भारतीय रिज़र्व बैंक ने नवोदय अर्बन को-ओपरेटिव बैंक लि., नागपुर, महाराष्ट्र का लाइसेंस रद्द किया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने नवोदय अर्बन को-ओपरेटिव बैंक लि., नागपुर, महाराष्ट्र का लाइसेंस रद्द किया
9 अक्तूबर 2018 भारतीय रिज़र्व बैंक ने नवोदय अर्बन को-ओपरेटिव बैंक लि., भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 4 अक्तूबर 2018 के आदेश से नवोदय अर्बन को-ओपरेटिव बैंक लि., नागपुर, महाराष्ट्र को बैंकिंग कारोबार संचालित करने के लिए दिए गए लाइसेंस को रद्द किया है। इस आदेश को दिनांक 08 अक्तूबर 2018 के कारोबार की समाप्ति से प्रभावी किया गया। सहकारी सोसाइटी के पंजीयक(आरसीएस), महाराष्ट्र से बैंक के कारोबार को समाप्त करने और बैंक के लिए परिसमापक नियुक्त करने हेतु अनुरोध किया गया है। भारतीय रि़ज़र्व बैंक ने इस बैंक के लाइसेंस को रद्द किया है क्योंकि : i. बैंक के पास पर्याप्त पूंजी संरचना और आय की संभावना उपलब्ध नहीं है। अत: यह बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 11 (1) और धारा 22 (3)(डी) के प्रावधानों का अनुपालन नहीं करता है; ii. बैंक, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की 56 के साथ पठित धारा 22 (3)(ए), 22 (3) (बी), 22 (3) (सी), 22 (3) (डी) व 22 (3) (ई) में उल्लिखित शर्तों का अनुपालन नहीं करता है; iii. बैंक द्वारा की जाने वाली गतिविधियां जमाकर्ताओं के हित के लिए प्रतिकूल है; iv. बैंक अपनी वर्तमान वित्तीय स्थिति के साथ अपने वर्तमान जमाकर्ताओं को पूरी तरह से भुगतान करने में असमर्थ है तथा v. बैंक का कारोबार जारी रखने से सार्वजनिक हित के लिए प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। लाइसेंस रद्द होने के परिणामस्वरूप नवोदय अर्बन को-ओपरेटिव बैंक लि., नागपुर, महाराष्ट्र की बैंककारी विनियमन अधिनियम,1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 5 (बी) में यथापरिभाषित “बैंकिंग” कारोबार, जिसमें जमाराशि स्वीकार करना और अदा करना भी शामिल है, करने की अनुमति तत्काल प्रभाव से समाप्त / रद्द की जाती है । लाइसेंस निरस्त किए जाने के बाद और परिसमापन के कार्य शुरू होने के अनुक्रम में नवोदय अर्बन को-ओपरेटिव बैंक लि., नागपुर, महाराष्ट्र के जमाकर्ताओं को डीआईसीजीसी अधिनियम, 1961 के अनुसार राशि अदा की जाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। परिसमापन के दौरान प्रत्येक जमाकर्ता सामान्य नियम व शर्तों के अधीन निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) से रु.1,00,000/- (एक लाख रुपये मात्र) तक की जमा राशि प्राप्त करने के लिए हकदार होगा। अजीत प्रसाद प्रेस प्रकाशनी: 2018-2019/823 |