रिज़र्व बैंक ने धनसुरा पीपुल्स को-आपरेटिव बैंक लिमिटेड, धनसुरा, गुजरात का लाइसेन्स रद्द किया - आरबीआई - Reserve Bank of India
रिज़र्व बैंक ने धनसुरा पीपुल्स को-आपरेटिव बैंक लिमिटेड, धनसुरा, गुजरात का लाइसेन्स रद्द किया
16 फरवरी 2006
रिज़र्व बैंक ने धनसुरा पीपुल्स को-आपरेटिव बैंक लिमिटेड, धनसुरा, गुजरात का लाइसेन्स रद्द किया
भारतीय रिज़र्व बैंक ने धनसुरा पीपुल्स को-आपरेटिव बैंक लिमिटेड, धनसुरा, गुजरात के अर्थक्षम नहीं रह जाने, गुजरात सरकार के परामर्श से इसे पुनरुज्जीवित करने के प्रयास असफल हो जाने और सतत अनिश्चितता के चलते जमाकर्ताओं को असुविधा का सामना करने के परिप्रेक्ष्य में भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंक को दिया गया लाइसेंस रद्द करने का आदेश कारोबार की समाप्ति के बाद 15 फरवरी 2006 को जारी किया। सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार, गुजरात से भी बैंक के समापन और उसके लिए समापक नियुक्त करने का आदेश जारी करने का अनुरोध किया गया है। उल्लेख किया जाता है कि बैंक के समापन पर हर जमाकर्ता निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम से 1,00,000/- रुपये की उच्चतम मौद्रिक सीमा तक अपनी जमाराशियां वापस पाने का हकदार होता है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने जमाकर्ताओं के हित की सुरक्षा के लिए बैंक के पुनरुज्जीवन हेतु सभी विकल्पों की जांच करने के बाद अंतिम कदम के रूप में धनसुरा पीपुल्स को-आपरेटिव बैंक लिमिटेड, धनसुरा, गुजरात का लाइसेन्स रद्द करने का निर्णय लिया। बैंक को हुई चलनिधि की भारी तंगी की समस्या को देखते हुए इसे 19 जून 2004 को कारोबार की समाप्ति से बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 35ए के अंतर्गत निदेश जारी करके उस पर ऋण स्वीकृत या नवीकृत करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया। दिनांक 31 दिसंबर 2004 को बैंक की स्थिति संबंधी निरीक्षण में उसकी वित्तीय स्थिति में गिरावट पायी गयी। उसकी जमाराशियां क्षीण हो रही थीं और चुकता पूंजी और प्रारक्षित निधि का वसूलीयोग्य मूल्य ऋणात्मक हो गया था।पहले जारी किए गए निर्देशों को 20 जून 2005 को जारी किए गए निर्देशों के अनुसार आशोधित किया गया और बैंक पर नई जमाराशियां स्वीकार करने पर प्रतिबंध लगाने के साथ ही बैंक द्वारा वरीयत: आधार पर चुकौती करने पर रोक लगाते हुए प्रति जमाकर्ता 1000 रुपये तक ही जमाराशियां चुकाना सीमित कर दिया। इसके बाद में रिज़र्व बैंक ने 25 जून 2005 को बैंक को एक ‘कारण बताओ नोटिस’ जारी किया जिसमें उनसे इस बात का कारण बताने के लिए कहा गया कि बैंकिंग कारोबार चलाने के लिए उन्हें जारी किया गया लाइसेंस क्यों न रद्द किया जाए। चूंकि बैंक के पास पुनरुज्जीवित होने संबंधी कोई व्यवहार्य योजना नहीं थी और उसके पुनरुज्जीवित होने की गुंजाईश बहुत ही कम थी, अत: रिज़र्व बैंक ने बैंक जमाकर्ताओं के हित में इस बैंक का लाइसेंस रद्द करने संबंधी पराकोटि का निर्णय लिया। इसका लाइसेंस रद्द करने और समापन की प्रक्रिया शुरू करने के बाद निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम अधिनियम के अनुसार धनसुरा पीपुल्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड के जमाकर्ताओं की बीमाकृत राशि की अदायगी करने का कार्य शुरू किया जायेगा।
लाइसेन्स रद्द किये जाने के अनुसरण में धनसुरा पीपुल्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, धनसुरा पर बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 5(ख) में परिभाषित किये अनुसार जमाराशियां स्वीकार करने और उन्हें वापस लौटाने सहित ‘बैंकिंग कारोबार’ करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
किसी भी स्पष्टीकरण के लिए जमाकर्ता श्री एस. राजगोपाल, महाप्रबंधक, शहरी बैंक विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, अहमदाबाद से संपर्क कर सकते हैं।
उनका संपर्क ब्यौरा निम्नानुसार है:
डाक पता : शहरी बैंक विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक,
ला गजर चेंबर्स, आश्रम रोड, पोस्ट बॉक्स सं.1,
अहमदाबाद-380 009
टेलीफोन नंबर : (079) 2658-5184
फैक्स नंबर : (079) 26584853
ई-मेल पता : ubdahnmedabad@rbke.org.ken
अजीत प्रसाद
प्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी : 2005-2006/1041