रिज़र्व बैंक ने परभणी पीपुल्स को-आपरेटिव बैंक लिमिटेड, परभणी (महाराष्ट्र) का लाइसेन्स रद्द किया - आरबीआई - Reserve Bank of India
रिज़र्व बैंक ने परभणी पीपुल्स को-आपरेटिव बैंक लिमिटेड, परभणी (महाराष्ट्र) का लाइसेन्स रद्द किया
21 जून 2006
रिज़र्व बैंक ने परभणी पीपुल्स को-आपरेटिव बैंक लिमिटेड, परभणी (महाराष्ट्र) का लाइसेन्स रद्द किया
परभणी पीपुल्स को-आपरेटिव बैंक लिमिटेड, परभणी, महाराष्ट्र के अर्थक्षम नहीं रह जाने और महाराष्ट्र सरकार के परामर्श से इसे पुनरुज्जीवित करने के प्रयास असफल हो जाने तथा सतत अनिश्चितता के चलते जमाकर्ताओं को होने वाली असुविधा के परिप्रेक्ष्य में भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंक को दिया गया लाइसेंस रद्द करने का आदेश 16 जून 2006 को जारी किया। सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार, महाराष्ट्र से भी बैंक के समापन और उसके लिए समापक नियुक्त करने का आदेश जारी करने का अनुरोध किया गया है। उल्लेख किया जाता है कि बैंक के समापन पर हर जमाकर्ता निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम से 1,00,000/- रुपये की उच्चतम मौद्रिक सीमा तक अपनी जमाराशियां वापस पाने का हकदार होता है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने जमाकर्ताओं के हित की सुरक्षा के लिए बैंक के पुनरुज्जीवन हेतु सभी विकल्पों की जांच करने के बाद अंतिम कदम के रूप में परभणी पीपुल्स को-आपरेटिव बैंक लिमिटेड, परभणी, महाराष्ट्र का लाइसेन्स रद्द करने का निर्णय लिया। 30 जून 2002 को बैंक की आर्थिक स्थिति के निरीक्षण से यह पता चला कि बैंक की आर्थिक स्थिति असंतोषजनक है। तथापि, बैंक के अनुरोध पर उसे सुधार दिखाने का कुछ समय दिया गया। मार्च 2005 में जमाराशियों के भारी आहरण से नकदी का गंभीर संकट उत्पन्न हो गया था इसलिए 25 अक्तूबर 2004 को कारोबार की समाप्ति से बैंक को बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 35ए के अंतर्गत 20 अप्रैल 2005 के हमारे आदेश, जिसमें गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाया गया था, के अधीन रखा गया। इसके पश्चात् बैंक की 31 मार्च 2005 की वित्तीय स्थिति संबंधी निरीक्षण में उसकी वित्तीय स्थिति में और गिरावट पायी गयी। उसकी जमाराशियां चुकता पूंजी और प्रारक्षित निधि का वसूलीयोग्य मूल्य ऋणात्मक होने से क्षीण हो गयी हैं। भारतीय रिज़र्व बैंक ने 17 अगस्त 2005 को बैंक को एक ‘कारण बताओ नोटिस’ भी जारी किया जिसमें उनसे इस बात का कारण बताने के लिए कहा गया कि बैंकिंग कारोबार चलाने के लिए उन्हें जारी किया गया लाइसेंस क्यों न रद्द किया जाए। चूंकि बैंक के पास पुनरुज्जीवित होने संबंधी कोई व्यवहार्य योजना नहीं थी और उसके पुनरुज्जीवित होने की गुंजाईश बहुत ही कम थी, अत: रिज़र्व बैंक ने बैंक जमाकर्ताओं के हित में इस बैंक का लाइसेंस रद्द करने संबंधी पराकोटि का निर्णय लिया। इसका लाइसेंस रद्द करने और समापन की प्रक्रिया शुरू करने के बाद निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम अधिनियम के अनुसार परभणी पीपुल्स को-आपरेटिव बैंक लिमिटेड, परभणी, महाराष्ट्र के जमाकर्ताओं की बीमाकृत राशि की अदायगी करने का कार्य शुरू किया जायेगा।
लाइसेन्स रद्द किये जाने के अनुसरण में परभणी पीपुल्स को-आपरेटिव बैंक लिमिटेड, परभणी, महाराष्ट्र, पर बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 5(ख) में निर्धारित किये अनुसार जमाराशियां स्वीकार करने और उन्हें वापस लौटाने सहित बैंकिंग कारोबार करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
किसी भी स्पष्टीकरण के लिए जमाकर्ता श्री आनंद प्रकाश, महाप्रबंधक, शहरी बैंक विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, नागपुर से संपर्क कर सकते हैं। उनका संपर्क ब्यौरा निम्नानुसार है:
डाक पता : शहरी बैंक विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, नागपुर क्षेत्रीय कार्यालय, एडीशनल आफिस बिल्डिंग, ईस्ट हाइकोर्ट रोड, नागपुर-440001. टेलीफोन नंबर : (0712) 2538696; फैक्स नंबर : (0712) 2552896; ई-मेल पता : 1. anandprakash@rbi.org.in; 2.helpnagpur@rbi.org.in
पी.वी.सदानंदन
प्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी : 2005-2006/ 1660