रिज़र्व बैंक ने दि अकोट अर्बन को-आपरेटिव बैंक लि., अकोट, महाराष्ट्र का लाइसेंस रद्द किया - आरबीआई - Reserve Bank of India
रिज़र्व बैंक ने दि अकोट अर्बन को-आपरेटिव बैंक लि., अकोट, महाराष्ट्र का लाइसेंस रद्द किया
22 जून 2009 रिज़र्व बैंक ने दि अकोट अर्बन को-आपरेटिव बैंक लि., अकोट, महाराष्ट्र का लाइसेंस रद्द किया दि अकोट अर्बन को-आपरेटिव बैंक लि., अकोट, महाराष्ट्र के अर्थक्षम नहीं रह जाने और महाराष्ट्र सरकार के परामर्श से बैंक को पुनरुज्जीवित करने के प्रयास असफल हो जाने तथा सतत अनिश्चितता के कारण जमाकर्ताओं को होनेवाली असुविधा के परिप्रेक्ष्य में भारतीय रिजर्व बैंक ने 20 जून, 2009 को कारोबार की समाप्ति के बाद बैंक को दिया गया लाइसेंस रद्द करने का आदेश जारी किया। सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार, महाराष्ट्र राज्य से भी बैंक के समापन और उसके लिए समापक नियुक्त करने का आदेश जारी करने का अनुरोध किया गया है। उल्लेख किया जाता है कि बैंक के समापन पर हर जमाकर्ता निपेक्ष बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम (डीआइसीजीसी) से सामान्य शर्तो के अधीन 1,00,000 रुपये (एक लाख रुपये मात्र) की मौद्रिक सीमा तक अपनी जमाराशियों को वापस पाने का हकदार होता है। रिजर्व बैंक ने 10 मई, 1994 को बैंक को बैंकिंग कारोबार करने के लिए लाईसेंस प्रदान किया। 31 मार्च 2008 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा किए गए सांविधिक निरीक्षण से यह संकेत मिला कि बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) के कई प्रावधानों का बैंक अनुपालन नहीं कर रहा है तथा बैंक ने भारतीय रिज़र्व बैंक के कई दिशानिर्देश/अनुदाशों का उल्लंघन किया है।बैंक की पूंजी और आरक्षित निधि का विनिमेय मूल्य (निवल संपत्ति) ऋणात्मक हो गया था। बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 35(क) के अंतर्गत और अधिक देयता से बैंक को रोकने के लिए 01 जनवरी, 2009 के आदेश द्वारा बैंक को निर्देश जारी किए गए थे। भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंक को 13 जनवरी, 2009 को कारण बताओ नोटिस जारी किया था जिसमें यह पूछा गया था कि बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) के अंतर्गत 10 मई, 1994 को उन्हें बैंकिंग कारोबार करने के लिए जारी किया गया लाइसेंस क्यों न रद्द किया जाए। कारण बताओ नोटिस पर बैंक द्वारा भेजे गए उत्तर की जांच की गयी तथा उसे स्वीकार्य नहीं पाया गया। बैंक की प्रदत्त पूंजी तथा आरक्षित निधि का विनिमेय मूल्य ऋणात्मक होने तथा सक्षम कार्य योजना के अभाव में बैंक का पुनर्जीवन किए जाने की कोई आशा नही थी अत: भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंक के जमाकर्ताओं के हित में अंतिम उपाय के रूप में बैंक का लाइसेंस रद्द करने का निर्णय लिया। लाइसेन्स रद्द किये जाने और समापन प्रक्रिया आरंभ करने से दि अकोट अर्बन को-आपरेटिव बैंक लि., अकोट, महाराष्ट्र के जमाकर्ताओं को निक्षेप बीमा योजना की शर्तों के अधीन जमाराशि के भुगतान की प्रक्रिया प्रारंभ हो जाएगी। लाइसेन्स रद्द किये जाने के अनुसरण में दि अकोट अर्बन को-आपरेटिव बैंक लि., अकोट, महाराष्ट्र पर बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 5(ख) के अंतर्गत जमाराशियां स्वीकार करने और उन्हें वापस लौटाने सहित बैंकिंग कारोबार करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। किसी भी स्पष्टीकरण के लिए जमाकर्ता श्री श्रीधर बैहरा, उप महाप्रबंधक, शहरी बैंक विभाग, भारतीय रिजर्व बैंक, नागपुर से संपर्क कर सकते हैं। उनका संपर्क ब्यौरा निम्नानुसार है: डाक पता : ऐडीशनल ऑफिस बिल्डिंग, ईस्ट हाई कोर्ट रोड, पोस्ट बॉक्स 118, नागपुर 440 001। टेलीफोन नंबर : (0712) 2538696; फैक्स नंबर : (0712) 2552896; ई-मेल जे.डी. देसाई प्रेस प्रकाशनी : 2008-2009/2073 |