रिज़र्व बैंक ने दि हरूगेरी अर्बन को-ऑपरेटिव क्रेडिट बैंक लिमिटेड, हरूगेरी , कर्नाटक का लाइसेंस रद्द किया - आरबीआई - Reserve Bank of India
रिज़र्व बैंक ने दि हरूगेरी अर्बन को-ऑपरेटिव क्रेडिट बैंक लिमिटेड, हरूगेरी , कर्नाटक का लाइसेंस रद्द किया
रिज़र्व बैंक ने दि हरूगेरी अर्बन को-ऑपरेटिव क्रेडिट बैंक लिमिटेड, हरूगेरी , कर्नाटक का लाइसेंस रद्द किया
दि हरूगेरी अर्बन को-ऑपरेटिव क्रेडिट बैंक लिमिटेड, हरूगेरी (कर्नाटक) के अर्थक्षम नहीं रह जाने और कर्नाटक सरकार के परामर्श से इसे पुनरुज्जीवित करने के प्रयास असफल हो जाने तथा सतत अनिश्चितता के कारण जमाकर्ताओं को होनेवाली असुविधा के परिप्रेक्ष्य में भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंक को दिया गया लाइसेंस रद्द करने का आदेश 22 जनवरी 2007 को कारोबार की समाप्ति के बाद जारी किया। सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार, कर्नाटक राज्य से भी बैंक के समापन और उसके लिए समापक नियुक्त करने का आदेश जारी करने का अनुरोध किया गया है। उल्लेख किया जाता है कि बैंक के समापन पर हर जमाकर्ता निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम से 1,00,000 रुपये की उच्चतम मौद्रिक सीमा तक अपनी जमाराशियों को वापस पाने का हकदार होता है।
बैंक को बैंकिंग कारोबार आरंभ करने के लिए रिज़र्व बैंक द्वारा 24 नवंबर 1987 को लाइसेंस जारी किया गया था। 9 अप्रैल 2003 को की गई विशेष संवीक्षा में यह पाया गया था कि बैंक सख्त नकदी की कमी की समस्या से गुजर रही थी। विवेचनात्मक नकदी की कमी की स्थिति और संवीक्षा के दौरान पाई गई अन्य विसंगतियों को ध्यान में रखते हुए, जमाकर्ताओं के हित में, अन्य बातों के साथ-साथ ऋण और अग्रिमों की मंजूरी/नवीकरण, निवेश करने, उधार लेने और नई जमाराशियां स्वीकार करने पर प्रतिबंध लगाते हुए बैंक को 11 जून 2003 को बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 35(क) के निदेशों के अंतर्गत रखा गया। निदेशक बोर्ड का अधिक्रमण किया गया और 14 अगस्त 2003 को प्रभावी तारीख से सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार द्वारा प्रशासक नियुक्त किया गया।
31 मार्च 2005 की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में अधिनियम की धारा 35 के अंतर्गत किया गया सांविधिक निरीक्षण में यह पाया गया कि बैंक की वित्तीय स्थिति में और अधिक गिरावट हुई है। बैंक को 17 मई 2006 को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था जिसमें यह कहा गया था कि उन्हें बैंकिंग कारोबार करने के लिए जारी किया गया लाइसेंस क्यों न रद्द किया जाए।
बैंक द्वारा प्रस्तुत किए गए जवाब पर विचार करने के बाद भारतीय रिज़र्व बैंक ने इसके पुररुज्जीवित किए जाने हेतु सभी विकल्पों की जांच के बाद बैंक के जमाकर्ताओं के हित में अन्तिम उपाय के रूप में बैंक का लाइसेंस रद्द करने का निर्णय लिया। लाइसेन्स रद्द किये जाने और समापन प्रक्रिया आरंभ करने से दि हरूगेरी अर्बन को-ऑपरेटिव क्रेडिट बैंक लिमिटेड के जमाकर्ताओं को निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम अधिनियम के अनुसार बिमाकृत राशि का भुगतान करने का कार्य आरंभ हो जाएगा।
लाइसेन्स रद्द किये जाने के अनुसरण में दि हरूगेरी अर्बन को-ऑपरेटिव क्रेडिट बैंक लिमिटेड पर बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 5(ख) में निर्धारित किये अनुसार जमाराशियां स्वीकार करने और उन्हें वापस लौटाने सहित बैंकिंग कारोबार करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
किसी भी स्पष्टीकरण के लिए जमाकर्ता श्री सी.आर.जी.नायर, उप महाप्रबंधक, शहरी बैंक विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, बंगलूर से संपर्क कर सकते हैं। उनका संपर्क ब्यौरा निम्नानुसार है:
डाक पता : 10/3/8, नृपथुंगा रोड, बंगलूर-560001. टेलीफोन नंबर : (080) 2229 1696; फैक्स नंबर : (080) 2229 3668/2221 0185.
अल्पना किल्लावाला
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी : 2006-2007/1048