RbiSearchHeader

Press escape key to go back

पिछली खोज

थीम
थीम
टेक्स्ट का साइज़
टेक्स्ट का साइज़
S1

Press Releases Marquee

आरबीआई की घोषणाएं
आरबीआई की घोषणाएं

RbiAnnouncementWeb

RBI Announcements
RBI Announcements

असेट प्रकाशक

79611407

रिज़र्व बैंक ने दि हिरेकुरूर अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, हिरेकुरूर (कर्नाटक) का लाइसेंस रद्द किया

7 नवंबर 2007

रिज़र्व बैंक ने दि हिरेकुरूर अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड,
हिरेकुरूर (कर्नाटक) का लाइसेंस रद्द किया

इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि दि हिरेकुरूर अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, हिरेकुरूर (कर्नाटक) अर्थक्षम नहीं रह गया है और कर्नाटक सरकार के साथ परामर्श से इसे पुनरुज्जीवित करने के सभी प्रयास असफल हो जाने तथा सतत अनिश्चितता के कारण जमाकर्ताओं को होने वाली असुविधा के परिप्रेक्ष्य में भारतीय रिज़र्व बैंक ने 7 नवंबर 2007 को कारोबार की समाप्ति के बाद बैंक का लाइसेंस रद्द करने का आदेश जारी किया। सहकारी समितियों के निबंधक, कर्नाटक से भी बैंक के समापन और उसके लिए समापक नियुक्त करने का आदेश जारी करने का अनुरोध किया गया है। उल्लेख किया जाता है कि बैंक के समापन पर हर जमाकर्ता निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) से 1,00,000 रुपये (एक लाख रुपये मात्र) की उच्चतम मौद्रिक सीमा तक अपनी जमाराशियों को वापस पाने का हकदार होता है।

भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा उक्त बैंक को बैंकिंग कारोबार करने के लिए 28 नवंबर 1986 को लाइसेंस जारी किया गया था। 21 दिसंबर से 23 दिसंबर 2004 के दौरान रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक की त्वरित संवीक्षा में यह उल्लेख किया गया कि 1 अक्तूबर 2004 से बैंक से भारी मात्रा में आहरण किया गया और उसके बाद जमा खाते से भारी निकासियाँ की गईं। बैंक पर 500/- रुपये तक की जमाराशि पर निकासी की सीमा लागू किए जाने सहित 21 फरवरी 2005 के पत्र यूबीडी.सं.बीएसडी.IV-डी-152/12.03.0577/2004-05 के निर्देश के अनुसार बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35क (सहकारी समितियों पर यथा लागू) के अंतर्गत निर्देश लागू किए गए।

उसके बाद 31 मार्च 2005 तथा 31 मार्च 2006 तक की वित्तीय स्थिति के संबंध में किए गए बैंक के निरीक्षण में यह उल्लेख किया गया था कि बैंक की वित्तीय स्थिति में आगे भी गिरावट हुई है। यह भी पाया गया कि बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 35क के अंतर्गत बैंक ने रिज़र्व बैंक द्वारा जारी दिशानिर्देशों का उल्लंघन किया है। बैंक को 25 जून 2007 के पत्र के माध्यम से एक कारण बताओ नोटिस (एससीएन) जारी किया गया। बैंक द्वारा कारण बताओ नोटिस के दिए गए उत्तर में उसे पुनरुजीवित करने के लिए कोई ठोस योजना नहीं थी और वह संतोषजनक नहीं था।

बैंक द्वारा प्रस्तुत उत्तर पर विचार करने तथा उसके पुनरुज्जीवन के सभी विकल्पों की जांच करने के बाद भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंक के जमाकर्ताओं के हित में अंतिम उपाय के रूप में उसका लाइसेंस रद्द करने का निर्णय लिया। लाइसेंस रद्द होने तथा परिसमापन की कार्यवाही शुरू होने के साथ ही जमाकर्ताओं को निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम अधिनियम (डीआईसीजीसी एक्ट) के अनुसार बीमाकृत राशि के भुगतान की प्रक्रिया प्रारंभ हो जाएगी।

लाइसेंस रद्द होने के परिणामस्वरूप दि हिरेकुरूर अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, हिरेकुरूर (कर्नाटक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 5(ख) में यथापरिभाषित "बैंकिंग कारोबार" करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है जिसमें जमाराशियां स्वीकार करना और उनकी चुकौती भी शामिल है।

इस संबंध में किसी भी स्पष्टीकरण के लिए जमाकर्ता श्री एस.नीलकंठन, उप महाप्रबंधक, भारतीय रिज़र्व बैंक, शहरी बैंक विभाग, बेंगलूर से संपर्क कर सकते हैं। उनका संपर्क ब्योरा निम्न प्रकार है :

डाक पता: 10/3/8, नृपतुंगा मार्ग, बंगलूर-560001, टेलीफोन सं. (080) 22291696, फैक्स सं. (080) 22293668 / 22210185.

अजीत प्रसाद
प्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी : 2007-2008/634

RbiTtsCommonUtility

प्ले हो रहा है
सुनें

संबंधित एसेट

आरबीआई-इंस्टॉल-आरबीआई-सामग्री-वैश्विक

RbiSocialMediaUtility

आरबीआई मोबाइल एप्लीकेशन इंस्टॉल करें और लेटेस्ट न्यूज़ का तुरंत एक्सेस पाएं!

Scan Your QR code to Install our app

RbiWasItHelpfulUtility

क्या यह पेज उपयोगी था?