रिज़र्व बैंक ने दि मराठा को-ऑपरेटिव बैंक लि., हुबली, कर्नाटक का लाइसेंस रद्द किया - आरबीआई - Reserve Bank of India
रिज़र्व बैंक ने दि मराठा को-ऑपरेटिव बैंक लि., हुबली, कर्नाटक का लाइसेंस रद्द किया
31 जनवरी 2008
रिज़र्व बैंक ने दि मराठा को-ऑपरेटिव बैंक लि., हुबली,
कर्नाटक का लाइसेंस रद्द किया
इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि दि मराठा को-ऑपरेटिव बैंक लि., हुबली, (कर्नाटक) के अर्थक्षम नहीं रह जाने और कर्नाटक सरकार के परामर्श से बैंक को पुनरुज्जीवित करने के प्रयास असफल हो जाने तथा सतत अनिश्चितता के कारण जमाकर्ताओं को होनेवाली असुविधा के परिप्रेक्ष्य में भारतीय रिजर्व बैंक ने 29 जनवरी 2008 को कारोबार की समाप्ति के बाद बैंक को दिया गया लाइसेंस रद्द करने का आदेश जारी किया। सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार, कर्नाटक राज्य से भी बैंक के समापन और उसके लिए समापक नियुक्त करने का आदेश जारी करने का अनुरोध किया गया है। उल्लेख किया जाता है कि बैंक के समापन पर हर जमाकर्ता निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम (डीआइसीजीसी) से 1,00,000/- (एक लाख रुपये मात्र) रुपये की मौद्रिक सीमा तक अपनी जमाराशियों को वापस पाने का हकदार होता है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि मराठा को-ऑपरेटिव बैंक लि., हुबली, कर्नाटक राज्य को बैंकिंग कारोबार करने के लिए 8 जनवरी 1988 को लाइसेंस जारी किया था। 31 मार्च 2003 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में अधिनियम की धारा 35 के अंतर्गत किए गए निरीक्षण से यह संकेत मिला कि बैंक की वित्तीय स्थिति खराब हो गई थी। बैंक की सकल और निवल अनर्जक आस्तियाँ काफी अधिक हो गई थी और बैंक चलनिधि संकट का सामना कर रहा था तथा वह परिपक्व जमाराशियों की चुकौती की स्थिति में नहीं था। 21 जनवरी 2004 के आदेश द्वारा अधिनियम की धारा 35(क) के अंतर्गत बैंक को निर्देश जारी किए गए जिसके अनुसार प्रत्येक जमाकर्ता को देय राशि की सीमा 1000/- रुपये तय करने सहित उसके परिचालनों पर प्रतिबंध लगाया गया।
उसके बाद 31 मार्च 2005 को बैंक की स्थिति के संदर्भ में किए गए सांविधिक निरीक्षण से यह संकेत मिला कि बैंक की वित्तीय स्थिति और नाजुक हो गई थी और उसकी जमाराशियाँ समाप्तप्राय थी क्योंकि प्रदत्त पूँजी और प्रारक्षित निधि का वसूलीयोग्य मूल्य नकारात्मक हो गया था। बैंक को 4 अप्रैल 2006 को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था।
उसके बाद 31 मार्च 2006 और 31 मार्च 2007 की स्थिति के संदर्भ में किए गए निरीक्षण से पता चला कि बैंक की स्थिति अत्यंत खराब थी।
कारण बताओ नोटिस पर बैंक द्वारा दिए गए उत्तर, परवर्ती निरीक्षणों के निष्कर्ष तथा इसे पुनरुज्जीवित किए जाने के सभी विकल्पों की जाँच के बाद भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंक के जमाकर्ताओं के हित में अंतिम उपाय के रूप में बैंक का लाइसेंस रद्द करने का निर्णय लिया। लाइसेन्स रद्द किये जाने और समापन प्रक्रिया आरंभ करने से जमाकर्ताओं को निक्षेप बीमा योजना की शर्तों के अधीन जमाराशि के भुगतान की प्रक्रिया प्रारंभ हो जाएगी।
लाइसेन्स रद्द किये जाने के अनुसरण में दि मराठा को-ऑपरेटिव बैंक लि., हुबली, (कर्नाटक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 5(ख) के अंतर्गत जमाराशियां स्वीकार करने और उन्हें वापस लौटाने सहित बैंकिंग कारोबार करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
किसी भी स्पष्टीकरण के लिए जमाकर्ता श्री एस.नीलकंठन, उप महाप्रबंधक, शहरी बैंक विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, बंगलूर को ई-मेल कर सकते हैं। उनका संपर्क ब्यौरा निम्नानुसार है:
डाक पता : 10/3/8, नृपतुंगा रोड, बंगलूर-560001. टेलीफोन नंबर : (080)22291696; फैक्स नंबर : (080) 22293668 / 22210185
जी. रघुराज
उप महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी : 2007-2008/1008