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रिज़र्व बैंक ने राबकावी अर्बन को-आपरेटिव बैंक लि., राबकावी, कर्नाटक का लाइसेंस रद्द किया

12 मार्च 2010

रिज़र्व बैंक ने राबकावी अर्बन को-आपरेटिव बैंक लि., राबकावी, कर्नाटक का लाइसेंस रद्द किया

इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि राबकावी अर्बन को-आपरेटिव बैंक लि., राबकावी, कर्नाटक के अर्थक्षम नहीं रह जाने और कर्नाटक सरकार के परामर्श से बैंक को पुनरुज्जीवित करने के प्रयास असफल हो जाने तथा सतत अनिश्चितता के कारण जमाकर्ताओं को होनेवाली असुविधा के परिप्रेक्ष्य में भारतीय रिज़र्व बैंक ने 09 मार्च 2010 को कारोबार की समाप्ति के बाद बैंक को दिया गया लाइसेंस रद्द करने का आदेश जारी किया। सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार, कर्नाटक राज्य से भी बैंक के समापन और उसके लिए समापक नियुक्त करने का आदेश जारी करने का अनुरोध किया गया है। उल्लेख किया जाता है कि बैंक के समापन पर हर जमाकर्ता निपेक्ष बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम (डीआइसीजीसी) से 1,00,000 (एक लाख रुपये मात्र) रुपये की मौद्रिक सीमा तक अपनी जमाराशियों को वापस पाने का हकदार होता है।

10 दिसंबर 1986 को रिज़र्व बैंक ने बैंक को बैंकिंग कारोबार शुरू करने के लिए लाइसेंस प्रदान किया था। 31 मार्च 2004 की बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में किये गये सांविधिक निरीक्षण से यह संकेत मिला कि बैंक की वित्तीय स्थिति खराब हो गई है ।बैंक के कार्यकलापों में पायी गयी अनियमितताओं को ध्यान में रखते हुए तथा जनता और जमाकर्ताओं के हित में अधिमानी भुगतान को रोकने और बैंक की आस्तियों की रक्षा करने के लिए 01 मार्च 2005 को अधिनियम की धारा 35(क) के अंतर्गत बैंक को निर्देश जारी किए गए जिसके अनुसार प्रत्येक जमाकर्ता को देय राशि की सीमा 500/- रुपये तय की गई। बैंक की वित्तीय स्थिति की आवधिक समीक्षा की गयी तथा वित्तीय / नकदी की स्थिति में हुए सुधार के आधार पर कई अवसरों पर यथा; 5 जुलाई 2005, 13 जनवरी 2006, 18 अक्तूबर 2006, 16 अगस्त 2007 और 17 सितंबर 2007 के निर्देशों के माध्यम से निर्देशों में आंशिक छूट दी गयी।

31 मार्च 2008 की बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ मे किए गए निरीक्षण से यह संकेत मिला कि बैंक की वित्तीय स्थिति और अधिक खराब हो गई है। बैंक पर लगाए गए प्रतिबंधों को जारी रखा गया । 31 मार्च 2009 की वित्तीय स्थिति के संदर्भ मे भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा किए गए अद्यतन सांविधिक निरीक्षण से यह पता चला कि बैंक की वित्तीय स्थिति अत्यधिक नाजुक हो गई है। भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंक को 31 अगस्त 2009 को कारण बताओ नोटिस जारी किया कि अधिनियम की धारा 22 के अधीन भारत में बैंकिंग कारोबार करने के लिए बैंक को दिया गया लाईसेंस क्यों न रद्द किया जाए। कारण बताओ सूचना के उत्तर में बैंक ने पुनरुज्जीवन की कोई सक्षम योजना प्रस्तुत नहीं की।

पुनर्जीवन के सभी विकल्पों की जांच करने के बाद पुनरुज्जीवन किए जाने की कोई आशा न होने के कारण भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंक के जमाकर्ताओं के हित में अंतिम उपाय के रूप में बैंक का लाइसेंस रद्द करने का निर्णय लिया। लाइसेन्स रद्द किये जाने और समापन प्रक्रिया आरंभ करने से राबकावी अर्बन को-आपरेटिव बैंक लि., राबकावी , कर्नाटक के जमाकर्ताओं को निपेक्ष बीमा योजना की शर्तों के अधीन जमाराशि के भुगतान की प्रक्रिया प्रारंभ हो जाएगी।

लाइसेन्स रद्द किये जाने के अनुसरण में राबकावी अर्बन को-आपरेटिव बैंक लि., राबकावी, कर्नाटक पर बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 5(ख) के अंतर्गत जमाराशियां स्वीकार करने और उन्हें वापस लौटाने सहित बैंकिंग कारोबार करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

किसी भी स्पष्टीकरण के लिए जमाकर्ता श्री इंद्रनील चक्रवर्ती, उप महाप्रबंधक, शहरी बैंक विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, बंगलूर से संपर्क कर सकते हैं। उनका संपर्क ब्यौरा निम्नानुसार है:

डाक पता : 10/3/8, नृपतुंग मार्ग, बंगलूर - 560001. टेलीफोन नंबर : (080) 2229 1696 फैक्स नंबर : (080) 2229 3668 /2221 0185 ई-मेल.

जे.डी. देसाई
सहायक प्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी : 2009-2010/1238

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