रिज़र्व बैंक ने कन्याका परमेश्वरी म्यूच्युअली एडेड सहकारी शहरी बैंक लिमिटेड, आंध्र प्रदेश का लाइसेन्स रद्द किया - आरबीआई - Reserve Bank of India
रिज़र्व बैंक ने कन्याका परमेश्वरी म्यूच्युअली एडेड सहकारी शहरी बैंक लिमिटेड, आंध्र प्रदेश का लाइसेन्स रद्द किया
17 अगस्त 2006
रिज़र्व बैंक ने कन्याका परमेश्वरी म्यूच्युअली एडेड सहकारी शहरी बैंक लिमिटेड, आंध्र प्रदेश का लाइसेन्स रद्द किया
कन्याका परमेश्वरी म्यूच्युअली एडेड सहकारी शहरी बैंक लिमिटेड, आंध्र प्रदेश के अर्थक्षम नहीं रह जाने और आंध्र प्रदेश सरकार के परामर्श से इसे पुनरुज्जीवित करने के प्रयास असफल हो जाने तथा सतत अनिश्चितता के चलते जमाकर्ताओं को होने वाली असुविधा के परिप्रेक्ष्य में भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंक को दिया गया लाइसेंस रद्द करने का आदेश 16 अगस्त 2006 को कारोबार की समाप्ति पर जारी किया। सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार, आंध्र प्रदेश से भी बैंक के समापन और उसके लिए समापक नियुक्त करने का आदेश जारी करने का अनुरोध किया गया है। उल्लेख किया जाता है कि बैंक के समापन पर हर जमाकर्ता निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम से 1,00,000/- रुपये (एक लाख रुपये मात्र) की उच्चतम मौद्रिक सीमा तक अपनी जमाराशियां वापस पाने का हकदार होता है।
रिज़र्व बैंक ने 21 जुलाई 1997 को बैंक को बैंकिंग कारोबार आरंभ करने के लिए लाइसेन्स प्रदान किया था। रिज़र्व बैंक द्वारा किये गये 31 मार्च 2004 को बैंक की वित्तीय स्थिति संबंधी सांविधिक निरीक्षण में यह पाया गया कि बैंक ने रिज़र्व बैंक के कई निर्देशों/अनुदेशों का उल्लंघन किया है। बैंक के समक्ष चलनिधि संबंधी समस्याएं जनवरी 2005 के दौरान लोगों द्वारा जमाराशियां निकालने की होड़ लगने के कारण हुई थीं। इसीलिए जमाकर्ताओं के हित में 27 जनवरी 2005 के आदेश के अंतर्गत बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 35क के अंतर्गत बैंक को निदेशों के अधीन रखा गया। बैंक के अनुरोध पर 14 मार्च 2005 के आदेश के अंतर्गत सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार ने बैंक के निदेशक बोर्ड का स्थान लिया।
31 मार्च 2005 को बैंक की वित्तीय स्थिति के बाद के निरीक्षण से पता चला कि बैंक की वित्तीय स्थिति और क्षरण हुआ है। उनकी जमाराशियां कम होती जा रही थी क्योंकि चूकता पूंजी और प्रारक्षित निधि का वसूली योग्य मूल्य नकारात्मक था। अतएव भारतीय रिज़र्व बैंक ने 26 अप्रैल 2006 को बैंक को एक ‘कारण बताओ नोटिस’ जारी किया जिसमें उनसे इस बात का कारण बताने के लिए कहा गया कि बैंकिंग कारोबार चलाने के लिए उन्हें जारी किया गया लाइसेंस क्यों न रद्द किया जाए। कारण बताओ नोटिस का बैंक द्वारा दिये गये उत्तर की जांच की गई और उसे अस्वीकार्य पाया गया।
चूँकि बैंक के पास पुनरुज्जीवित होने की बहुत कम गुंजाईश को देखते हुए रिज़र्व बैंक ने इसे पुनरुज्जीवित करने के सभी विकल्पों को परखने के बाद बैंक जमाकर्ताओं के हित में इस बैंक का लाइसेंस रद्द करने संबंधी पराकोटि का निर्णय लिया। इसका लाइसेंस रद्द करने और समापन की प्रक्रिया शुरू करने के बाद निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम अधिनियम के अनुसार कन्याका परमेश्वरी म्यूच्युअली एडेड सहकारी शहरी बैंक लिमिटेड, आंध्र प्रदेश के जमाकर्ताओं की बीमाकृत राशि की अदायगी करने का कार्य शुरू किया जायेगा।
लाइसेन्स रद्द किये जाने के अनुसरण में कन्याका परमेश्वरी परस्पर सहायक सहकारी शहरी बैंक लिमिटेड, आंध्र प्रदेश पर बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 5(ख) में निर्धारित किये अनुसार जमाराशियां स्वीकार करने और उन्हें वापस लौटाने सहित बैंकिंग कारोबार करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
किसी भी स्पष्टीकरण के लिए जमाकर्ता श्री एम.चंद्रशेखरन, उप महाप्रबंधक, शहरी बैंक विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, हैदराबाद से संपर्क कर सकते हैं। उनका संपर्क ब्यौरा निम्नानुसार है:
डाक पता : 6-1-56, सेक्रटरिएट मार्ग, सैफादाबाद, हैदराबाद-500004; टेलीफोन नंबर : (040) 23234623; फैक्स नंबर : (040) 23235891; ई-मेल पता : ubdhyderabad@rbi.org.in
पी.वी.सदानंदन
प्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी : 2006-2007/239