रिजर्व बैंक ने विजियानगरम को-आपरेटिव अर्बन बैंक लि., विजियानगरम, आंध्र प्रदेश का लाइसेंस रद्द किया - आरबीआई - Reserve Bank of India
रिजर्व बैंक ने विजियानगरम को-आपरेटिव अर्बन बैंक लि., विजियानगरम, आंध्र प्रदेश का लाइसेंस रद्द किया
20 जुलाई 2010 रिजर्व बैंक ने विजियानगरम को-आपरेटिव अर्बन बैंक लि., विजियानगरम को-आपरेटिव अर्बन बैंक लि.,विजियानगरम (आंध्र प्रदेश) का परिचालन जमाकर्ताओं तथा आम जनता के हित में न होने, बैंक की वित्तीय स्थिति खराब होने तथा भविष्य में उसके पुनरुज्जीवन की कोई आशा न होने, आध्र प्रदेश सरकार के विचार विमर्श से विनियामक निर्धारण प्राप्त करने के सभी प्रयास विफल होने तथा सतत अनिश्चितता के कारण जमाकर्ताओं को होनेवाली असुविधा के परिप्रेक्ष्य मे भारतीय रिजर्व बैंक ने 10 जून 2010 को कारोबार की समाप्ति के बाद बैंक को दिया गया लाइसेंस रद्द करने का आदेश जारी किया। सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार, आंध्र प्रदेश राज्य को बैंक के समापन और उसके लिए समापक नियुक्त करने का आदेश जारी करने का अनुरोध किया गया है। उल्लेख किया जाता है कि बैंक के समापन पर हर जमाकर्ता निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम (डीआइसीजीसी) से 1,00,000 (एक लाख रुपये मात्र) रुपये की मौद्रिक सीमा तक अपनी जमाराशियों को वापस पाने का हकदार होता है। 26 फरवरी 1986 को रिज़र्व बैंक ने बैंक को बैंकिंग कारोबार शुरू करने के लिए लाइसेंस प्रदान किया। 31 मार्च 2003 से आगे की बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में किए गए सांविधिक निरीक्षण से यह संकेत मिला कि बैंक के महत्वपूर्ण वित्तीय पैरामीटर जैसे; मूल्यांकित निवल संपत्ति, सीआरएआर, सकल / निवल एनपीए, आदि की स्थिति खराब है तथा इसके फलस्वरूप जमाराशि का ाटांस हुआ हैं। निबंधक, सहकारी समितियां, आंध्र प्रदेश को बैंक के निदेशक मंडल का अधिक्रमण करने के लिए अनुरोध किया गया है। 27 जनवरी 2004 को विशेष अधिकारी / प्रशासक की नियुक्ति की गई तथा बैंक के कार्यकलापों के प्रबंधन के लिए 21 फरवरी 2005 को पीआईसी समिति की नियुक्ति की गई। तथापि पर्याप्त समय देने के बावजूद बैंक में कोई सुधार नहीं हुआ और 26 अप्रैल 2007 को बैंक पर परिचालनात्मक निर्देश लगाए गए जिसके अनुसार समयपूर्व जमाराशि के आहरण तथा नयी जमाराशि स्वीकार करने पर प्रतिबंध लगाया गया। 31 मार्च 2009 की वित्तीय स्थिति के लिए बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 35(क) के अंतर्गत बैंक के के सांविधिक निरीक्षण से यह पता चला कि अधिनियम की धारा 22(3) (क) की अपेक्षानुसार बैंक के पास अपनी देयताएं पूर्ण करने के लिए पर्याप्त आस्तियां नहीं हैं। इसके अलावा अधिनियम की धारा 11(1) के प्रावधानों के अनुरूप बैंक ने न्यूनतम सीआरआर नहीं रखा था। बैंक अपने वर्तमान और भावी जमाकर्ताओं को उनकी मांग पर भुगतान करने की स्थिति में नहीं रहा। बैंक की वित्तीय स्थिति के कारण बैंक का पुनरुज्जीवन करने की कोई आशा नहीं थी तथा बैंक को बैंकिंग कारोबार करने के लिए अनुमति देने से जनहित पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता था। भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंक को 13 नवंबर 2009 को कारण बताओ नोटिस जारी किया जिसमें बैंक को यह पूछा गया कि उनको बैंकिंग कारोबार करने के लिए दिया गया लाईसेंस क्यों न रद्द किया जाए। कारण बताओ सूचना का उत्तर संतोषजनक नहीं पाया गया। अपनी वित्तीय स्थिति में सुधार लाने के लिए बैंक ने कोई कार्य योजना प्रस्तुत नही ं की। अपेक्षित विनियामक निर्धारण प्राप्त करने के लिए सक्षम कार्य योजना के अभाव में भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंक के जमाकर्ताओं के हित में अंतिम उपाय के रूप में बैंक का लाइसेंस रद्द करने का निर्णय लिया। लाइसेन्स रद्द किये जाने और समापन प्रक्रिया आरंभ करने से विजियानगरम को-आपरेटिव बैंक लि., विजियानगरम (आंध्र प्रदेश) के जमाकर्ताओं को निक्षेप बीमा योजना की शर्तों के अधीन जमाराशि के भुगतान की प्रक्रिया प्रारंभ हो जाएगी। लाइसेन्स रद्द किये जाने के अनुसरण में विजियानगरम को-आपरेटिव अर्बन बैंक लि., वजियानगरम (आंध्र प्रदेश) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 5(ख) के अंतर्गत जमाराशियां स्वीकार करने और उन्हें वापस लौटाने सहित बैंकिंग कारोबार करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। किसी भी स्पष्टीकरण के लिए जमाकर्ता श्री बी.डी.प्रसाद राव, महाप्रबंधक, शहरी बैंक विभाग, भारतीय रिजर्व बैंक, सचिवालय रोड, सैफाबाद, हैदराबाद से सपर्क कर सकते हैं। उनका संपर्क ब्यौरा निम्नानुसार है : डाक पता : शहरी बैंक विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, सचिवालय रोड, सैफाबाद, हैदराबाद - 500004, टेलीफोन नंबर : (040) 2323 4920, फैक्स नंबर : (040) 2323 5891, ई-मेल : अजीत प्रसाद |