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रिज़र्व बैंक ने दि अनुभव को-ऑपरेटिव बैंक लि.,बसवाकल्याण, कर्नाटक का लाइसेंस रद्द किया

20 अगस्त 2008

रिज़र्व बैंक ने दि अनुभव को-ऑपरेटिव बैंक लि.,
बसवाकल्याण, कर्नाटक का लाइसेंस रद्द किया

इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि दि अनुभव को-ऑपरेटिव बैंक लि., बसवाकल्याण, (कर्नाटक) अर्थक्षम नहीं रह गया है और कर्नाटक सरकार के साथ सघन परामर्श से इसे पुनर्जीवित करने के सभी प्रयास असफल हो जाने तथा सतत अनिश्चितता के कारण जमाकर्ताओं को होने वाली असुविधा के परिप्रेक्ष्य में भारतीय रिज़र्व बैंक ने 14 अगस्त 2008 को कारोबार की समाप्ति के बाद बैंक का लाइसेंस रद्द करने का आदेश जारी किया। सहकारी समितियों के निबंधक, कर्नाटक से भी बैंक के समापन और उसके लिए समापक नियुक्त करने का आदेश जारी करने का अनुरोध किया गया है। यह उल्लेख किया जाता है कि बैंक के समापन पर हर जमाकर्ता निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) से 1,00,000 रुपये (एक लाख रुपये मात्र) की उच्चतम सीमा तक अपनी जमाराशियों को वापस पाने का हकदार होता है।

रिज़र्व बैंक द्वारा उक्त बैंक को बैंकिंग व्यवसाय करने के लिए 12 फरवरी 1997 को लाइसेंस जारी किया गया था। बैंक के 31 मार्च 2007 की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में किए गए सांविधिक निरीक्षण से यह पता चला है कि उसकी वित्तीय स्थिति में 31 मार्च 2005 की स्थिति के अनुसार किए गए पिछले निरीक्षण की तुलना में तेजी से गिरावट आई है। बैंक की जमाराशि में 73.6% की हानि हुई। बैंक के समक्ष चलनिधि की समस्या खड़ी हो गई थी और उसे वर्ष के दौरान भारी मात्रा में उधार लेना पड़ा । बैंक अपने जमाकर्ताओं की सभी वचनबद्धताओं को भी पूरा नहीं कर सका था। चलनिधि की गंभीर स्थिति तथा संवीक्षा के दौरान पाई गई अन्य कमियों को ध्यान में रखते हुए जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा करने के लिए बैंक को 23 जनवरी 2008 को बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 35क के अंतर्गत निदेशाधीन कर दिया गया था जिसके द्वारा प्रति जमाकर्ता रु. 500/- की जमाराशि की आहरण सीमा निर्धारित करते हुए बैंक परिचालनों को प्रतिबंधित कर दिया गया था। उसके बाद बैंक को 8 फरवरी 2008 को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था जिसमें उससे पूछा गया था कि क्यों न बैंकिंग व्यवसाय करने के लिए उसे मंज़ूर किया गया लाइसेंस रद्द कर दिया जाए।

बैंक द्वारा प्रस्तुत उत्तर पर विचार करने तथा उसके पुनर्जीवन के सभी विकल्पों की जांच करने के बाद भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंक के जमाकर्ताओं के हित में अंतिम उपाय के रूप में उसका लाइसेंस रद्द करने का निर्णय लिया। लाइसेंस रद्द होने तथा परिसमापन की कार्यवाही शुरू होने के साथ ही जमाकर्ताओं को निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम अधिनियम (डीआईसीजीसी एक्ट) के अनुसार बीमित राशि के भुगतान की प्रक्रिया प्रारंभ हो जाएगी

लाइसेंस रद्द होने के परिणामस्वरूप दि अनुभव को-ऑपरेटिव बैंक लि. पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू ) की धारा 5(ख) यथापरिभाषित "बैंकिंग व्यवसाय" करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है जिसमें जमाराशियां स्वीकार करना और उन्हें वापस लौटाना भी शामिल है।

इस संबंध में किसी भी स्पष्टीकरण के लिए जमाकर्ता श्री वी.सत्यप्रसाद, महाप्रबंधक, शहरी बैंक विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, बंगलूर से संपर्क कर सकते हैं। उनका संपर्कं विवरण है: डाक पता: 10/3/8, नृपतुंग मार्ग, बंगलूर-560001; टेलीफोन सं.: (080) 22213033; फैक्स सं. : (080) 22293668/22210185; ई-मेल

जी. रघुराज
उप महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी : 2008-2009/218

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