भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंकों द्वारा प्रावधानीकरण के लिए ऋण की अपेक्षित हानि (ईसीएल) आधारित फ्रेमवर्क पर एक बाह्य कार्य समूह का गठन किया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंकों द्वारा प्रावधानीकरण के लिए ऋण की अपेक्षित हानि (ईसीएल) आधारित फ्रेमवर्क पर एक बाह्य कार्य समूह का गठन किया
4 अक्तूबर 2023 भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंकों द्वारा प्रावधानीकरण के लिए ऋण की अपेक्षित हानि (ईसीएल) आधारित भारतीय रिज़र्व बैंक ने सभी हितधारकों से इनपुट प्राप्त करने के लिए 16 जनवरी 2023 को "बैंकों द्वारा प्रावधानीकरण के लिए ऋण की अपेक्षित हानि फ्रेमवर्क का आरंभ" पर चर्चा पत्र जारी किया था। प्रावधानीकरण का ईसीएल दृष्टिकोण मौजूदा हानि-आधारित प्रावधानीकरण व्यवस्था से एक आदर्श बदलाव है। चर्चा पत्र में ऋण संबंधी जोखिम के प्रावधानीकरण के लिए एक दूरदर्शी, सिद्धांत-आधारित ढांचे की परिकल्पना की गई है, जिसे इंटरनेशनल अकाउंटिंग स्टैंडर्ड बोर्ड (आईएएसबी) और यूएस फाइनेंशियल अकाउंटिंग स्टैंडर्ड बोर्ड (एफएएसबी) के अंतर्गत पहले ही लागू किया जा चुका है। 2. चर्चा पत्र में उठाए गए मुद्दों पर विभिन्न हितधारकों से कई टिप्पणियाँ प्राप्त हुई हैं, जिनकी रिज़र्व बैंक द्वारा जांच की जा रही है। जबकि प्रत्येक मुद्दे के संबंध में अपनाए जाने वाले विनियामक रुख की जांच रिज़र्व बैंक द्वारा की जाएगी, इसमें शामिल महत्वपूर्ण परिवर्तन पर प्रभाव डालने वाले कुछ तकनीकी पहलुओं पर स्वतंत्र जानकारी प्राप्त करने के लिए एक कार्य समूह गठित करने का निर्णय लिया गया है। 3. कार्य समूह की अध्यक्षता प्रो. आर. नारायणस्वामी, पूर्व प्रोफेसर, आईआईएम बैंगलोर द्वारा की जाएगी और नीचे दिए अनुसार इसमें शिक्षा और उद्योग क्षेत्र के विशेषज्ञों के साथ-साथ चुनिंदा बैंकों के प्रतिनिधि शामिल होंगे:
4. कार्य समूह के विचारार्थ विषय निम्नानुसार होंगे:
5. दिशानिर्देश का मसौदा तैयार करते समय कार्य समूह की अनुशंसाओं को विधिवत ध्यान में रखा जाएगा, जिसे अंतिम दिशानिर्देश जारी करने से पहले टिप्पणियों के लिए सार्वजनिक डोमेन में रखा जाएगा। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2023-2024/1043 |