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भारतीय रिज़र्व बैंक ने दी मापुसा अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक ऑफ गोवा लि., गोवा का लाइसेंस रद्द किया

17 अप्रैल 2020

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दी मापुसा अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक ऑफ गोवा लि., गोवा का लाइसेंस रद्द किया

भारतीय रिज़र्व बैंक(आरबीआई) ने दिनांक 16 अप्रैल 2020 के आदेश से दी मापुसा अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक ऑफ गोवा लि., गोवा को बैंकिंग कारोबार संचालित करने के लिए दिए गए लाइसेंस को रद्द किया है। इस आदेश को दिनांक 16 अप्रैल 2020 के कारोबार की समाप्ति से प्रभावी किया गया। सहकारी सोसाइटिओं के केंद्रीय पंजीयक, भारत सरकार से भी बैंक के कारोबार को समाप्‍त करने के आदेश जारी करने और बैंक के लिए परिसमापक नियुक्‍त करने हेतु अनुरोध किया गया है।

भारतीय रिज़र्व बैंक ने इस बैंक के लाइसेंस को रद्द किया है क्‍योंकि :

  1. बैंक के पास पर्याप्त पूंजी संरचना और आय की संभावना उपलब्‍ध नहीं है। अत: यह बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 11 (1) और धारा 22 (3) (डी) के प्रावधानों का अनुपालन नहीं करता है;

  2. बैंक, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 22 (3) (ए), 22 (3) (बी), 22 (3) (सी), 22 (3) (डी) व 22 (3) (ई) में उल्लिखित शर्तों का अनुपालन नहीं करता है;

  3. बैंक द्वारा की जाने वाली गतिविधियां जमाकर्ताओं के हित के लिए प्रतिकूल है;

  4. बैंक अपनी वर्तमान वित्तीय स्थिति के साथ अपने वर्तमान जमाकर्ताओं को पूरी तरह से भुगतान करने में असमर्थ होगा; तथा

  5. बैंक का कारोबार जारी रखने से सार्वजनिक हित पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।

2. लाइसेंस रद्द होने के परिणामस्वरूप दी मापुसा अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक ऑफ गोवा लि., गोवा को बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 5 (बी) में यथा परिभाषित “बैंकिंग” कारोबार, जिसमें जमाराशि स्‍वीकार करना और अदा करना भी शामिल है, करने की अनुमति तत्‍काल प्रभाव से समाप्‍त की जाती है ।

3. लाइसेंस रद्द करने और परिसमापन के कार्य शुरू होने के अनुक्रम में दी मापुसा अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक ऑफ गोवा लि., गोवा के जमाकर्ताओं को डीआईसीजीसी अधिनियम, 1961 के अनुसार राशि अदा की जाने वाली प्रक्रिया शुरू की जाएगी। परिसमापन के दौरान प्रत्‍येक जमाकर्ता सामान्‍य नियम व शर्तों के अधीन निक्षेप बीमा और प्रत्‍यय गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) से 5,00,000/- (पाँच लाख रूपये मात्र) तक की जमा राशि प्राप्त करने के लिए हकदार होगा।

(योगेश दयाल) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2019-2020/2232

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