर्जीवित करने के प्रयास असफल हो जाने तथा सतत अनिश्चितता के कारण जमाकर्ताओं को होनेवाली असुविधा के परिप्रेक्ष्य में भारतीय रिज़र्व बैंक ने 20 फरवरी 2009 को कारोबार की समाप्ति के बाद बैंक को दिया गया लाइसेंस रद्द करने का आदेश जारी किया। सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार, महाराष्ट्र राज्य से भी बैंक के समापन और उसके लिए समापक नियुक्त करने का आदेश जारी करने का अनुरोध किया गया है। उल्लेख किया जाता है कि बैंक के समापन पर हर जमाकर्ता निपेक्ष बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम (डीआइसीजीसी) से सामान्य शर्तो के अधीन 1,00,000 (एक लाख रुपये मात्र) रुपये की मौद्रिक सीमा तक अपनी जमाराशियों को वापस पाने का हकदार होता है।

भारतीय रिज़र्व बैंक ने 04 जनवरी 1996 को बैंक को बैंकिंग कारोबार करने के लिए लाईसेंस प्रदान किया। 31 मार्च 2005 की बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा किए गए सांविधिक निरीक्षण से यह संकेत मिला कि बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) के कई प्रावधानों का बैंक अनुपालन नहीं कर रहा है तथा बैंक ने भारतीय रिज़र्व बैंक के कई दिशानिर्देश / अनुदेशों का उल्लंघन किया है।बैंक की पूंजी और आरक्षित निधि का विनिमय मूल्य (निवल संपत्ति) ऋणात्मक हो गयी थी। बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 35(क) के अंतर्गत और अधिक देयता से बैंक को रोकने के लिए 19 अप्रैल 2006 के आदेश द्वारा बैंक को निर्देश जारी किए गए थे।

बैंक पुनर्जीवित होने में विफल रहा। अतः भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंक को 03 नवंबर 2008 को कारण बताओ नोटिस जारी किया था जिसमें यह पुछा गया था बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) के अंतर्गत 04 जनवरी 1996 को उन्हें बैंकिंग कारोबार करने के लिए जारी किया गया लाइसेंस क्यों न रद्द किया जाए। कारण बताओ नोटिस पर बैंक द्वारा भेजे गए उत्तर की जांच की गयी तथा उसे स्वीकार्य नहीं पाया गया।

बैंक की प्रदत्त पूंजी तथा आरक्षित निधि का विनिमय मूल्य ऋणात्मक होने तथा सक्षम कार्य योजना के अभाव में बैंक का पुनर्जीवन किए जाने की कोई आशा नही थी। अत: भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंक के जमाकर्ताओं के हित में अंतिम उपाय के रूप में बैंक का लाइसेंस रद्द करने का निर्णय लिया। लाइसेन्स रद्द किये जाने और समापन प्रक्रिया आरंभ करने से सुवर्ण नागरी सहकारी बैंक लि., परभणी, महाराष्ट्र के जमाकर्ताओं को निक्षेप बीमा योजना की शर्तों के अधीन जमाराशि के भुगतान की प्रक्रिया प्रारंभ हो जाएगी।

लाइसेन्स रद्द किये जाने के अनुसरण में सुवर्ण नागरी सहकारी बैंक लि., परभणी, महाराष्ट्र पर बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 5(ख) के अंतर्गत जमाराशियां स्वीकार करने और उन्हें वापस लौटाने सहित बैंकिंग कारोबार करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

किसी भी स्पष्टीकरण के लिए जमाकर्ता श्री श्रीधर बेहेरा, उप महाप्रबंधक, शहरी बैंक विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, नागपुर से संपर्क कर सकते हैं। उनका संपर्क ब्यौरा निम्नानुसार है:

डाक पता : एडिशनल ऑफिस बिल्डींग, इस्ट हाइ कोर्ट रोड, पोस्ट बॉक्स 118, नागपुर 440 001, टेलीफोन नंबर : (0712) 2538696; फैक्स नंबर : (0712) 2552896; ई-मेल :

अजीत प्रसाद

प्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी : 2008-2009/1375

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