रिज़र्व बैंक ने बेलगांव कैथोलिक को-आपरेटिव बैंक लि., बेलगांव, कर्नाटक का लाइसेंस रद्द किया - आरबीआई - Reserve Bank of India
रिज़र्व बैंक ने बेलगांव कैथोलिक को-आपरेटिव बैंक लि., बेलगांव, कर्नाटक का लाइसेंस रद्द किया
5 अगस्त 2010 रिज़र्व बैंक ने बेलगांव कैथोलिक को-आपरेटिव बैंक लि., बेलगांव, कर्नाटक का इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि बेलगांव कैथोलिक को-आपरेटिव बैंक लि., बेलगांव, कर्नाटक के अर्थक्षम नहीं रह जाने और कर्नाटक सरकार के परामर्श से बैंक को पुनरुज्जीवित करने के प्रयास असफल हो जाने तथा सतत अनिश्चितता के कारण जमाकर्ताओं को होनेवाली असुविधा के परिप्रेक्ष्य में भारतीय रिज़र्व बैंक ने 3 अगस्त 2010 को कारोबार की समाप्ति के बाद बैंक को दिया गया लाइसेंस रद्द करने का आदेश जारी किया। सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार, कर्नाटक राज्य से भी बैंक के समापन और उसके लिए समापक नियुक्त करने का आदेश जारी करने का अनुरोध किया गया है। उल्लेख किया जाता है कि बैंक के समापन पर हर जमाकर्ता निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम (डीआइसीजीसी) से 1,00,000 (एक लाख रुपये मात्र) रुपये की मौद्रिक सीमा तक अपनी जमाराशियों को वापस पाने का हकदार होता है। भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंक को 23 दिसंबर 1986 को बैंकिंग कारोबार शुरू करने के लिए लाइसेंस प्रदान किया था। 31 मार्च 2005 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में किए गए सांविधिक निरीक्षण में बैंक के परिचालन में कई चिंताजनक लक्षण दिखाई दिए। बैंक को श्रेणी IV में वर्गीकृत किया गया था तथा नयी जमाराशि स्वीकार करने तथा अवधिपूर्व सावधि जमाराशि के आहरण आदि पर प्रतिबंध लगाते हुए उस पर परिचालनात्मक अनुदेश लागू किए गए थे। । 31 मार्च 2006 की वित्तीय स्थिति के लिए बैंक के अगले निरीक्षण से यह पता चला कि बैंक की वित्तीय स्थिति और भी अधिक खराब हो गयी है तथा परिचालनात्मक अनुदेशों को जारी रखा गया। 31 मार्च 2007 की बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में किए गए निरीक्षण में नगण्य प्रगति दिखायी दी। यद्यपि, 31 मार्च 2008 तथा 31 मार्च 2009 की वित्तीय स्थिति के लिए इसके बाद के निरीक्षण से यह संकेत मिला कि बैंक की वित्तीय स्थिति अधिक खराब हो रही है। गंभीर चलनिधि की समस्या तथा बैंक के कार्यकलापों में पायी गयी अनियमितताओं को ध्यान में रखते हुए तथा जनता और जमाकर्ताओं के हित में अधिमानी भुगतान को रोकने और बैंक की आस्तियों की रक्षा करने के लिए 15 मार्च 2010 को अधिनियम की धारा 35(क) के अंतर्गत बैंक को निर्देश जारी किए गए जिसके अनुसार ऋण और अग्रिम स्वीकृत /नवीकरण करना, निवेश करना, उधार तथा नयी जमाराशि स्वीकार करने पर प्रतिबंध लगाया गया। जमाराशि की आहरण सीमा प्रति जमाकर्ता 1000/- रुपये तय की गई। उसके बाद लाइसेंस रद्द करने के लिए 30 मार्च 2010 को कारण बताओ नोटिस जारी किया। कारण बताओ सूचना के उत्तर में बैंक ने पुनरुज्जीवन की कोई जीवनक्षम योजना प्रस्तुत नहीं की।बैंक ने किसी अन्य शहरी सहकारी बैंक के साथ विलयन का भी कोई प्रस्ताव नही दिया। पुनर्जीवन के सभी विकल्पों की जांच करने के बाद पुनरुज्जीवन किए जाने की कोई आशा न होने के कारण भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंक के जमाकर्ताओं के हित में अंतिम उपाय के रूप में बैंक का लाइसेंस रद्द करने का निर्णय लिया। लाइसेन्स रद्द किये जाने और समापन प्रक्रिया आरंभ करने से बेलगांव कैथोलिक को-आपरेटिव बैंक लि., बेलगांव , कर्नाटक के जमाकर्ताओं को निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम अधिनियम की शर्तों के अधीन जमाराशि के भुगतान की प्रक्रिया प्रारंभ हो जाएगी। लाइसेन्स रद्द किये जाने के अनुसरण में बेलगांव कैथोलिक को-आपरेटिव बैंक लि., बेलगांव, कर्नाटक पर बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 5(ख) के अंतर्गत जमाराशियां स्वीकार करने और उन्हें वापस लौटाने सहित बैंकिंग कारोबार करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। किसी भी स्पष्टीकरण के लिए जमाकर्ता श्री बी.शिवनानजप्पा, उप महाप्रबंधक, शहरी बैंक विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, बंगलूर से संपर्क कर सकते हैं। उनका संपर्क ब्यौरा निम्नानुसार है : डाक पताः10/3/8, नृपतुंग मार्ग, बंगलूर-560001. टेलीफोन नंबर : (080) 2211 6260; फैक्स नंबर : (080) 22293668 / 22210185; ई-मेल : अजीत प्रसाद प्रेस प्रकाशनी : 2010-2011/195 |