भारतीय रिज़र्व बैंक ने कॉरपोरेट ऋण के लिए द्वितीयक बाजार के विकास पर कार्यबल का गठन किया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने कॉरपोरेट ऋण के लिए द्वितीयक बाजार के विकास पर कार्यबल का गठन किया
29 मई 2019 भारतीय रिज़र्व बैंक ने कॉरपोरेट ऋण के लिए द्वितीयक बाजार के विकास पर कार्यबल का गठन किया 4 अप्रैल 2019 को वर्ष 2019-20 के लिए पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति के साथ जारी विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य में यह घोषित किया गया था कि रिज़र्व बैंक कॉरपोरेट ऋणों के लिए द्वितीयक बाजार के विकास पर एक कार्यबल का गठन करेगा। भारत में द्वितीयक ऋण बाजार बड़े पैमाने पर परिसंपत्ति पुनर्निर्माण कंपनियों को बिक्री और बैंकों सहित अन्य उधारदाताओं को तदर्थ बिक्री तक सीमित है और बाजार को मजबूत करने के लिए कोई औपचारिक तंत्र विकसित नहीं किया गया है। ऋण के लिए एक व्यवसायिक, मजबूत और तरल द्वितीयक बाजार सामान्य रूप से ऋण बाजार की क्षमता बढ़ाने में और विशेष रूप से दबावग्रस्त परिसंपत्तियों के समाधान में सहायक के रूप में एक लंबा रास्ता तय करेगा । ऋण के लिए एक अच्छी तरह से विकसित द्वितीयक बाजार व्यापार के निहित जोखिम की पारदर्शी कीमत खोजने में मदद करेगा। इसके अतिरिक्त, इस तरह की कीमत की खोज प्रतिभूतिकरण बाजार में नवाचारों के साथ-साथ कॉरपोरेट क्रेडिट डिफॉल्ट स्वैप (सीडीएस) जैसे निष्क्रिय बाजारों को भी बढ़ावा देगी। इस से बदले में बैंकों द्वारा दिए जा रहे ऋण के जोखिम के बारे में प्रारंभिक चेतावनी के संकेत प्रदान किए जाएंगे जो हामीदारी और उत्पत्ति मानकों में सुधार को प्रोत्साहित करेंगे। तदनुसार, भारतीय रिज़र्व बैंक ने कॉर्पोरेट ऋणों के लिए द्वितीयक बाजार के विकास पर एक कार्यबल का गठन किया है। कार्यबल की संरचना निम्नानुसार है:
कार्यबल का कार्यक्षेत्र हैं भारत में ऋण बिक्री / अंतरण के लिए बाजार की मौजूदा स्थिति के साथ-साथ ऋण व्यापार में अंतरराष्ट्रीय अनुभव की समीक्षा करना और निम्न पर सिफारिश करना:
कार्यबल अगस्त 2019 के अंत तक अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा। योगेश दयाल प्रेस प्रकाशनी : 2018-2019/2797 |