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रिज़र्व बैंक ने दि बड़ौदा मर्केन्टाइल सहकारी बैंक लिमिटेड, वडोदरा (गुजरात) का लाइसेन्स रद्द किया

17 मई 2006

रिज़र्व बैंक ने दि बड़ौदा मर्केन्टाइल सहकारी बैंक लिमिटेड, वडोदरा (गुजरात) का लाइसेन्स रद्द किया

दि बड़ौदा मर्केन्टाइल सहकारी बैंक लिमिटेड, वडोदरा, गुजरात के अर्थक्षम नहीं रह जाने, और गुजरात सरकार के परामर्श से इसे पुनरुज्जीवित करने के प्रयास असफल हो जाने तथा सतत अनिश्चितता के चलते जमाकर्ताओं को असुविधा का सामना करने के परिप्रेक्ष्य में भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंक को दिया गया लाइसेंस रद्द करने का आदेश 16 मई 2006 को अपराह्न 2.40 बजे जारी किया। सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार, गुजरात से भी बैंक के समापन और उसके लिए समापक नियुक्त करने का आदेश जारी करने का अनुरोध किया गया है। उल्लेख किया जाता है कि बैंक के समापन पर हर जमाकर्ता निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम से 1,00,000/- रुपये की उच्चतम मौद्रिक सीमा तक अपनी जमाराशियों को वापस पाने का हकदार होता है।

भारतीय रिज़र्व बैंक ने जमाकर्ताओं के हित की सुरक्षा के लिए बैंक के पुनरुज्जीवन हेतु सभी विकल्पों की जांच करने के बाद अंतिम कदम के रूप में दि बड़ौदा मर्केन्टाइल सहकारी बैंक लिमिटेड, वडोदरा, गुजरात का लाइसेन्स रद्द करने का निर्णय लिया। 30 जून 2002 को बैंक के आर्थिक स्थिति के निरीक्षण से यह पता चला कि बैंक की आर्थिक स्थिति असंतोषजनक है। इसलिए 10 अक्तूबर 2002 को कारोबार की समाप्ति से बैंक को बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 35ए के अंतर्गत निदेशों के अधीन रखा गया और जमाकर्ताओं को अधिकतम 1000 रुपये तक की राशि आहरित करने की छूट दी गई।बैंक के 30 जून 2004 की स्थिति संबंधी निरीक्षण में उसकी वित्तीय स्थिति में गिरावट पायी गयी। उसकी जमाराशियां चुकता पूंजी और प्रारक्षित निधि का वसूलीयोग्य मूल्य ऋणात्मक होने से क्षीण हो गयी है। इसके बाद रिज़र्व बैंक ने 13 जनवरी 2005 को बैंक को एक ‘कारण बताओ नोटिस’ जारी किया जिसमें उनसे इस बात का कारण बताने के लिए कहा गया कि बैंकिंग कारोबार चलाने के लिए उन्हें जारी किया गया लाइसेंस क्यों न रद्द किया जाए। चूंकि बैंक के पास पुनरुज्जीवित होने संबंधी कोई व्यवहार्य योजना नहीं थी और उसके पुनरुज्जीवित होने की गुंजाईश बहुत ही कम थी, अत: रिज़र्व बैंक ने बैंक जमाकर्ताओं के हित में इस बैंक का लाइसेंस रद्द करने संबंधी पराकोटि का निर्णय लिया। इसका लाइसेंस रद्द करने और समापन की प्रक्रिया शुरू करने के बाद निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम अधिनियम के अनुसार दि बड़ौदा मर्केन्टाइल सहकारी बैंक लिमिटेड, वडोदरा, के जमाकर्ताओं की बीमाकृत राशि की अदायगी करने का कार्य शुरू किया जायेगा।

लाइसेन्स रद्द किये जाने के अनुसरण में दि बड़ौदा मर्केन्टाइल सहकारी बैंक लिमिटेड, वडोदरा, पर बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 5(ख) में निर्धारित किये अनुसार जमाराशियां स्वीकार करने और उन्हें वापस लौटाने सहित बैंकिंग कारोबार करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

किसी भी स्पष्टीकरण के लिए जमाकर्ता श्री एस. राजगोपाल, महाप्रबंधक, शहरी बैंक विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, अहमदाबाद से संपर्क कर सकते हैं। उनका संपर्क ब्यौरा निम्नानुसार है:

डाक पता : शहरी बैंक विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, ला गज्जर चेंबर्स, आश्रम रोड, पोस्ट बॉक्स सं.1, अहमदाबाद-380 009; टेलीफोन नंबर : (079) 26585184; फैक्स नंबर : (079) 26584853; ई-मेल पता : ubdahmedabad@rbi.org.in

अल्पना किल्लावाला

मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी : 2005-2006/1481

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